गंगा-यमुना के उफान से कई गांवों की फसलें डूबीं
यमुना के जल स्तर में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है।
अलीगढ़ : यमुना के जल स्तर में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। 24 घंटे में डेढ़ फीट बढ़कर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है। आधा दर्जन गांवों की फसलें जलमग्न हो गई हैं। गांवों के लोग अभी सुरक्षित हैं। प्रशासन भी अलर्ट हैं। फसलों के नुकसान को सर्वे शुरू कर दिया है। मंगलवार को बाढ़ संभावित गांवों में स्वास्थ्य कैंप लगाकर दवाएं बांटी गईं।
तहसीलदार खैर कौशल कुमार के नेतृत्व में प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग की टीम ने बाढ़ संभावित गांवों के निरीक्षण को पहुंची। गांव महाराजगढ़, शेरपुर, धारागढ़ी, अमर सिंह का नगला, रामगढ़ी में कैंप लगाने स्वास्थ्य विभाग व पशुपालन विभाग की टीम ट्रैक्टर पर बैठकर पहुंचीं। दवाओं का वितरण किया गया। राजस्व निरीक्षक टप्पल अनिल कुमार शर्मा, सीएचसी प्रभारी डॉ. बृजेश कुमार समेत अन्य मौजूद रहे। तहसीलदार ने बताया कि पानी बढ़ रहा है। लेकिन मंगलवार तक खतरे की कोई स्थिति नहीं थी। ओखला बैराज से 79390 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जो बुधवार तक आकर लगेगा। फसलों का सर्वे कराया जा रहा है। गंगा में बढ़ रहा जलस्तर
संसू, दादों : सांकरा क्षेत्र में गंगा का जल स्तर बढ़ रहा है। इससे गंगा के किनारे बसे आधा दर्जन गांव की फसलें डूब गई हैं। प्रशासन यहां भी सर्वे कर रहा है। यहां कुछ किसानों के खेतों में पेठे की फसल है। लोग अपनी जान जोखिम में डालकर इससे पानी निकाल कर ला रहे है। एसडीएम अतरौली ललित कुमार ने बताया कि गंगा के बढ़ते जल स्तर को देखते हुए चौकसी रखी जा रही है। अलर्ट पहले ही जारी करा दिया गया है। सभी ग्रामों के प्रधान, सचिव व लेखपालों को कहा गया है कि आपात स्थिति पर तुरंत सूचना दें।