पीडि़त मां ने लगाई गुहार, बच्चे के पालन पोषण का खर्चा दे स्वास्थ्य विभाग
हसायन के गांव खिटौली की नजमा तीन बच्चों की मां है। नसबंदी कराने के चार साल बाद चौथे बच्चे के जन्म ने उसे उलझन में डाल दिया है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से बच्चे के लालन-पालन की गुहार लगाई है।
हाथरस (जेएनएन)। हसायन के गांव खिटौली की नजमा तीन बच्चों की मां है। नसबंदी कराने के चार साल बाद चौथे बच्चे के जन्म ने उसे उलझन में डाल दिया है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से बच्चे के लालन-पालन की गुहार लगाई है। अहम बात यह है कि इस तरह के अनेक मामले सामने आ चुके हैं, लेकिन विभाग के डॉक्टर गंभीरता से नहीं लेते हैं। इसका खामियाजा महिला व उसके परिजनों को भुगतना पड़ता है।
यह है मामला
खिटौली के रौनक अली मेहनत मजदूरी करके परिवार का पेट पालते हैं। 14 नवंबर 2014 में उनकी पत्नी नजमा की नसबंदी हसायन के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर शिविर में करवाई गई थी। चिकित्सकों की लापरवाही से नसबंदी ऑपरेशन सफल नहीं हुआ। महिला गर्भवती हो गई और उसने 17 अक्टूबर को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हसायन में चौथे बच्चे को जन्म दिया।
सीएमओ से गुहार
महिला के पति ने बीस फरवरी को सीएमओ कार्यालय आकर प्रार्थना पत्र दिया जिसमें कहा गया है वे बच्चे की परवरिश नहीं कर सकते। बच्चे की परवरिश के लिए आर्थिक सहायता दी जाए। साथ ही नसबंदी आपरेशन करने वाले डॉक्टरों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाए। उन्होंने मुख्यमंत्री, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग और जिलाधिकारी को भी प्रार्थना पत्र भेजा है। अहम बात यह है कि इस तरह के अनेक मामले सामने आ चुके हैं, लेकिन परिणाम शून्य ही रहता। विभाग के कर्मचारी यदि नसबंदी के समय गंभीरता दिखाएं तो ऐसे मामले रुक सकते हैं।
कराएंगे जांच
सीएमओ डॉ. ब्रजेश राठौर का कहना है कि हसायन के गांव खिटौली की महिला की नसबंदी फेल हो जाने की जानकारी नहीं है। यदि ऐसा हुआ है तो पड़ताल कराई जाएगी।