प्रेमिका ने ठुकराया तो फंदे पर झूल गया युवक, सुसाइड नोट में लिखी वजहAligarh News
मेरे साथी ने मेरा साथ छोड़ दिया है। साथी कौन है सब जानते हैं। जब अपने साथ छोड़ते हैं तब कुछ नजर नहीं आता। मोबाइल की कॉल डिटेल चेक कर लें सब पता चल जायेगा।
अलीगढ़ [जेएनएन] जुगेंद्र भाई, तू सबका ख्याल रखना। ऐसा मैं इसलिए कर रहा हूं मेरे साथी ने मेरा साथ छोड़ दिया है। साथी कौन है सब जानते हैं। जब अपने साथ छोड़ते हैं तब कुछ नजर नहीं आता। मोबाइल की कॉल डिटेल चेक कर लें सब पता चल जायेगा। यह मजमून तड़के गांधीपार्क के कुंवर नगर कॉलोनी में फंदे पर झूलकर खुदकशी करने वाले फर्नीचर बनाने का काम करने वाले युवक प्रेम किशोर के छोड़े गए सुसाइड नोट के हैं। खुदकशी करने से पहले छोड़े गए सुसाइड नोट में प्रेम किशोर ने बकायदा दो बार की गई कॉल का पूरा टाइम व दो मोबाइल नंबरों का जिक्र किया है।
मोबाइल नंबर मौत का कारण बने
प्रेम किशोर ने आरोपित किया है कि यही दोनों मोबाइल नंबर उसकी मौत का कारण बने हैं। प्रेम किशोर की आठ नवंबर को ही एटा कोतवाली क्षेत्र के बगीपुर निवासी स्व. तेजपाल सिंह की बेटी ममता उर्फ बॉबी के साथ हुई थी। ममता हादसे के समय मायके में थी। हादसे के बाद घर में मातम पसर गया। परिजन रो-रोकर बेहाल हैं।
फंदे पर लटका मिला शव
कुंवर नगर कॉलोनी निवासी राजवीर सिंह ढ़केल पर फल-सब्जी बेचते हैं। राजवीर सिंह के तीन बेटे हैं, जिसमें बड़े बेटे प्रेम किशोर (35) फर्नीचर बनाने का काम करते थे। बकौल पिता राजवीर सिंह, रोजाना की तरह प्रेम किशोर रविवार रात अपने कमरे में सो रहा था। सोमवार सुबह करीब चार बजे छोटे बेटे जुगेंद्र की पत्नी गुडिय़ा झाडू लगाने कमरे में पहुंची तो प्रेम किशोर का शव पंखे पर मफलर की मदद से लटका हुआ मिला। शव देखते ही गुडिय़ा की चीख निकल गई। शोर-शराबे पर परिजनों के साथ ही पड़ोसी व इलाका पुलिस पहुंच गई और शव को नीचे उतरवाकर उसका पोस्टमार्टम कराया और उसे परिजनों को सौंप दिया।
मोबाइल नंबर में लिखी वजह
इंस्पेक्टर गांधीपार्क शंभूनाथ सिंह ने बताया कि प्रेम किशोर के पास से मिले सुसाइड नोट में दर्ज मिले मोबाइल नंबर का जिक्र है वह शहर की एक विवाहित महिला के हैं। कॉलोनी में चर्चा प्रेम प्रसंगों को लेकर भी है। परिजनों की ओर से अभी तक कोई शिकायत नहीं मिली है। पुलिस अपने स्तर से ही जांच कर रही है।
एक महीने में ही छूट गया पति का साथ
बचपन में ही मां-बाप का साया सिर से उठ जाने पर ममता की परवरिश उसके चाचा-ताऊ ने की। शादी उसके बड़े भाई राहुल ने की थी। राहुल ने बहन को बड़ी हसरतों के साथ डोली में बिठाकर ससुराल विदा किया था। शादी के तीन दिन तक ससुराल में गुजारने के बाद वह विदा होकर मायके चली गई। अंधियार पाक के चलते उसकी विदाई नहीं हो सकी। अभी उसके हाथों में लगी मेंहदी भी न छूटी थी कि उसे पति के खुदकशी कर लेने की खबर मिली तो उसकी आंखों के सामने अंधेरा छा गया। परिजनों के साथ वह अलीगढ़ आ गई। ममता पति के साथ गुजरे पलों को याद कर विलाप करने लगी। उसे कतई विश्वास नहीं हो रहा था कि पति का साथ इतनी जल्दी छूट जायेगा।