Move to Jagran APP

गायों का माल्यार्पण कर किया पूजन, गुड़ खिलाकर मांगा आशीर्वाद Aligarh news

जिले में निराश्रित गोवंश के संरक्षण एवं संवर्धन के प्रति जन-जागरूकता नागरिकों में सहृदयता व दयाभाव विकसित करने के उद्देश्य से गोपाष्टमी पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। डीएम समेत पूरे प्रशासनिक अमला इन आयोजनों में हिस्सा लेने पहुंचा है।

By Anil KushwahaEdited By: Published: Sun, 22 Nov 2020 03:02 PM (IST)Updated: Sun, 22 Nov 2020 03:02 PM (IST)
गायों का माल्यार्पण कर किया पूजन, गुड़ खिलाकर मांगा आशीर्वाद Aligarh news
गाय-बछड़ों के साथ भगवान श्रीकृष्ण की पूजा-आरती की गई।

अलीगढ़, जेएनएन : जिले में निराश्रित गोवंश के संरक्षण एवं संवर्धन के प्रति जन-जागरूकता, नागरिकों में सहृदयता व दयाभाव विकसित करने के उद्देश्य से गोपाष्टमी पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। डीएम समेत पूरे प्रशासनिक अमला इन आयोजनों में हिस्सा लेने पहुंचा है। जनप्रतिनिधि भी शामिल हुए हैं। समस्त गो-आश्रय स्थलों की साफ-सफाई, गायों को संजाने-संवारने, हरी घास खिलाने व रोली चंदन से विधिवत गो-पूजन की व्यवस्था गई। गाय-बछड़ों के साथ भगवान श्रीकृष्ण की पूजा-आरती की गई। माला पहनाईं और गुड़ भी खिलाया। लोगों को गो-सेवा व पर्यावरण संरक्षण का संकल्प दिलाया गया। 

loksabha election banner

विधि विधान से की पूजा

मुख्य कार्यक्रम तहसील गभाना के वृहद गो-शाला केन्द्र नगला ओगर राजू में आयोजित किया गया। इसमें क्षेत्रीय विधायक ठा. दलवीर सिंह, डीएम चंद्रभूषण सिंह, सीडीओ अनुनय झा समेत पशुपालन, विकास व राजस्व के अधिकारियों एवं स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा प्रतिभाग किया गया। सर्वप्रथम सभी गायों को स्नान कराया गया। इसके बाद पुष्प, अक्षत, गंध आदि से विधि-विधान पूर्वक हवन हुआ। इसमें सभी अधिकारियों ने आहुतियां दीं। मुख्य अतिथि व अन्य अधिकारियों ने गोशाला में जीवन यापन कर रहीं गायों को गुड़ के साथ हरी घास खिलाई। टीकाकरण भी कराया गया। 

गाय का दूध अमृत समान

विधायक ने कहा कि गाय का दूध अमृत के समान होता है, वहीं उसका गोबर व मूत्र भी बहुउपयोगी होता है। गाय के दूध और मूत्र से अनेक प्रकार की औषधियां बनाई जाती हैं, जिनका उपयोग सामान्य से लेकर गंभीर बीमारियों के इलाज में किया जाता है। सही मायने में गाय का मानव जीवन में बहुत महत्व है। प्राचीन ग्रंथों व ऋषि मुनियों ने गाय को जीवनदायिनी भी कहा है। इसलिए हमें गो-संरक्षण के लिए आगे आने चाहिए।  डीएम ने कहा कि आज के दिन आमजन को गो-पालन, गो-सेवा, गो-रक्षा व पर्यावरण बचाने एवं संरक्षित करने का भी संकल्प लेना चाहिए। गोपाष्टमी वास्तविकता में प्रकृति और पर्यावरण की ही पूजा है। गोपाष्टमी का पर्व पर्यावरण के प्रति जागरूक एवं संरक्षण का संदेश देता है। आज के दिन भगवान श्रीकृष्ण द्वारा सर्व कल्याण भाव से अपनी कनिष्टिका पर गोवर्धन पर्वत को उठाया गया था, तभी से संपूर्ण विश्व में प्रतिवर्ष गोपाष्टमी का पर्व कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की अष्टमी को मनाया जाता है। मुख्य विकास अधिकारी ने संदेश देते हुए कहा कि अनादिकाल से पूजनीय गाय को जीवन का आधार माना गया है। हर घर मे एक गाय अवश्य पाली जानी चाहिए। इन दौरान एसडीएम प्रवीण कुमार, तहसीलदार रेशमा सहाय, कानूनगो राष्ट्र गौरव, सीवीओ डॉ. बीपी सिंह, डॉ. केपी वार्ष्णेय, पशु चिकित्सक डॉ. देवेंद्र सिंह, डॉ. अरविंद कुमार, पशुधन प्रसार अधिकारी सुबोध कांत राठौड़, कोमल राम, संजीव कुमार,दिनेश कुमार, ब्रहम्म प्रकाश, लेखपाल गोपी पांडेड, विक्रम सिंह आदि मौजूद रहे।  

गोपाष्टमी पर्व का महत्व 

प्राचीन परंपरा के अनुसार गोपाष्टमी पर गाय-बछड़े एवं भगवान श्रीकृष्ण की पूजा की जाती है। गोपाष्टमी उत्सव गाय के संरक्षण से जुड़ा हुआ त्योहार है। मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण ने कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा से लेकर सप्तमी तक देवराज इंद्र के प्रकोप से गो, गोप एवं गोपियों की रक्षा के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगली पर धारण किया गया था। कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष अष्टमी के दिन देवराज इंद्र ने अपनी पराजय स्वीकार की थी। उनका अहंकार टूट गया, और वह भगवान श्रीकृष्ण की शरण में आ गए थे।  

यहां भी मनाई गई गोपाष्टमी 

तहसील कोल की कान्हा गोशाला, सासनीगेट में सांसद सतीश गौतम,  शहर विधायक संजीव राजा, कोल विधायक अनिल पाराशर व नगर आयुक्त प्रेम रंजन सिंह,  गो आश्रय स्थल नगर पंचायत जलाली में छर्रा विधायक ठा. रवेंद्र पाल सिंह व एसडीएम कोल, पेंडरा में शिक्षा राज्य मंत्री संदीप सिंह, विधायक ठा. रवेंद्र पाल सिंह और एसडीएम अतरौली, तहसील खैर की कान्हा गोशाला उदयगढ़ी में खैर विधायक अनूप प्रधान व एसडीएम खैर, तहसील इगलास के ग्राम ताहरपुर में विधायक राजकुमार सहयोगी व एसडीएम शामिल शामिल हुए। सभी जगह गोपाष्टमी पर्व की धूम रही। 

श्री वार्ष्णेय मंदिर में गाय का पूजन

श्री वार्ष्णेय मंदिर में महंत मनोज मिश्रा व महेश बह्मचारी ने वेद मंत्रों के साथ गाय का पूजन किया। मंदिर प्रवक्ता भुवनेश वार्ष्णेय ने बताया कि गुड़, चना, फल व हरा चारा से गोवंश का भोग लगाया गया। गाेवंश के साथ लोगों ने सेल्फी लेकर इंटरनेट मीडिया पर पोस्ट की। इस अवसर पर मंदिर के व्यवस्थापक राधेश्याम गुप्ता, संयोजक पुखराज सराफ, राजाराम मित्र, एलडी वार्ष्णेय, पार्षद अलका गुप्ता, योगेश वार्ष्णेय, दीपिका वार्ष्णेय, लव गुप्ता, दामिनी गुप्ता, शिवम वार्ष्णेय, गिरीश वार्ष्णेय आदि मौजूद रहे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.