जनप्रतिनिधि और अफसर कहां हैं..तालाब तो यहां है
अगर आपको किसी राष्ट्रीय राजमार्ग पर तालाब देखना है तो अलीगढ़ आ जाइए।
जागरण संवाददाता, अलीगढ़ : अगर आपको किसी राष्ट्रीय राजमार्ग पर तालाब देखना है तो अलीगढ़ आ जाइए। सासनी गेट चौराहे से दो किमी दूर आगरा हाईवे (एनएच-509) पर पेट्रोल पंप के सामने आपको ये नजारा देखने को मिल जाएगा। बिन बारिश के हाईवे ताल तलैया बना हुआ है, जबकि यह टोल रोड है और वाहन स्वामी मडराक टोल पर भुगतान कर गुजरते हैं। हाईवे के हालत इतने खराब हैं कि राहगीर जान हथेली पर रखकर गुजरते हैं। 15 दिन से ये स्थिति बनी हुई है। इस और न तो जन प्रतिनिधियों का ध्यान है और न अफसरों का। अधिकारी भी उन्हें सबकुछ अच्छा बताकर अपने नंबर बढ़ा लेते हैं। जनता की परेशानी से उन्हें कोई सरोकार नहीं। यह स्थिति तब है जब सीएम योगी आदित्यनाथ ने जनहित के मामलों को तुरंत निस्तारित करने के निर्देश दिए हैं।
आगरा हाईवे व्यस्तम मार्ग है। यहां से आगरा, हाथरस, मुरादाबाद, बरेली, मथुरा के लिए वाहन गुजरते हैं। पेट्रोल पंप के पास जहां मार्ग पर पानी भरा हुआ है, वहां शेखर सर्राफ मेमोरियल हास्पिटल व तीन बड़े गेस्ट हाउस हैं। मरीजों का इस मार्ग पर आना जाना रहता है। इसके बावजूद इस मार्ग पर पूरे साल जलभराव की स्थिति बनी रहती है। दिक्कत ये है कि आसपास की कालोनियों का पानी हाईवे पर आता है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) का नाला तो है, मगर पानी निकासी न होने के कारण ओवरफ्लो हो जाता है। इसके चलते हाईवे पर पानी भर जाता है। जलभराव के चलते मार्ग पर गड्ढे भी होने लगे हैं, जिससे करोड़ों रुपये की लागत से बना हाईवे भी क्षतिग्रस्त होने लगा है। ज्ञान महाविद्यालय डिग्री कालेज, डीपीएस आदि स्कूल-कालेजों के लिए बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं यहां से गुजरते हैं। हर कोई इससे परेशान है।
डीएम को भी किया गुमराह
डीएम सेल्वा कुमारी जे ने आगरा हाईवे का एक महीने पहले निरीक्षण किया था। वो भी हाईवे पर जलभराव देखकर हैरान रह गई थीं। एनएचएआइ, नगर निगम के अधिकारियों को उन्होंने जलभराव की समस्या से निजात दिलाने के लिए निर्देशित भी किया था, मगर अधिकारियों ने मिट्टी और गिट्टी डलवाकर गुमराह कर दिया। बता दिया कि सबकुछ ठीक है, मगर स्थिति और अधिक भयानक हो गई है।
तो फिर समस्या का नहीं होगा समाधान?
एनएचएआइ और नगर निगम एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहराते हैं। इनके बीच तालमेल न होने का खामियाजा जनता भुगत रही है। बड़ा सवाल है कि क्या विभागों के बीच में फंसे मामले का कोई हल नहीं निकलता है? विभाग जनप्रतिनिधि और डीएम की भी बात नहीं सुनते हैं?
इनका कहना है..
गुरुवार को मौके पर जाऊंगा। समस्या का निस्तारण भी कराऊंगा। यदि किसी भी विभाग ने इसमें लापरवाही बरती तो सीधे सीएम से शिकायत की जाएगी। जनता काफी परेशान हो रही है।
संजीव राजा, शहर विधायक
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पब्लिक पीड़ा
मुझे प्रतिदिन इसी रास्ते से कालेज जाना पड़ता है। जलभराव के चलते बहुत मुश्किल से निकल पाता हूं, कई बार तो गिरते हुए बचा हूं। बड़ी संख्या में इस रास्ते से विद्यार्थी भी निकलते हैं, उन्हें भी परेशान होना पड़ता है।
डा. ललित उपाध्याय, जनसंपर्क अधिकारी, ज्ञान महाविद्यालय
अक्सर काम के चलते आगरा हाईवे की ओर जाना पड़ता है। मगर, हाईवे को तालाब देखकर रूह कांप उठती है। पूरा हाईवे लबालब है। मगर, इस समस्या की ओर किसी का ध्यान नहीं है।
कपिल सिघल, कारोबारी
15 दिनों से तो स्थिति बहुत खराब है। इसके बावजूद अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों का ध्यान इस ओर नहीं जा रहा है। इससे बड़ी विडंबना और क्या हो सकती है कि शहर के इतने बड़े मामले पर सभी अनभिज्ञ हैं।
चेतन वाष्र्णेय, पर्यावरण प्रेमी
हाईवे पर आधा दर्जन स्कूल-कालेज हैं, बड़ी संख्या में विद्यार्थियों को निकलना पड़ता है। प्राथमिक विद्यालय भी है, जिसमें छोटे-छोटे बच्चे पढ़ते हैं, उन्हें इस रास्ते से निकलने में काफी परेशानी होती है।
प्रांजल अग्रवाल, छात्र।