Aligarh News: हत्या में गवाह पक्षद्रोही, अदालत ने सिपाही पति को सुनाई उम्रकैद की सजा
जिला जज की अदालत ने क्वार्सी क्षेत्र में सात माह पहले महिला की हत्या के मामले में सभी गवाहों के पक्षद्रोही होने पर भी सिपाही पति को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है। साथ ही 20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।
अलीगढ़, जागरण संवाददाता। जिला जज की अदालत ने क्वार्सी क्षेत्र में सात माह पहले महिला की हत्या के मामले में सभी गवाहों के पक्षद्रोही होने पर भी सिपाही पति को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है। साथ ही 20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।
यह है मामला
डीजीसी फौजदारी जितेंद्र सिंह ने बताया कि खैर के गांव अहरोला निवासी रामवीर सिंह ने तहरीर दी थी। इसमें कहा था कि करीब 10 साल पहले उन्होंने अपनी बेटी चंचल की शादी टप्पल क्षेत्र के गांव मालव निवासी गजेंद्र सिंह के साथ की थी, जो पीएसी लखनऊ में सिपाही के पद पर तैनात है। चंचल गजेंद्र के साथ रहने की जिद करती थी। लेकिन, उसके पास रहने की उचित व्यवस्था नहीं थी। ऐसे में दोनों के बीच कहासुनी होती रहती थी। इसे लेकर चंचल ने एसएसपी से शिकायत की थी, जिसके बाद परिवार परामर्श केंद्र ने दोनों के बीच समझौता करा दिया।
निर्दोष साबित करने में असफल रहा बचाव पक्ष
इसके बाद दोनों रामघाट रोड स्थित केके अस्पताल के बराबर वाली गली में रहने लगे। 14 मार्च को दोनों के बीच फिर कहासुनी हुई। इसमें गजेंद्र ने देर रात चंचल की हत्या कर दी। मायके पक्ष के लोग पहुंचे तो चंचल का शव पड़ा मिला। इस आधार पर पुलिस ने गजेंद्र के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया और आरोप पत्र दाखिल किया गया। डीजीसी ने बताया कि मामले में पीड़िता के पिता, भाई पक्षद्रोही हो गए। अदालत ने फिर भी आरोपित पति को दोष सिद्ध करते हुए फैसला सुनाया है। डीजीसी ने बताया कि कानून के तहत यह अपराध कस्टोडियन डेथ की श्रेणी में है। ऐसे में बचाव पक्ष खुद को निर्दोष साबित करने में असफल रहा।
छह लोगों को आजीवन कारावास की सजा
अलीगढ़। चंडौस थाना क्षेत्र में छह साल पहले युवक की गोली मारकर हत्या के मामले में एससी-एसटी की विशेष अदालत ने छह लोगों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। घटना 24 जून 2016 को हुई थी। देव उर्फ फौजी अपने घर के पास खड़े थे। रंजिश के चलते आरोपितों ने उन्हें गोली मारी थी।