शाहजमाल को छोड़ ऊपरकोट में तिरंगा लेकर मोर्चाबंदी की कोशिश Aligarh news
नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ शाहजमाल ईदगाह के बाहर चल रहे धरने को छोड़कर कुछ महिलाओं ने सोमवार को हाथों में तिरंगा लेकर ऊपरकोट में मोर्चाबंदी की कोशिश की।
अलीगढ़ [जेएनएन]: नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ शाहजमाल ईदगाह के बाहर चल रहे धरने को छोड़कर कुछ महिलाओं ने सोमवार को हाथों में तिरंगा लेकर ऊपरकोट में मोर्चाबंदी की कोशिश की। महिलाएं सड़क पर बैठकर धरना देना चाहती थीं। उनका कहना था कि सरकार उनकी सुनवाई नहीं कर रही। इनकी काफी देर तक पुलिस से भी नोकझोंक हुई। आधा घंटा बाद पुलिस के समझाने पर महिलाएं लौट गईं।
29 जनवरी से महिलाएं धरने पर
सीएए, एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ शाहजमाल ईदगाह के बाहर 29 जनवरी से महिलाएं धरने पर बैठी हैं। धरने को संचालित कर रही एएमयू छात्राओं ने रविवार को शहर मुफ्ती की बात भी नहीं सुनी थी, जबकि दूसरा गुट चाहता था कि धरना ईदगाह के अंदर शिफ्ट हो जाए। इसे लेकर नोकझोंक भी हुई। कुछ महिलाएं धरने से हट भी गईं। सोमवार को सुबह महिलाएं कम थीं। दोपहर की नमाज के बाद भीड़ बढ़ गई। करीब 400-500 महिलाएं आ गईं। शाम चार बजे एएमयू छात्राएं पहुंचीं, जिन्होंने रोजाबा की तरह खाना बंटवाया। फिर नारेबाजी करवाई। इधर, दोपहर करीब दो बजे 60-70 महिलाएं ऊपरकोट मस्जिद के बाहर इकट्ठा हो गईं। इनमें भुजपुरा व शाहजमाल इलाके की महिलाएं भी थीं।
पुलिस के समझाने पर महिलाएं हट गईं
भीड़ को देखते ही कोतवाली थाना प्रभारी रवेंद्र कुमार सिंह आ गए। उनसे जब ये कहा गया कि शाहजमाल में धरना चल रहा है तो वहां जाकर बैठें। इस पर महिलाओं ने जवाब दिया कि शाहजमाल में धरने के बावजूद हमारी कोई सुन रहा। ऐसे में जगह को शाहजमाल बना देंगे। महिलाओं के हाथों तिरंगा के अलावा पोस्टर भी थे। काफी देर तक नोकझोंक हुई। आखिरकार पुलिस के समझाने पर महिलाएं हट गईं।
खाने का विवाद बन रहा वजह
शाहजमाल धरने में जब से दो गुट बने हैं, तब से महिलाओं में नाराजगी है। दो दिन पहले खाने को लेकर विवाद हुआ था। एएमयू गुट की छात्रा ने महिलाओं को अपमानजनक शब्द कहा। साथ ही आरोप लगाया कि महिलाएं सिर्फ खाने के लिए धरने में आ रही हैं। इस पर कुछ महिलाओं ने धरने से दूरी बना ली। ऊपरकोट में महिलाओं के इकट्ठा होने के पीछे यह भी एक बड़ी वजह हो सकती है।