वीर गोकुला ने औरंगजेब से किया था युद्ध, शहीद दिवस पर दी श्रद्धांजलि Aligarh News
शहीद दिवस पर परोपकार सामाजिक सेवा संस्था द्वारा श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। संस्था के सदस्यों और युवाओं ने वीर शहीद गोकुला के चित्र पर पुष्प अर्पित करके श्रद्धांजलि दी। जजिया कर के खिलाफ आवाज उठाकर विरोध करते हुए युद्ध किया था।
अलीगढ़, जेएनएन। इगलास क्षेत्र के गांव तोछीगढ़ में अमरवीर गोकुला के 351 वें शहीद दिवस पर परोपकार सामाजिक सेवा संस्था द्वारा श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। सुरेंद्र सिंह आर्य के साथ ही संस्था के सदस्यों और युवाओं ने वीर शहीद गोकुला के चित्र पर पुष्प अर्पित करके श्रद्धांजलि दी।
वीरों ने अपनी मौत कबूल की
अध्यक्ष जतन चौधरी ने वीर गोकुला के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वे साधारण किसान होते हुए भी क्रूर अत्याचारी शासक औरंगजेब की दमनकारी नितियों और जजिया कर के खिलाफ आवाज उठाकर विरोध करते हुए युद्ध किया था।औरंगजेब की सेना महीनों लगातार युद्ध करने के बाद वीर गोकुला को पकड़ पायी थी। क्योंकि किसानों के पास बादशाह की सेना की तुलना में संसाधन अत्यधिक कम थे। औरंगजेब ने गोकुला व उनके चाचा उदय सिंह को धर्म परिवर्तन करके किलेदार बनाने आदि तरह-तरह के प्रलोभन दिए लेकिन इन दोनों वीरों ने सभी प्रस्तावों को ठोकर मारते हुए अपनी मौत कबूल की।
एक जनवरी को हुआ था कत्लेआम
एक जनवरी 1670 में आगरा, पुरानी कोतवाली, फव्वारा चौक पर दोनों वीरों का शरेआम कत्लेआम किया गया था। उसी दिन मथुरा में स्थित केशवदेव महाराज के विशालकाय मंदिर को क्रूर शासक ने ढहा दिया था। वीर गोकुला के जीवन से प्रेरणा लेकर हमें भी अन्याय के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए। हमेशा जरूरतमंदों की मदद करनी चाहिए। कवियत्री राधा चौधरी ने "वे सचमुच में थे जनसैनिक वे सचमुच में थे सर्वहार, वे वानर सेना के प्रतीक 'गोकुलावीर' रामावतार" कविता के माध्यम से जीवनी सुनाई। इस मौके पर डॉ. नरेंद्र सिंह आर्य, रमेश चौहान, किशनवीर सिंह, रामप्रकाश ठैनुआं, संदीप, दीपक, अजय चौधरी, अनिल, लव चौधरी, सौनू वार्ष्णेय, आकाश, डब्बू शर्मा, सूरज, साधना आदि मौजूद रहे।