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जम्मू कश्मीर व असम से फर्जी शस्त्र लाइसेंसों का स्थानांतरण aligarh news

43 लाख आबादी वाले अलीगढ़ जिले में 37449 शस्त्र लाइसेंस हैं। सबसे अधिक बंदूक व राइफल के हैं। इनमें से कुछ दूसरे राज्यों से स्थानांतरित होकर आए हैं।

By Mukesh ChaturvediEdited By: Published: Tue, 10 Sep 2019 01:58 AM (IST)Updated: Tue, 10 Sep 2019 01:10 PM (IST)
जम्मू कश्मीर व असम से फर्जी  शस्त्र लाइसेंसों का स्थानांतरण aligarh news
जम्मू कश्मीर व असम से फर्जी शस्त्र लाइसेंसों का स्थानांतरण aligarh news

सुरजीत पुंढीर, अलीगढ़। जम्मू कश्मीर, असम समेत कई प्रांतों से यहां बड़ी संख्या में फर्जी शस्त्र लाइसेंसों के स्थानांतरित होने की शिकायतें मिली हैैं। डीएम ने जिले के सभी 37 हजार लाइसेंसों की जांच के लिए पुलिस व राजस्व विभाग की टीम बना दी हैैं, वे अलग-अलग सत्यापन करेंगी। फिर इनका मिलान होगा। जिन राज्यों से स्थानांतरण हुआ है, वहां भी टीम सत्यापन को जाएंगी। जिले में पांच हजार लाइसेंसों के फर्जी होने की आशंका है। इनमें कुछ की तो यूनिक आइडी भी नहीं हैं।

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सबसे अधिक बंदूक के लाइसेंस

43 लाख आबादी वाले अलीगढ़ जिले में 37449 शस्त्र लाइसेंस हैं। सबसे अधिक बंदूक व राइफल के हैं। इनमें से कुछ दूसरे राज्यों से स्थानांतरित होकर आए हैं। डीएम को शिकायतें मिल रही थीं कि कुछ लाइसेंसधारकों ने फर्जीवाड़ा किया है। वहां रिकॉर्ड में दर्ज कराए बिना ही लाइसेंस स्थानांतरित करा लिए हैैं।

जांच के आदेश

डीएम ने जांच के लिए टीम बना दी हैैं। टीम सभी लाइसेंसों का सत्यापन करेंगी। इसमें यह भी देखा जाएगा कि किसी लाइसेंसधारक का आपराधिक इतिहास तो नहीं है। लाइसेंसधारक जिंदा है या नहीं। लाइसेंस जहां से स्थानांतरित होकर आया है, वहां भी रिकॉर्ड देखा जाएगा।

कानपुर व गोरखपुर में पर्दाफाश

कानपुर व गोरखपुर में भी ऐसे मामलों का पर्दाफाश हो चुका है। वहां दर्जनों फर्जी लाइसेंसों का स्थानांतरण हो गया है। कई लोग गिरफ्तार किए गए हैं।

इन राज्यों से स्थानांतरण

जम्मू कश्मीर, असम, पंजाब, हरियाणा, महाराष्ट्र, उत्तराखंड व राजस्थान।

पुलिस से ज्यादा पब्लिक के पास

जिले में पुलिस से ज्यादा पब्लिक के पास लाइसेंसी हथियार हैं। एक सर्वे के मुताबिक, पुलिस के पास करीब 30 हजार असलाह हैं, पब्लिक के पास 37 हजार से ज्यादा हैं।

नए लाइसेंस में प्राथमिकता तय

सरकार ने नए शस्त्र लाइसेंसों के लिए प्राथमिकता तय की है। अपराध पीडि़त, जनप्रतिनिधि व बड़े उद्यमी पहली प्राथमिकता में हैैं। विरासत, बैंक, संस्थागत, वित्तीय संस्थाएं, प्रवर्तन कार्य में लगे कर्मचारी, सैनिक, अद्र्धसैनिक, पुलिसकर्मी, राज्य से लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर के निशानेबाज भी वरीयता में हैैं। आठ माह में करीब दस हजार आवेदन किए गए हैैं। डीएम चंद्रभूषण ने बताया कि दूसरे राज्यों से स्थानांतरित कुछ लाइसेंसों के फर्जी होने की आंशका पर जांच के आदेश दिए गए हैं। टीम सभी लाइसेंसों धारकों का मौके पर जाकर सत्यापन करेंगी।


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