अंग्रेजों से जो लड़े बिना किसी हथियार नमन हमारा आपको बापू बारंबार Aligarh news
साहित्य मंच इगलास के तत्वाधान में विश्व वृद्ध दिवस व गांधी जयंती पर एक कवि गोष्ठी का आयोजन कवि श्री प्रकाश सजन के आवास पर किया गया। गोष्ठी की अध्यक्षता कवि बनवारी लाल पुष्प व संचालन कवि बृजेश पंडित ने किया।
अलीगढ़, जागरण संवाददाता । साहित्य मंच इगलास के तत्वाधान में विश्व वृद्ध दिवस व गांधी जयंती पर एक कवि गोष्ठी का आयोजन कवि श्री प्रकाश सजन के आवास पर किया गया। गोष्ठी की अध्यक्षता कवि बनवारी लाल पुष्प व संचालन कवि बृजेश पंडित ने किया। गोष्ठी का शुभारंभ कवि राकेश कुमार सारस्वत ने मां शारदे वंदना से किया।
गोष्ठी में कवियों ने अपने तरीके से किया बापू को नमन
गोष्ठी में कवियों ने अपनी रचनाएं कुछ इस प्रकार पढ़ी। कवि तोताराम सरस् ने रहकर सादा वेश में बापू बने महान, गोरे शासन का किया भारत से अवसान। कवि बनवारी लाल पुष्प ने देश स्वतंत्र करो अपनों ऐसे गांधी जी बापू को शीश झुकाऊं, सत्य अहिंसा ऐसे पुजारी को शब्द सौ गुड़गान सुनाऊ। कवि राकेश शर्मा राजस्थानी ने मां सरस्वती की वंदना कुछ इस प्रकार की हंस वाहिनी ऐसा वर दे, लय छंदों में भी स्वर भर दे, तेरे वरद पुत्र बन जाएं, अब इतना श्रंगारित कर दे। कवि प्यारेलाल शांत ने सत्य और अहिंसा त्याग नम्रता की मूर्ति गांधी, सुचि अस्तेय ब्रह्मचर्य अपनाया था, संयमी तपस्वी वृत्ति साहसी अभय थे वे, अन्याय के आगे नहीं झुकना सिखाया था। कवि गाफिल स्वामी ने दुख दर्दओं का नाम बुढ़ापा, जीवन की है शाम बुढ़ापा, भले बुरे सारे कर्मों का होता है परिणाम बुढ़ापा। प्रमोद कुमार गोरा ने आज सभा में नमन करूं मैं आजादी के वीरों को, जान निछावर करी देश पर उन बांके रणधीरों को। देवेंद्र देव ने आजादी की लौ लगी सबके मन के द्वार, जन-जन ये कहने लगा सहे न अत्याचार। श्रीप्रकाश सर्जन ने कोई कहता जादूगर है कोई कहता बुद्धि प्रखर है, आजादी लेकर आएगी इसे नहीं मरने का डर है, सत्य अहिंसा कवच पहनकर हो गए ब्रज समान थे बापू बच्चों की मुस्कान थे बापू। बृजेश पंडित ने अंग्रेजों से जो लड़े बिना किसी हथियार नमन हमारा आपको बापू बारंबार। गुंजन अग्रवाल ने प्रेम को समझना है तो प्रेम करना जरूरी है, प्रेम करने के लिए प्रेमी होना भी जरूरी है। इस मौके पर गोपी चंद गुप्ता, दुष्यंत शर्मा, आनंद शर्मा, कमलेश शर्मा आदि थे।