गोल में बॉल कर लूटेंगे वाह-वाह
जागरण संवाददाता, अलीगढ़ : ऐसा नहीं है कि शहर में फुटबाल में शहर का नाम रोशन करने का
जागरण संवाददाता, अलीगढ़ : ऐसा नहीं है कि शहर में फुटबाल में शहर का नाम रोशन करने का दम रखने वाली प्रतिभाएं नहीं हैं। अभाव है, तो सुविधाओं व माहौल का। कुछ खिलाड़ी प्रशिक्षण के लिए पंजीकरण कराते भी हैं, तो उनको सुविधाएं नहीं मुहैया हो पातीं। स्पोर्ट्स स्टेडियम में कभी खिलाड़ियों को मैदान तो कभी नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्पोर्ट्स (एनआइएस) प्रशिक्षित कोच की कमी से दो-चार होना पड़ता है। मौजूदा स्थिति यह है कि स्टेडियम में फुटबाल का प्रशिक्षण पाने के लिए मात्र 25 बालक व 12 बालिका खिलाड़ी ही पंजीकृत हैं। मगर इस राज्यस्तरीय प्रतियोगिता से शहर के खिलाड़ियों में भी खासा उत्साह है। बाहर से आने वाली व मजबूत माने जाने वाली लखनऊ व वाराणसी जैसी टीमों के खिलाड़ियों के साथ खेलने व उनके अनुभव जानने से फुटबाल में बेहतर करने का जज्बा बढ़ सकता है। डिप्टी स्पोर्ट्स ऑफिसर अश्रि्वनी कुमार त्यागी ने कहा कि स्टेडियम में सुविधाओं में लगातार इजाफा हुआ है।
खिलाड़ियों के बोल
क्रिकेट से आधी भी लोकप्रियता यहां फुटबाल को मिले तो खिलाड़ी खुद इस खेल से जुड़ने को तैयार होंगे। अच्छी कोचिंग व मैदान की सुविधाओं के साथ माहौल बहुत जरूरी है।
आदित्य कुमार
कई मंडलों की मजबूत टीमें भी आ रही हैं। इनके संग खेलने व चर्चा से खेल में काफी सुधार की गुंजाइश रहती है। नई चीजें भी सीखने को मिलती हैं। इससे फुटबाल के प्रति जरूर रुझान बढ़ेगा।
उमर अशरफ
प्रतिस्पर्धा और बड़ी प्रतिस्पर्धा खुद खिलाड़ी को बेहतर करने के लिए तैयार करती हैं। शहर के खिलाड़ियों के लिए कुछ सुविधाएं जरूर कम हैं जिनका असर बड़ी प्रतियोगिताओं में देखने को मिलता है।
शुभम लोचन
सुविधाएं भले कम हों मगर शहर व ग्रामीण प्रतिभाओं में जुनून काफी है। ऐसी बड़ी प्रतियोगिताएं बेहतर करने के लिए प्रेरित करती हैं। इससे खेल व खिलाड़ियों के प्रदर्शन में जरूर सुधार होगा।
एनम खान