विजय गंगल हत्याकांड : हत्या कराने वाले का नाम बताने पर मिलेंगे पांच लाख
कस्बा खैर में करीब पांच माह पूर्व खैर इंटर कॉलेज के प्रबंधक व कारोबारी विजय गंगल की हत्या कराने वाले का नाम बताने वाले को पांच रुपये का इनाम दिया जाएगा।
अलीगढ़ (जेएनएन)। कस्बा खैर में करीब पांच माह पूर्व खैर इंटर कॉलेज के प्रबंधक व कारोबारी विजय गंगल की हत्या कराने वाले का नाम बताने वाले को पांच रुपये का इनाम दिया जाएगा। यह घोषणा पूर्व विधायक प्रमोद गौड़ ने की। इनाम की राशि चंदा कर एकत्रित की गई है। हालांकि, इस मामले की जांच अब एसटीएफ करेगी। इसके लिए लखनऊ से टीम अलीगढ़ आ गई है। जल्द कार्रवाई का अधिकारियों द्वारा आश्वासन दिए जाने के बाद दसवें दिन धरना समाप्त कर दिया गया।
12 अप्रैल को हुई थी हत्या
मुख्य साजिशकर्ता का खुलासा करने की मांग को लेकर ही पूर्व विधायक प्रमोद गौड़ व कारोबारी विजय गंगल के पुत्र शीतल गंगल धरना दे रहे थे। हत्या 12 अप्रैल को हुई थी। विजय गंगल अपनी दुकान में प्रमोद गौड़ सहित अन्य मित्रों के साथ बैठे थे। लघुशंका के लिए निकले तो बाइक सवार दो युवकों ने गोलीमार कर उनकी हत्या कर दी थी। इसके मुख्य अभियुक्त तक अभी पुलिस पहुंच नहीं सकी है।
हत्या कराने वाले का नाम नहीं हुआ उजागर
पुलिस ने गांव सोफा निवासी प्रदीप उर्फ सूरज व मथुरा में थाना सुरीर क्षेत्र के गांव भालई निवासी असलाह तस्कर कालीचरन उर्फ कालू की गिरफ्तारी के बाद घटना के पर्दाफाश का दावा किया था। इन लोगों ने हत्या की बात तो कबूली, मगर किसने कराई? पुलिस ये न उगलवा सकी। पूछताछ में गांव करनपुर, गभाना के पुनीत अग्र्रवाल का नाम सामने आया, जिसने अलीगढ़ कोर्ट में समर्पण कर दिया।
बदमाश अभी पकड़ से दूर
रिमांड के दौरान पूछताछ में सुजानपुर के अभिषेक के साथ औरैया के मनीष उर्फ किशन का नाम भी सामने आया। मनीष नोएडा में गौर सुंदरम अपार्टमेंट में तयेरे भाई अभिषेक के साथ रह रहा था। मनीष डकैती के मामले में फरीदाबाद में सरेंडर कर जेल चला गया, जिसे रिमांड पर नहीं लिया जा सका। अभिषेक भी पकड़ से दूर है।
12 सितंबर को शुरू हुआ था धरना
मुख्य अभियुक्त का पता लगाने की मांग को लेकर 12 सितंबर से धरना शुरू किया गया। शीतल गंगल ने आमरण अनशन किया, जिसे सांसद सतीश गौतम ने 16 सिंतबर को खत्म कराया, लेकिन धरना जारी रहा। शाम को एडीएम प्रशासन अजय कुमार श्रीवास्तव, तहसीलदार कौशल कुमार, सीओ तेजवीर सिंह धरना स्थल पहुंचे और एसटीएफ जांच शुरू होने की जानकारी दी। इसके बाद धरना खत्म कर दिया गया।
एसटीएफ पहले कर चुकी है जांच
इस मामले की जांच शुरू में एसटीएफ ने ही की थी। हत्या के बाद आगरा से एसटीएफ टीम आई थी। पांच दिन तक वह जांच में जुटी रही। दो अभियुक्तों की गिरफ्तारी के बाद एसटीएफ से जांच हटा कर थाना पुलिस को दे दी गई थी। हत्याकांड की जांच के लिए लखनऊ से आई एसटीएफ की टीम ने थाना कोतवाली जाकर पुलिस से जानकारी ली। इसके बाद अलीगढ़ चली गई।