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वाह री व्‍यवस्‍था, अपने ही हॉस्पिटल में नवजात बन गई डॉक्टर !

नगर निगम से जारी हो रहे जन्म व मृत्यु प्रमाणपत्रों में किस हद तक लापरवाही बरती जा रही है ये किसी से छिपा नहीं है।

By Sandeep SaxenaEdited By: Published: Mon, 21 Oct 2019 09:19 AM (IST)Updated: Mon, 21 Oct 2019 09:40 AM (IST)
वाह री व्‍यवस्‍था, अपने ही हॉस्पिटल में नवजात बन गई डॉक्टर !
वाह री व्‍यवस्‍था, अपने ही हॉस्पिटल में नवजात बन गई डॉक्टर !

अलीगढ़ (जागरण स्‍पेशल) : नगर निगम से जारी हो रहे जन्म व मृत्यु प्रमाणपत्रों में किस हद तक लापरवाही बरती जा रही है, ये किसी से छिपा नहीं है। पिछले दिनों फर्जी मृत्यु प्रमाणपत्र ने निगम को कठघरे में खड़ा किया था। इसकी जांच अभी शुरू भी नहीं हो पाई थी कि खामियों से भरे एक जन्म प्रमाण पत्र ने अफसरों की कार्यशैली पर सवाल उठा दिए हैं। नगर निगम से जारीप्रमाण पत्र में उसी महिला डॉक्टर को नवजात दर्शाया गया है, जिसने डिलीवरी की। हॉस्पिटल भी उन्हीं का है। प्रमाण पत्र के हिसाब से महिला डॉक्टर का जन्म उन्हीं के हॉस्पिटल में 12 माह पूर्व हुआ है। अनदेखी इतनी कि नाम के आगे डॉक्टर लिखा है, फिर भी  शंका नहीं हुई और प्रमाणपत्र जारी कर दिया गया। लापरवाही सामने आई तो आनन-फानन निरस्त कर दिया गया। इस मामले में नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. शिवकुमार का कहना है कि ऐसा गलती से हुआ है। सभी प्रमाण पत्र अब ऑनलाइन हो चुके हैं। टाइपिंग करते समय गलती हुई होगी। इसे निरस्त करा दिया गया है।

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बैक डेट में बनवाया गया है प्रमाण पत्र

नगर निगम में जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र रजिस्ट्रार (जन्म-मृत्यु) नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. शिवकुमार के कार्यालय से जारी होते हैं। यहां एक जन्म प्रमाण पत्र बनाया गया, जिसमें पंजीकरण और जारी करने की तिथि 24 सितंबर, 18 अंकित है। इसी दिन रजिस्ट्रार के हस्ताक्षर हुए। नवजात के नाम के आगे महिला डॉक्टर का नाम है, आगरा रोड स्थित इन्हीं के हॉस्पिटल में 20 सितंबर, 18 को जन्म दर्शाया गया है। पिता का नाम तरुण वाष्र्णेय और मां का नाम कीर्ति लिखा है। बताया जा रहा है कि प्रमाण पत्र बैक डेट में बनवाया गया था। जब यह बच्चे के परिजनों को मिला तो बच्चे के कॉलम में डॉक्टर का नाम देखकर उनके होश उड़ गए। नगर निगम आकर अफसरों से संपर्क किया, तब उन्होंने गलती का अहसास करते हुए इसे रद कराया।

फर्जी प्रमाण पत्र की जांच शुरू

क्वार्सी क्षेत्र के कुलदीप के पुष्प कुमार की मृत्यु के फर्जी प्रमाण पत्र मामले में जांच शुरू हो चुकी है। जांच अधिकारी सहायक नगर आयुक्त राजबहादुर सिंह ने प्रकरण की पत्रावलियां मंगाई हैं। यह प्रमाण पत्र मृतक की दिल्ली निवासी पत्नी ललितेश ने जेएन मेडिकल कॉलेज में मृत्यु दर्शाकर बनवाया था, जबकि जांच में पाया गया कि मृत्यु घर पर हुई है।


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