Kumbh mela 2019 : निरंजनी अखाड़ा में 150 साधु बने संन्यासी, रात में दी गई अंतिम दीक्षा
कुंभ मेला 2019 के संगम क्षेत्र में निरंजनी अखाड़ा के डेढ़ सौ साधुओं को संन्यासी बनाया गया। अखाड़ा के महामंडलेश्वर ने उन्हें रात में अंतिम दीक्षा दी।
रवि उपाध्याय, कुंभनगर : अखाड़ों में संन्यासी बनने का क्रम शुरू हो गया है। जूना के बाद निरंजनी अखाड़े के डेढ़ सौ साधु संन्यासी बन गए। संगम तट पर जहां शाही स्नान हुआ था वहीं संन्यासी बनने का संस्कार हुआ। सभी साधुओं का मुंडन अखाड़े में ही हुआ। संन्यासी बनकर सबने नया जन्म लिया।
संगम तट पर साधुओं को दी गई संन्यास की दीक्षा
रविवार को जूना अखाड़ा का संन्यास संस्कार पांटून पुल चार के पास गंगा तट पर हुआ था। निरंजनी अखाड़े ने इसके विपरीत संगम तट पर अरसे से जुड़े साधुओं को संन्यास की दीक्षा सोमवार को दी। यहां किसी को आने जाने पर रोक नहीं थी। संन्यासी बनने से पहले सबने अपना, माता पिता, और पुरखों का ङ्क्षपडदान कर दिया। संगम तट पर पिंडदान करके सबने डुबकी लगाई और फिर वहां से अखाड़े आ गए।
संन्यासी बनने की देर रात तक चली प्रक्रिया
अखाड़े में सभी को धर्मध्वजा के नीचे बैठाया गया। रात्रि में अखाड़े में आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी बालकानंद ने सबको दीक्षित किया। यह प्रक्रिया देर रात्रि तक चलती रही। अखाड़े के सचिव महंत नरेंद्र गिरि ने बताया कि करीब डेढ़ सौ साधुओं को संन्यास की दीक्षा दी गई है।
स्वामी रामदेव भी दीक्षा कार्यक्रम में पहुंचे
निरंजनी अखाड़े के संन्यास दीक्षा कार्यक्रम में स्वामी रामदेव भी पहुंचे। वह काफी देर तक वहां बैठे रहे और अखाड़े के पदाधिकारियों से बातचीत की। एक नागा संन्यासी ने उनके साथ फोटो ङ्क्षखचाने की इच्छा व्यक्त की तो उन्होंने उसे निराश नहीं किया। रामदेव ने गंगा पर बने प्लेटाफार्म पर चढ़कर योग किया और महंत नरेंद्र गिरि और सतुआ बाबा के साथ फोटो खिंचवाई।