घर की दहलीज लांघकर पुलिस की मदद लेकर कोर्ट तक की लड़ रही कानूनी जंग Aligarh news
प्रदेश में अब आधी आबादी यानि महिलाएं घरेलू हिंसा के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद कर रही हैं और अपने ऊपर होने वाले अन्याय का भी कड़ा विरोध कर रही हैं। यही कारण है कि महिलाएं घर की दहलीज पार कर हक की लड़ाई कोर्ट तक जाने से नहीं हिचक रही।
अलीगढ़, जेएनएन : प्रदेश में अब आधी आबादी यानि महिलाएं घरेलू हिंसा के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद कर रही हैं और अपने ऊपर होने वाले अन्याय का भी कड़ा विरोध कर रही हैं। यही कारण है कि महिलाएं घर की दहलीज पार कर अपने हक की लड़ाई पुलिस चौकी, थाने से लेकर कोर्ट तक जाने से भी नहीं हिचक रही हैं। वर्ष 2019 के पुलिस के इन आंकड़ों को सही मानें तो प्रदेश में पिछले सालभर में ही घरेलू हिंसा से जुड़े करीब 1,69, 263 मामले सामने आए हैं। इस साल भी अब तक एक लाख से अधिक मामले सामने आ चुके हैं। जिनमें महिलाओं ने यूपी 112 पर पति व ससुरालियों के खिलाफ घरेलू हिंसा से जुड़ी शिकायतें दर्ज कराई और उनके खिलाफ कार्रवाई भी कराई। अलीगढ़ में घरेलू हिंसा से जुड़ी शिकायतों की संख्या 3,418 रही। जिनमें से 2,109 मामलों में थाने, परिवार परामर्श केंद्र में समझौता हो गया। 1,309 मामलों में पुलिस स्तर से कार्रवाई की गई है।
केस -एक
शहर के सासनीगेट इलाके की महिला सुषमा (बदला नाम) की शादी को पांच साल बीत चुके हैं। सुषमा के पति ने मामूली सी कहासुनी में ही बच्चों के सामने कई थप्पड़ लगा दिए। आए दिन पति की मारपीट को नजरअंदाज करती रही सुषमा के सब्र का बांध टूट गया और उन्होंने यूपी 112 को फोन कर पुलिस से मदद मांगी। पुलिस ने सख्ती दिखाई और पति को थाने ले जाकर भविष्य में ऐसा न करने की कड़ी हिदायत दी।
केस - दो
बन्नादेवी इलाके की निशा (बदला नाम) का पति आए दिन नशे मे मारपीट करता है। निशा ने पति की मारपीट से आजिज आकर बच्चों समेत खुद को कमरे में बंद कर लिया और पुलिस को खबर देकर बुला लिया। नशे में धुत पति को पुलिस कर्मी थाने ले गए। जहां उसने फिर कभी गलती न करने का वायदा दिया तो उसे छोड़ दिया गया।
केस -तीन
क्वार्सी की रजिया (बदला नाम) का शौहर निकाह के बाद से ही मारपीट कर रहा था। कई बार शौहर को मायके पक्ष ने आकर समझाया फिर भी वह आदतों से बाज नहीं आया तो पुलिस की मदद लेकर थाने मे रिपोर्ट दर्ज करा दी। अब मारपीट करने वाला शौहर जेल में बंद है।
केस - चार
सिविल लाइन के दोदपुर इलाके की आफरीन (बदला नाम) का शौहर आए दिन स्वजनों के कहने पर मारपीट करता है। कई बार समझाने पर भी वह अपनी बेजा हरकतों से बाज आने को तैयार नहीं हुआ। मजबूर होकर आफरीन ने कोर्ट की मदद लेकर मुकदमा दर्ज करा दिया। अब मामला कोर्ट में विचाराधीन हैं।
इनका कहना है ...
घर में महिलाओं के साथ होने वाली मारपीट व हिंसा उन्हें अंदर तक चोट पहुंचाती है। अब महिलाएं दबाब में नहीं रहना चाहती हैं। कानून सख्त होने से भी अब महिलाओं का आत्मबल बढ़ा है।
- डॉ. अंतरा गुप्ता, मनोचिकित्सक
इनका कहना है
विभिन्न माध्यमों के जरिए महिलाओं को जागरूक किया जा रहा है, ताकि वे होने वाले हर अन्याय व शोषण का विरोध खुलकर कर सकें। पुलिस उनकी मददगार बनेगी।
- मुनिराज, एसएसपी