सौहार्द व खुशियों का अद्भुत संगम अलीगढ़ का अपार्टमेंट वैष्णो बांकनेर aligarh news
यहां वातानुकूलित मीटिंग हॉल है किसी विषय पर चर्चा के लिए संदेश दिया जाता है तो सभी महिलाएं व पुरुष यहां इकट्ठे हो जाते हैं।
अलीगढ़ (जेएनएन) । रुपये कमाने व जीविका चलाने की दौड़ में लोग अपनों के लगाव व स्नेह से दूर हो जाते हैं। इसी के चलते घर व मकान की जगह सोसायटी व अपार्टमेंट स्थापित हो रहे हैं। जहां अलग-अलग परिवारों के लोग एक साथ रहते हैं और एक-दूसरे से खास मतलब नहीं रखते। अपार्टमेंट के इस दौर में अगर अपनों जैसा प्यार, स्नेह, सौहाद्र्र मिल जाए व सुख-दुख में कंधे से कंधा मिलाकर खड़े होने वाले मिल जाएं तो वो जगह किसी स्वर्ग से कम नहीं होती। ऐसा ही जनकपुरी स्थित वैष्णव बांकनेर अपार्टमेंट में देखने को मिलता है। यहां लोग एक-दूसरे से परिवार की तरह मिलते ही नहीं बल्कि एक-दूसरे की भलाई के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं। करीब डेढ़ साल पहले बनकर तैयार हुआ तमाम सुविधाओं व संसाधनों से परिपूर्ण यह अपार्टमेंट एकता-सौहार्द्र की मिसाल पेश करता है। यहां 70 फ्लैट्स हैं। अभी तक 45 फैमिली यहां अपना आशियाना बना चुकी हैं। जादौन बिल्डर्स के डायरेक्टर ठा. सुनील सिंह ने इस अपार्टमेंट को सिर्फ सुविधाओं से भरपूर ही नहीं बनाया बल्कि सुरक्षा व पर्यावरण का भी खूब ख्याल रखा है।
तीसरी आंख की निगरानी
अपार्टमेंट में 55 से 60 हाई डेंसिटी कैमरों की निगरानी 24 घंटे चालू रहती है। यहां तक कि लिफ्ट में भी सीसी कैमरे लगे हैं। छत पर भी कैमरे लगाए गए हैं ताकि कोई भी आहट हो तो कंट्रोल रूम पर चेक किया जा सके कि ऊपर कौन है?
पुलिस को पकड़वा दिए चोर
अपार्टमेंट के अंदर ही कैमरों का जाल नहीं बल्कि उसके बाहर रोड की निगरानी भी होती है। ठा. सुनील ने बताया कि पूर्व में कुछ चोरी की घटनाएं मोहल्ले में हुईं। उसमें पुलिस को अपार्टमेंट के कैमरों से ही चोर की शिनाख्त करने में सफलता हासिल हुई।
इंटरकॉम की सुरक्षा भी
वैष्णो बांकनेर अपार्टमेंट में प्रवेश करने से पहले गेट पर चौकीदार एंट्री कराते हैं। फिर आगंतुक को इंटरकॉम के जरिये घर पर बात कराई जाती है। घर पर बात करते समय मालिक आगंतुक को स्क्रीन पर देख सकता है। तब उसको अंदर जाने की परमीशन मिलती है।
पर्यावरण संरक्षण की मिसाल
अपार्टमेंट की छत पर पर्यावरण की बेजोड़ मिसाल मिलती है। डायरेक्टर ने इसके निर्माण के समय 1000 पौधे मंगवाए थे। बाद में 1000 पौधे और लगाए गए। अब 2000 से ज्यादा विभिन्न तरह के पौधे छत पर लगे हैं। पौधों के बराबर पूरी छत के किनारे-किनारे ही टहलने का ट्रैक बनाया गया है। महिला-पुरुष कोई भी शाम या रात में छत पर ही सुरक्षित टहल सकता है वो भी पर्यावरण के बीच।
वातानुकूलित मीटिंग हॉल भी
परिवारों को एक साथ बैठकर अगर किसी मुद्दे या योजना पर विचार-विमर्श करना है तो इसकी भी व्यवस्था यहां है। यहां वातानुकूलित मीटिंग हॉल है, किसी विषय पर चर्चा के लिए संदेश दिया जाता है तो सभी महिलाएं व पुरुष यहां इकट्ठे हो जाते हैं।
सुनील की पकौड़ी-चटनी का जोड़ नहीं
जादौन बिल्डर्स डायरेक्टर ठाकुर सुनील सिंह पाक शास्त्र में निपुण हैं। वेज से लेकर नॉनवेज हर व्यंजन लजीज बनाते हैं। घर पर कोई नॉनवेज नहीं खाता लेकिन बिना किसी ट्रेनिंग के खाना बनाने में महारथ हासिल है। अपार्टमेंट के ही साथियों ने बताया कि जब सब साथ मिलकर बैठते हैं तो सुनील जी की पकौड़ी व चटनी कब तैयार होकर आ जाती है पता ही नहीं चलता। उन्होंने बताया कि उन्होंने ढोलक बजाना सीखी नहीं है लेकिन जब वो ढोलक बजाते हैं तो किसी पारंगत वादक की तरह।
बेटी की शादी में सहयोग
डोर फिटिंग हार्डवेयर का बिजनेस करने वाले राजेश सिंह बताते हैं कि नौ मार्च को बेटी की शादी थी। डायरेक्टर ने चार फ्लैट खोल दिए और चार अन्य फ्लैट की चाबी सौंप दी। सबके सहयोग से पूरे समारोह में पता ही नहीं चला कि कैसे इतना बड़ा आयोजन निपट गया?
की-बोर्ड की दी पेशकश
पूजा गंगल ने मीटिंग हॉल में की-बोर्ड पर फिल्मी गीत की शानदार धुन बजाई। जिंदगी एक सफर है सुहाना, यहां कल क्या हो किसने... गीत को बड़े सलीके व सुर में बजाया। बताया कि वे शौकिया की-बोर्ड प्ले करती हैं। उनके साथ छोटी बच्ची मनरीत कौर ने भी हैप्पी बर्थ डे टू यू... की धुन की-बोर्ड पर बजाई।
श्वेता की बेजोड़ दाल-बाटी
ज्वेलर सचिन सिंह की पत्नी श्वेता सिंह लजीज दाल-बाटी बनाती हैं। उनकी इस डिश के सभी कायल हैं। श्वेता ने बताया कि आटे में मोयन व दूध का इस्तेमाल कर उबालती हैं, बाद में सामग्री को पीसती हैं। दाल बनाने में गंगाजल का उपयोग भी करती हैं।
योग पर सुनाई कविता
मीनाक्षी जैन ने मीटिंग हॉल में योग पर तैयार की कविता को सुनाया। मीनाक्षी ने बताया कि उन्हें कविता लिखने का शौक है। इसके अलावा वे कई सामाजिक कार्य भी करती हैं। उनकी कविताओं का फेसबुक पेज भी बना है। ब्लड डोनेशन कैंप भी लगवाती हैं।
ये भी रहे मौजूद
हेमलता माहेश्वरी, श्वेता सिंह, मधुबाला सिंह, टीया जैन, रेनू पाठक, लकी पाठक, राजेश पाठक, सुनील माहेश्वरी, एनबी गुप्ता, डॉ. पीएस वाष्र्णेय, सुखमीत सिंह, डॉ. आशीष मित्तल, विपिन गंगल, प्रवीण शर्मा, अरुण जैन, हुकुम सिंह, मुकुंद अग्रवाल विभिन्न गतिविधियों में शामिल रहे।
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