कल्पवासी कैसे चुनेंगे अपनी सरकार
जासं, इलाहाबाद : माघ मेले में इस बार कल्पवास के लिए आ रहे तमाम श्रद्धालुओं को अबकी अपनी सरकार चुनने
जासं, इलाहाबाद : माघ मेले में इस बार कल्पवास के लिए आ रहे तमाम श्रद्धालुओं को अबकी अपनी सरकार चुनने में मुश्किल आ सकती है क्योंकि कल्पवास की अवधि में ही विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में उनके सामने मतदान या कल्पवास में से किसी एक को ही चुनना पडे़गा। कल्पवास करते हैं तो मतदान में दिक्कत होगी और मतदान करते हैं तो कल्पवास छूटेगा।
विधानसभा चुनाव फरवरी में होना है। सात चरणों में मतदान होना है जो 11 फरवरी से आठ मार्च तक चलेगा जबकि पौष पूर्णिमा 12 जनवरी से लेकर 10 फरवरी माघी पूर्णिमा तक माघ मेले में तमाम श्रद्धालु कल्पवास करते हैं, कुछ श्रद्धालु महाशिवरात्रि तक कल्पवास करते हैं जो इस बार 24 फरवरी को है। ऐसे में कल्पवासियों को मतदान में दिक्कत हो सकती है।
प्रशासन के अनुसार माघ मेला के दौरान ढाई से तीन लाख कल्पवासी संगम और गंगा तट पर रहेंगे। तप, धार्मिक अनुष्ठान के साथ कल्पवासी सुबह-शाम गंगा स्नान करते हैं। इसमें क्रम बाधित नहीं होता। मुख्य स्नान पर्व पौष पूर्णिमा 12 जनवरी को और फिर मकर संक्रांति 14 जनवरी को है। मौनी अमावस्या 27 जनवरी को होगी। बसंत पंचमी एक फरवरी, माघी पूर्णिमा 10 फरवरी और महाशिवरात्रि 24 फरवरी को है, इन तिथियों में भी स्नान होता है। प्रदेश के कोने-कोने से लोग इसमें आते हैं। इन स्नान पर्वो के दौरान ही चुनाव आयोग ने विधानसभा चुनाव की घोषणा कर दी है। ऐसे में आम श्रद्धालुओं को भले ही दिक्कत न हो, कल्पवासियों के सामने जरूर दिक्कत खड़ी हो जाएगी। कल्पवासी मानते हैं कि चुनाव में तमाम लोग मताधिकार का प्रयोग करने से वंचित रह जाएंगे। हर साल कल्पवास करने वाले फूलपुर के संतोष सिंह ने बताया कि फरवरी में चुनाव होने से खुद व अन्य कल्पवासी मतदान नहीं कर पाएंगे। पंडा सदाकांत द्विवेदी ने बताया कि फरवरी के बाद चुनाव होता तो ज्यादा बेहतर होता।