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निर्भया कांड के बाद मुखर हो रहे लोग

जासं, इलाहाबाद : दिल्ली में दो साल पूर्व हुए निर्भया कांड के बाद से लोग महिलाओं की घटनाओं पर ज्यादा

By Edited By: Published: Wed, 17 Dec 2014 08:49 PM (IST)Updated: Wed, 17 Dec 2014 08:49 PM (IST)
निर्भया कांड के बाद मुखर हो रहे लोग

जासं, इलाहाबाद : दिल्ली में दो साल पूर्व हुए निर्भया कांड के बाद से लोग महिलाओं की घटनाओं पर ज्यादा मुखर जरूर हो रहे हैं, लेकिन आश्चर्यजनक तरीके से महिलाओं के साथ होने वाली घटनाओं में कोई कमी नहीं आई है। इसके लिए पितृ सत्तात्मक व्यवस्था को जिम्मेदार बताया गया। यह चर्चा बुधवार को इलाहाबाद विश्वविद्यालय के उर्दू विभाग के सामने आयोजित विचार गोष्ठी में हुई। स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआइ) की ओर से 'निर्भया की लड़ाई, किस ओर : दो वर्ष' विषयक गोष्ठी में प्रदेश सचिव अखिल विकल्प ने कहा कि बाजारवाद में महिलाओं को उपभोग की वस्तु बनाकर पेश किया जाता है। बाजार अश्लील फिल्मों, तस्वीरों, अश्लील वेबसाइट व साहित्य आदि के माध्यम से अश्लीलता परोसने का कार्य कर रही हैं। सरकार का उसके ऊपर कोई नियंत्रण नहीं है। हमें महिलाओं, दलितों, अल्पसंख्यकों, किसानों, मजदूरों, छात्रों नौजवानों को मिलकर इस तरह सवाल को जनआंदोलन का सवाल बनाना होगा। यही निर्भया की लड़ाई के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

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जनसंचार की गेस्ट फैकल्टी अमृता ने कहा कि महिलाओं की लड़ाई सिर्फ महिलाओं की ही नहीं है यह पूरे समाज की लड़ाई है। महिलाओं व छात्राओं को सिर्फ सुरक्षा का भरोसा देने के बजाय उनको साहसी एवं आत्म विश्वासी बनाया जाए। इस अवसर पर शोध छात्र रमाशंकर, शशि त्रिपाठी, जय प्रकाश, सत्येंद्र, सादाब, योगेश गौतम, सुयश आदि ने विचार व्यक्त किए।


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