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घर बैठे लेक्चर अटेंड कर सकेंगे छात्र

जासं, इलाहाबाद : 'शिक्षा आपके द्वार' की योजना अब प्रभावी रूप लेने जा रही है। देश के जिन प्रोफेसरों क

By Edited By: Published: Thu, 02 Oct 2014 01:55 AM (IST)Updated: Thu, 02 Oct 2014 01:55 AM (IST)
घर बैठे लेक्चर अटेंड कर सकेंगे छात्र

जासं, इलाहाबाद : 'शिक्षा आपके द्वार' की योजना अब प्रभावी रूप लेने जा रही है। देश के जिन प्रोफेसरों का लेक्चर अटेंड करने के लिए छात्र अब तक सपना देखा करते थे, अब उनका लेक्चर घर में सुनना संभव हो सकेगा। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने छात्रों को मुफ्त मॉक (मेसिव ओपेन ऑनलाइन कोर्स) सुविधा देने की पहल की है जिसके जरिए उनका उपरोक्त सपना पूरा हो सकेगा।

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मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने इस योजना की शुरूआत के लिए देशभर के केन्द्रीय विश्वविद्यालयों के कुलपतियों से रायशुमारी भी कर ली है। योजना पर पहल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के डिजीटल इंडिया प्रस्ताव के तहत की जा रही है। योजना को स्वयं (स्टडी वेब्स ऑफ ऐक्टिव लर्निग्स फार यंग एसपायरिंग माइंड) नाम दिया गया है। 'स्वयं' के जरिए केन्द्रीय विश्वविद्यालयों के प्रोफेसरों के लेक्चर इंटरनेट माध्यम से ऑनलाइन प्रेषित की जाएगी। स्वयं के निर्माण के लिए मंत्रालय ने आइआइटी मुंबई को जिम्मा सौंपा है।

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क्या है मॉक प्रणाली

वर्तमान में अमेरिका द्वारा मेसिव ओपेन ऑनलाइन कोर्स (मॉक) का संचालन किया जा रहा है। इसमें अमेरिका के कई विश्वविद्यालयों के प्रोफेसर जुड़े हुए हैं, जो विश्व के लाखों छात्रों को ऑनलाइन प्रशिक्षण देते हैं। मॉक का उद्देश्य एक शिक्षक के माध्यम से प्रतिदिन कम से कम सौ से तीन सौ छात्रों को शिक्षित करना है। इसी प्रारूप के जरिए भारत में भी 'स्वयं' की शुरूआत की जाएगी।

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इविवि कैंपस जल्द होगा वाई-फाई युक्त

केन्द्र सरकार की डिजीटल इंडिया की मुहिम को मजबूती प्रदान करने के लिए इलाहाबाद विश्वविद्यालय कैंपस जल्द ही वाई-फाई युक्त होगा। वाई-फाई के लिए कवायद काफी पहले से ही चल रही है किंतु इसे आगामी दो-तीन माह के भीतर अंतिम रूप दे दिया जाएगा। कैंपस वाई-फाई होने से छात्र मॉक के जरिए शुरू होने वाले ऑनलाइन कोर्स की सुविधा सरलता से प्राप्त कर सकेंगे।

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इस योजना के तहत दूसरों को भी फायदा मिल सके, इसकी तैयारी की गई है। उम्मीद है कि केंद्र सरकार की यह पहल लाखों छात्रों को लाभान्वित कर सकेगी।

-प्रो. एनआर फारुकी, कुलपति इलाहाबाद विश्वविद्यालय।


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