lockdown effect हौसले पर सवार, दो दोस्तों ने कराया मंदिर का जीर्णोद्धार Aligarh news
कोरोना वायरस संक्रमण काल में तमाम लोग हताश और निराश होंगे। कुछ लोग ऐसे भी हैं जो ऐसे समय में भी नायाब काम कर रहे हैं।
राज नारायण सिंह, अलीगढ़ : कोरोना वायरस संक्रमण काल में तमाम लोग हताश और निराश होंगे। कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो ऐसे समय में भी नायाब काम कर रहे हैं। गौंडा के गांव बसई माती में तो दो दोस्तों ने गजब मिसाल पेश की है। गांव के पुराने हनुमान मंदिर का जीर्णोद्धार करा दिया। इस पर एक लाख से अधिक रुपये खर्च हुए, मगर छात्र होने के बाद भी दोनों दोस्तों ने कदम पीछे नहीं खींचे और मंदिर को भव्य रूप दे दिया।
जर्जर हो चला था मंदिर
150 साल पुराना मंदिर जर्जर पड़ा था। यहां महिलाएं कंडे पाथने लगी थीं। लॉकडाउन के चलते सब बंद हो गया। लोगों ने गांव से बाहर जाना बंद कर दिया। गांव के ही श्याम सुंदर व जितेंद्र को मंदिर की हालत देख दुख हुआ। श्याम सुंदर ने एमए किया है व दोस्त जितेंद्र एमए कर रहे हैं। दोनों छात्र हैं तो आय का कोई जरिया नहीं है। राजमिस्त्री से बात हुई तो एक लाख रुपये के करीब खर्च बताया। दोनों युवकों के पास सिर्फ आठ-दस हजार रुपये थे। बिना चिंता किए मंदिर का जीर्णोद्धार कराने की ठान ली। पहले तो कुछ लोगों ने हतोत्साहित किया। काम शुरू हुआ तो धीरे-धीरे लोग जुटते गए। कुछ लोगों ने पैसे से भी मदद की। 10 अप्रैल को काम शुरू कराया, जो आठ मई को पूरा हो गया। एक कमरा व साधु-संतों के लिए आश्रम बनवाया गया है। श्याम सुंदर व जितेंद्र ने बताया कि शुरुआत में अकेले थे, कुछ दिन बाद ही गांव के 20 युवा आगे आ गए। फिर अन्य लोग भी मदद को आ गए। सभी ने मिलकर श्रमदान किया। कोई ईंट थमा रहा था तो कोई सीमेंट मसाला दे रहा था। इससे एक महीने में काम पूरा हो गया। काम में शारीरिक दूरी काख्याल रखा गया।
आकर्षक पेंङ्क्षटग भी बनाई
मंदिर निर्माण के बाद श्याम सुंदर और जितेंद्र ने मिलकर मंदिर परिसर में हनुमानजी की 12 फुट लंबी पेंङ्क्षटग बनाई है, जो आकर्षित करती है। बाकी परिसर में भी देवी-देवताओं की पेंङ्क्षटग है। मंदिर में श्रद्धालुओं का आना शुरू हो गया है। गांव में इस काम की खूब सराहना हो रही है।
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श्याम सुंदर व जितेंद्र के काम की पूरा गांव तारीफ कर रहा है। दोनों छात्रों ने मिलकर मंदिर का जीर्णोद्धार करा दिया। इस काम में गांव के युवक भी सहयोग में आ गए।
ओमप्रकाश कश्यप, प्रधान