ट्रेन में महिला यात्रियों को तुरंत मिलेगी मदद
ट्रेनों में महिलाओं के साथ हो रही वारदातों को रोकने के लिए सुरक्षा के हाईटेक इंतजाम किए जा रहे हैं।
अलीगढ़ : ट्रेनों में महिलाओं के साथ हो रही वारदातों को रोकने के लिए सुरक्षा के हाईटेक तरीके अपनाने का खाका खिंच चुका है। महिला सुरक्षा हेल्पलाइन (नंबर-182) पर कॉल करते ही पीड़िता को मदद मिलेगी। कॉल करते ही उसके मोबाइल फोन पर स्वत: ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) आएगा। यही शिकायत का नंबर होगा। इसकी सीधे सूचना संबंधित आरपीएफ थाने को मिलेगी। इंस्पेक्टर को एक घंटे में कार्रवाई करके अपने कमांडेंट को रिपोर्ट देनी होगी। इलाहाबाद में इसका ट्रायल सफल रहा है। अब उत्तर-मध्य रेलवे के अलीगढ़ समेत सभी थानों में सितंबर अंत तक यह सेवा शुरू हो जाएगी।
ट्रेनों में आए दिन छेड़खानी की शिकायतें मिलती रहती हैं। इसकी शिकायत भी होती है, लेकिन जटिल प्रक्रिया के कारण प्रभावी कार्रवाई नहीं हो पाती। अब रेलवे ने महिला सुरक्षा हेल्पलाइन को अपग्रेड किया है। पहले हेल्पलाइन (182) पर कॉल करने पर पहले कंट्रोल रूम सूचना नोट करता था, फिर आरपीएफ इंस्पेक्टर को बताता था। इसमें कई बार वक्त भी लग जाता था।
सिस्टम ऐसे करेगा काम : अब महिला यात्री के कॉल करते ही कंप्यूटर इसे रिसीव करेगा। यात्री से पीएनआर या टिकट नंबर, ट्रेन व खुद का नाम और घटनास्थल पूछेगा। यह नोट होने के मिनटभर में पीड़ित को ओटीपी मिल जाएगा। जरूरी सूचनाएं संबंधित आरपीएफ थाने के इंस्पेक्टर को पहुंच जाएंगी। कुछ ही मिनट में संबंधित इंस्पेक्टर या पुलिसकर्मी मदद को हाजिर होंगे। आरपीएफ कमांडेंट अमरीष बताते हैं कि आरपीएफ को हाईटेक किया जा रहा है। महिला हेल्पलाइन की अपडेट सेवा सितंबर अंत तक चालू कर दी जाएगी। इनसर्ट ही
दिसंबर तक बाइक व कार से लैस होगी आरपीएफ
रेलवे पुलिस फोर्स (आरपीएफ) की स्थापना (27 जुलाई 1984) के 34 साल बाद यह पहला मौका होगा, जबकि थानों को कार और बाइक से लैस किया जाएगा। कमांडेंट बताते हैं कि अलीगढ़ आरपीएफ को दिसंबर तक एक कार व दो बाइक मिल जाएंगी। आरपीएफ की वर्दी में लगने वाले बॉडीवार्न कैमरा का कुंभ मेला में ट्रायल होगा। यह प्रयोग सफल रहा तो पूरे जोन के आरपीएफ कर्मियों को बॉडीवार्न कैमरे दिए जाएंगे।
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