AMU के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष के खिलाफ क्यों जारी हो गए वारंट ?, जानिए सच
जिन्ना प्रकरण को लेकर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) में चले धरना-प्रदर्शन के दौरान हुए विवाद में पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष समेत चार छात्रों के गिरफ्तारी वारंट जारी हुए हैं।
अलीगढ़ (जेएनएन)। जिन्ना प्रकरण को लेकर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) में चले धरना-प्रदर्शन के दौरान हुए विवाद में पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष समेत चार छात्रों के गिरफ्तारी वारंट जारी हुए हैं। सिविल लाइंस थाने से एक टीम वारंट तामील कराने बिहार रवाना हो चुकी है।
यह था मामला
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्रसंघ यूनियन हॉल में लगी पाक संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर को लेकर दो मई को एएमयू में बवाल हुआ था। इसके बाद तमाम छात्र बॉबे सैयद गेट पर धरने पर बैठ गए थे। इस धरने में छात्राएं शामिल हुई थीं। धरना, प्रदर्शन काफी लंबा चला। 15 मई को आरएम हॉल में मारपीट, हंगामा हुआ था। छात्र कमरुल हसन ने आरोप लगाए कि उससे धरने के लिए तीन लाख रुपये जबरन मांगे जा रहे हैं, विरोध करने पर जानलेवा हमला किया गया। इसमें जीशान निवासी भड़ई सासाराम जिला रोहितास (बिहार), राशिद निवासी बिटिया कस्बा जिला चंपारन (बिहार), वसीम व तारिक माया निवासी जमालपुर सिविल लाइंस को नामजद कराया गया। विवेचना में पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष मशकूर अहमद उस्मानी निवासी फैजुल्ला चौक जिला दरभंगा (बिहार) का नाम प्रकाश में आया। इंस्पेक्टर सिविल लाइंस विनोद कुमार ने बताया कि 22 अगस्त को तारिक को जेल भेज दिया गया। बाकी फरार चल रहे हैं। 29 सितंबर को कोर्ट ने इनके गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिए। वारंट तामील कराने एक टीम को बिहार रवाना किया गया है।
एएमयू धरने पर हुई थी राजनीति
एएमयू में धरने के दौरान जेएनयू के छात्रनेताओं ने धरने पर आकर समर्थन किया था। इसके बिहार सांसद पप्पू यादव के अलावा कई राजनीतिक दलों के राजनीतिज्ञ लोगों ने भाग लिया था। साथ ही छात्रों की मांगों को जायज बताया था।