27 प्रधानों पर कौशांबी के 13 अफसर आखिर क्यों हैं मेहरबान
महीनों बाद भी अफसरों ने शिकायतों की जांच नहीं की। इससे ग्रामीण कहने लगे हैं कि आखिर कौशांबी के 27 गांवों के प्रधानों पर अफसर इतने मेहरबान क्यों हैं।
प्रयागराज : पड़ोसी जिले कौशांबी के 27 गांवों के प्रधानों पर विकास कार्यों के लिए आई धनराशि में से लाखों की हेराफेरी का आरोप है। इनकी शिकायतें शपथपत्र के साथ उच्च अधिकारियों से हुई तो मामले की जांच के लिए अफसरों की टीम गठित कर दी गई। हालांकि अफसरों की मेहरबानी के चलते मामले की जांच महीनों बाद भी नहीं हुई। मामला डीएम तक पहुंचा तो उन्होंने 15 दिनों में जांच पूरी करने का अल्टीमेटम दे दिया।
गांव में विकास कार्यों को लेकर प्रधानों के साथ ही अन्य जिम्मेदार कर्मचारियों ने जमकर खेल किया है। इसका आलम यह रहा कि जिस काम के लिए लाखों के धन की निकासी हुई। वह काम नहीं हुआ। इस गड़बड़झाले को लेकर गांव के लोगों ने शपथ पत्र के साथ शिकायत भी की, लेकिन जिन अधिकारियों को जांच की जिम्मेदारी दी गई। वह जांच करने गांव ही नहीं गए।
कुछ अधिकारियों ने जांच की भी तो उनकी रिपोर्ट इस स्तर की नहीं है कि उसको लेकर कोई कार्रवाई की जा सके। अधिकारियों ने उनकी जांच रिपोर्ट को लेकर सवाल उठाए हैं और उनको दोबारा जांच का निर्देश दिया है। महीनों बीत जाने के बाद भी उन्होंने अब तक अपनी रिपोर्ट अधिकारियों को नहीं सौंपी है। इस पर उनको रिमाइंडर भी भेजा गया, जिलाधिकारी ने इस मामले को लेकर अधिकारियों के साथ बैठक की। लापरवाह अधिकारियों की फटकार लगाई।
कहां-कहां शिकायत हैं लंबित :
अधिक छह शिकायतें पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी के पास लंबित है। दूसरे नंबर पर डीडी ग्राम्य विकास व डीपीओ के पास तीन-तीन शिकायतें लंबित है। इसी प्रकार सहायक आयुक्त निबंधक, डीडी कृषि, बीएसए, जिला पूर्ति अधिकारी व समाज कल्याण अधिकारी के पास दो-दो शिकायत लंबित हैं। जिला प्रोबेशन, जिला पशु चिकित्साधिकारी, जिला विकास अधिकारी, जिला कृषि अधिकारी व डीआइओएस के पास एक-एक शिकायतें लंबित है। इस प्रकार इन अधिकारियों के पास 27 शिकायतें लंबित होने से आरोपित प्रधानों पर कार्रवाई लंबित है।
क्या कहते है अधिकारी :
जिन अधिकारियों ने अब तक जांच पूरी नहीं सौंपी है। उनको चेतावनी दी गई है। 15 दिनों में उन्होंने जांच पूरा कर अपनी आख्या नहीं दी तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
- मनीष कुमार वर्मा, डीएम कौशांबी