अलीगढ़ में एक धमाके से दहल गया इलाका, दो लोगों की गई जान
शहर के देहलीगेट थाना क्षेत्र की शाहजमाल स्थित एडीए कॉलोनी में गुरुवार दोपहर कारखाने में वेल्डिंग करते समय एलपीजी सिलेंडर फटने से दो मजदूरों की मौत हो गई।
अलीगढ़ (जेएनएन)। शहर के देहलीगेट थाना क्षेत्र की शाहजमाल स्थित एडीए कॉलोनी में गुरुवार दोपहर कारखाने में वेल्डिंग करते समय एलपीजी सिलेंडर फटने से दो मजदूरों की मौत हो गई। तीन मजदूर घायल हुए हैैं। इनमें एक का एक हाथ व एक पैर उड़ गया। एक ही हालत गंभीर है। हताहत मजदूरों में अधिकांश नाबालिग ही हैैं। हादसे की वजह सिलेंडर तक आग की चिंगारी का पहुंचना बताया जा रहा है।
दोपहर हुआ हादसा
गुरुवार दोपहर करीब 2:40 बजे गिलौरिया स्कूल के पीछे निसार के कारखाने में जबर्दस्त धमाके से हर कोई दहल गया। दरअसल, इस तीन मंजिला इमारत की पहली मंजिल पर हाथ व अंगुलियों में पहने जाने वाले लोहे के छल्ले पर वेल्डिंग होती है। दूसरी मंजिल पर निसार का परिवार रहता है। तीसरी मंजिल किराए पर दे रखी है। हादसे के वक्त अल्तमस (7) पुत्र रफीक उर्फ बबुआ, उसका भाई शहवाज (15) निवासी गली-एक शाहजमाल, बंटी (23) पुत्र नत्थू निवासी नींवरी मोड़, राशिद (14) पुत्र बदरुद्दीन निवासी रहमानी मस्जिद गौंडा रोड और सैफी (20) पुत्र शाकिर निवासी मामूद नगर काम कर रहे थे।
भयंकर विस्फोट, एक किमी दर तक सुनी गई आवाज
एलपीजी सिलेंडर फटने से विस्फोट इतना भयंकर था कि आवाज एक किमी दूर तक सुनी गई। कारखाने की बाहरी दीवारें चटक गईं। घटना स्थल की ओर लोग दौड़े तो धुएं का गुबार आसमान में छाया हुआ था। घायलों की चीख-पुकार ने लोगों के होश फाख्ता कर दिए। जैसे-तैसे घायलों को जेएन मेडिकल कॉलेज पहुंचाया गया। इनमें राशिद की मौके पर ही मौत हो गई। इसका आधा सिर उड़ गया था। सैफी ने मेडिकल कॉलेज में दम तोड़ दिया। अल्तमस, बंटी व शहबाज का इलाज चल रहा है। विस्फोट में शहबाज का एक हाथ व एक पैर उड़ गया। डाक्टर उसके ऑपरेशन की तैयारी में लगे हुए थे। बंटी की हालत गंभीर बनी हुई है। मेडिकल कॉलेज में वेंटीलेटर खाली न होने पर पर परिजन उसे प्राइवेट अस्पताल में ले गए हैं।
आबादी में चल रहा था कारखाना
एडीएम सिटी एसबी सिंह, एसपी सिटी आशुतोष द्विवेदी, अग्निशमन अधिकारी संजय जायसवाल की मौजूदगी में फॉरेंसिक टीम ने सिलेंडर के अवशेष व अन्य सामान जब्त कर लिया। एसपी सिटी अाशुतोष द्विवेदी ने बताया कि एलपीजी सिलेंडर फटने से हादसा हुआ है। इसमें दो लोगों की मौत हुई है, तीन घायल हैं। कारखाना आबादी में चल रहा था। इस संबंध में प्रशासन को रिपोर्ट भेजी जा रही है।
घरों को छोड़कर गली के बाहर आ गए क्षेत्रीय लोग
शाहजमाल एडीए कॉलोनी में जिस वक्त हादसा हुआ इलाके के लोग घरों में थे। तेज धमाके से सिलेंडर फटते ही वे दहशत में आए और घरों से निकल कर गली के बाहर आ गए। तब किसी को समझ नहीं आया कि हुआ क्या है। जब कारखाने से धुंआ उठता देखा और चीख पुकार सुनी तो माजरा समझ में आ गया। लेकिन कोई वहां जाने की हिम्मत नहीं जुटा पाया।
दूसरी मंजिल पर था परिवार
कारखाना मालिक निसार का परिवार दूसरी मंजिल पर था, इनके बाहर आने के बाद ही लोग कारखाने के अंदर गए और कंट्रोल रूम पर सूचना दी। कुछ ही दूरी पर एडीए पुलिस चौकी है। यहीं से सबसे पहले पुलिसकर्मी पहुंचे और क्षेत्रीय लोगों की मदद से घायलों को जिला अस्पताल भिजवाया। डॉक्टरों ने राशिद (14) को मृत घोषित कर दिया। बाकी चार घायलों को मेडिकल रेफर कर दिया। यहां सैफी (20) ने दम तोड़ दिया। हादसे के बाद चार-पांच लोगों के मरने की अफवाह ने इलाके में सनसनी फैला दी। दूर-दराज के लोग भी वहां पहुंच गए, जिन्हें पुलिस ने हटाया।
दमकल ले जाने में हुई दिक्कल
गली की चौड़ाई कम होने से दमकल की बड़ी गाड़ी अंदर नहीं जा सकी, तब छोटी गाड़ी को भेजा गया। आशंका थी कि हादसे में और भी घायल हुए हैं, इसीलिए दमकलकर्मियों ने पूरा कारखाना खंगाला, मगर कोई मिला नहीं। कारखाना सील कर दिया। कारखाना मालिक परिवार के साथ गायब हो गया, जिसे पुलिस देरशाम तक नहीं तलाश सकी। हादसे की खबर पाकर पूर्व सपा विधायक जफर आलम, पूर्व विधायक हाजी जमीर उल्ला व अन्य नेता मौके पर पहुंचे और घायलों का हाल जाना।
दो माह पूर्व ही शुरू किया कारखाना
निसार ने यह कारखाना दो माह पहले ही शुरू किया था। मकान भी कुछ साल पहले ही बना है। काम ज्यादा बड़ा नहीं था इसीलिए पांच-छह ही मजदूर लगा रखे थे, जो छल्लों पर टांका लगाने का काम करते थे। ये काम ठेके पर किया जाता था।
धमाके से उखड़े हाथ-पैर
धमाके में घायल बंटी का एक हाथ और एक पैर उखड़ गया। जबकि, शहबाज का एक पैर बुरी तरह जख्मी है। सात साल के अल्तमस को देरशाम तक होश नहीं आया। घायलों को आइसीयू में रखा गया है।
प्रशासन को चुनौती दे रहे आबादी में कारखाने
शहर को स्मार्ट सिटी बनाने में लगा जिला प्रशासन रिहायशी इलाकों से फैक्ट्री, कारखाने नहीं हटा पा रहा। जबकि, सुप्रीम कोर्ट के भी इसको लेकर साफ दिशा-निर्देश हैं। बावजूद इसके एडीए कॉलोनी, शाहजमाल जैसे हादसे हो जाते है। गुरुवार को हुआ ये हादसा पहला नहीं है, न ही आखिरी होगा, अगर प्रशासन ने सुध नहीं ली। ताला नगरी बनने के बाद ये माना जा रहा था कि शहर की सभी छोटी-बड़ी औद्योगिक इकाइयां वहां शिफ्ट हो जाएंगी, मगर ऐसा हुआ नहीं। सासनीगेट क्षेत्र के पला रोड अघोषित इंडस्ट्रीयल एरिया बना हुआ है। घरों में कारखाने, फैक्ट्रियां चल रही हैं। बिजली विभाग ने भी एनओसी देखे बिना ही कारखानों में कनेक्शन दे दिए। अग्निशमन विभाग ने इस इलाके का कभी निरीक्षण नहीं किया। जबकि, यहां कई स्कूल हैं और हादसे भी हो चुके हैं। इसके अलावा ऊपर कोट, उस्मान पाड़ा, सरसैयद नगर, जमालपुर में भी तमाम औद्योगिक इकाइयां चल रही हैं। इन इलाकों में हर तरह प्रदूषण हो रहा है। मगर, कोई विभाग चेत नहीं रहा। एडीए कॉलोनी हादसे में अग्निशमन विभाग अब कारखाना मालिक को नोटिस देगा।
कारखाना मालिक अस्पताल में भर्ती
एडीए कॉलोनी हादसे के बाद कारखाना मालिक निसार को तलाश रही पुलिस को देर रात खबर लगी कि वह किसी निजी अस्पताल में भर्ती है। उसे हार्ट अटैक पड़ा था। हालांकि, इसकी पुष्टि नहीं हो सकी। चर्चा है कि हादसे में हताहत हुए लोगों के परिजनों को बताया जा रहा है कि हार्ट अटैक पडऩे से निसार को अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है।
दस दिन में दूसरा हादसा
दस दिन में सिलेंडर फटने से शहर में दूसरा हादसा हुआ है। तीस दिसंबर को सिविल लाइंस क्षेत्र के हमदर्द नगर में रीफिलिंग के दौरान दो सिलेंडर फटने से पूरा इलाका थर्रा गया था। इसमें दुकानदार मामूली रूप से झुलस गया था। भवन ध्वस्त हो गया था। दमकल ने 20 मिनट में आग पर काबू पाया। जीवनगढ़ निवासी चांद ने हमदर्द नगर ए में 24 फुटा रोड पर अलीमुद्दीन के मकान में दुकान किराये पर ले रखी थी। यहां वह गैस चूल्हा रिपेयरिंग करता था। इसकी आड़ में गैस रीफिलिंग का भी काम होता था। शाम साढ़े चार बजे वह पांच लीटर के सिलेंडर में घरेलू सिलेंडर से रीफिलिंग कर रहा था, तभी सिलेंडर में आग लग गई। चांद ने पहले आग बुझाने की कोशिश की, नाकाम रहा तो अन्य कर्मचारियों के साथ दुकान के बाहर आ गया था। वह झुलस भी गया था। कुछ ही क्षण बाद घरेलू सिलेंडर फट गया था। इसके बाद एक अन्य सिलेंडर भी फटा था। आग लगने से दुकान का फर्नीचर जल गया, दीवारें भी चटक गईं थी। चांद के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज किया था
सिलेंडर फटने के हो चुके हैं कई हादसे
जनवरी- 14 में आइटीआइ रोड पर भीषण हादसा हुआ था। मुस्ताक नगर निवासी मुल्ला खां और उसका बेटा हसन खान आईटीआई के सामने वाली पट्टी पर मेवाराम मार्केट में राज किचिन सेंटर के नाम से दुकान चलाते थे। इनके पास दो दुकानें थीं। छोटे गैस सिलेंडर बेचने के अलावा रिफलिंग भी की जाती थी। मार्केट के पीछे ही एक गोदाम भी बना रखा था। 21 जनवरी की दोपहर बड़े सिलेंडर से छोटे सिलेंडर में गैस रिफलिंग की जा रही थी। इसी दौरान आग लग गई। कुछ ही मिनट में सिलेंडर धमाके के साथ फटने लगे। एक के बाद एक 14 सिलेंडर फटे थे। किचिन सेंटर के अलावा अन्य दुकानों की छतें उड़ गईं थीं। प्रकरण में मुकदमा भी दर्ज हुआ। इसके अलावा बन्नादेवी के बीमानगर में बीते वर्ष सितंबर सिलेंडर फटने से दो लोगों की मौत हो गई, कई मकान क्षतिग्रस्त हुए थे। सासनीगेट क्षेत्र में गैस रिफलिंग के दौरान एक मकान में आग लग गई। इस तरह के कई अन्य हादसे हो चुके हैं।