अपनों ने जब बिसारा, पूजा बनीं सहारा, जानिए कौन है पूजा Aligarh News
कोरोना के समय इनके अपनों ने भी दूरियां बना ली थीं पड़ोसी ने तो मानों संबंध खत्म कर लिया था। ऐसे में तमाम कोरोना पाजिटिव थे जो घरों में अकेले पड़े थे भूखे-प्यासे थे। कोई मदद करने वाला नहीं था।
अलीगढ़, जागरण संवाददाता। कोरोना के समय इनके अपनों ने भी दूरियां बना ली थीं, पड़ोसी ने तो मानों संबंध खत्म कर लिया था। ऐसे में तमाम कोरोना पाजिटिव थे, जो घरों में अकेले पड़े थे, भूखे-प्यासे थे। कोई मदद करने वाला नहीं था। ऐसे समय में बापूधाम निवासी पूजा सोमानी ने उनके दर्द को समझा। अपनी टीम से बात की, उन्हें भोजन व जरूरत का सामान पहुंचाने का निर्णय लिया। काम मुश्किल था, मगर आत्मविश्वास अपार। इसलिए 10 लोगों से शुरुआत हुई और यह कारवां 200 तक पहुंच गया। पूजा सोमानी के साथ महिलाओं की यह टीम प्रतिदिन 200 पैकेट भोजन कोरोना पीडि़तों के घर पहुंचाया करती थीं। यह कार्यक्रम करीब दो महीने तक लगातार चलता रहा। नवरात्र के पावन पर्व पर सेवा समर्पण की देवी को कौन वंदन नहीं करना चाहेगा।
पूजा ने ऐसे की लोगों की मदद
पसारसौल स्थित बापूधाम निवासी पूजा सोमानी लंबे समय से समाजसेवी संगठन से जुड़ी रही हैं। वर्तमान में वह इनरव्हील क्लब आफ अलीगढ़ मंजरी में प्रेसीडेंट चार्टर के पद पर हैं। इस बार मई और जून में भी कोरोना ने हाहाकार मचा दिया था। तमाम बुजुर्ग कोरोना से पीडि़त थे तो परिवार में पति और पत्नी भी चपेट में आ गए थे। ऐसे में वह भोजन बनाने की स्थित में नहीं थे। पाजिटिव होने के चलते बाहर वो निकल नहीं सकते थे। पूजा सोमानी को दो मई 2021 को पता चला कि मसूदाबाद में एक परिवार है, जिसे दो दिन से भोजन नहीं मिल पाया। उन्होंने किसी तरह वहां भोजन पहुंचाया। मगर, दिमाग में बात आई कि ऐसे कई लोग होंगे, उनकी मदद कैसे की जाए।
टीम की ली मदद
पूजा ने क्लब की अध्यक्ष सुनीता वाष्र्णेय, सचिव कविता मदान, लता गुप्ता, रश्मि सुहृद, निधि अरोड़ा, शिवानी ङ्क्षसह आदि से वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से बात की। तय किया गया कि एक स्थान पर भोजन बनवाकर शहर में बंटवाया जाएगा। सभी तैयार हो गईं। देखते ही देखते 65 हजार रुपये एकत्र हो गए। पहले 10 लोगों के घरों पर भोजन के पैकेट पहुंचाए गए। इंटरनेट मीडिया के माध्यम से टीम ने अपने मोबाइल नंबर दिए।
प्रतिदिन 200 पैकेट बंटवाए
पूजा सोमानी बताती हैं कि स्थिति यह हो गई कि प्रतिदिन 200 पैकेट की मांग आने लगी। चूंकि शहर में अलग अलग स्थानों पर भिजवाना था इसलिए तीन स्थानों पर भोजन बनवाने का निर्णय लेना पड़ा। प्रतिभा कालोनी में निधि भारद्वाज, श्याम नगर में अनीता शर्मा और स्वर्णजयंती नगर से हीना चांदना ने भोजन बनाने का निर्णय लिया। यहां से तीन कर्मचारी अलग-अलग स्थानों पर भोजन लेकर निकलते थे।
छलक आती थीं आंखें
पूजा बताती हैं कि यह उनकी टीम के लिए नया अनुभव था। कई ऐसे बुजुर्ग मिले जो घर में अकेले थे, बच्चे उनके बाहर रहते थे। कोरोना के भय के चलते पड़ोसी भी उनका हालचाल लेने नहीं आते थे। मगर, उनकी टीम ने ऐसे परिवारों में भी भोजन पहुंचाने का काम किया।