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Lunar eclipse 2022 : कल दिखेगा पूर्ण चंद्र ग्रहण का नजारा, अनहोनी से बचना है तो सूतक काल में न करें ये काम

Lunar eclipse 2022 आठ नवंबर को पूर्ण चंद्रग्रहण देखने को मिलेगा। अच्‍छी बात ये है कि यह पूरे भारत में दिखेगा। इस घटनाक्रम को हिंदू समाज के बीच खग्रास चंद्र ग्रहण भी कहा जाता है। यह हिंदी कैलेंडर के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा के दिन संपन्‍न हो रहा है।

By Anil KushwahaEdited By: Published: Mon, 07 Nov 2022 07:03 AM (IST)Updated: Mon, 07 Nov 2022 07:15 AM (IST)
पूरे भारत में मंगलवार को पूर्ण चंद्र ग्रहण देखने को मिलेगा।

अलीगढ़, जागरण संवाददाता। Lunar eclipse 2022 : मंगलवार को पूर्ण चंद्र ग्रहण देखने को मिलेगा। यह अद्भुत खगोलीय घटना दुनिया के कई देशों में लोग देख सकेंगे। खासकर इसे भारत, एशिया, आस्ट्रेलिया, पैसेफिक क्षेत्र, उत्तरी और मध्य अमेरिका में लोग देख सकते हैं। भारत के लोगों के लिए अच्छी बात यह कि यह संपूर्ण भारत में नजर आएगा। हर राज्य के लोग इसे निहार सकते हैं। इस खगोलीय घटनाक्रम का भरपूर आनंद उठा सकते हैं। बसे हमें ध्यान यह रखना है कि सुरक्षित लेंस के जरिए ही देखा जाए। आंखों पर किसी खतरनाक किरणों का बुरा प्रभाव नहीं पड़े। इस घटनाक्रम को हिन्दू समाज के बीच खग्रास चंद्र ग्रहण भी कहा जाता है। यह हिंदी कैलेंडर के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा के दिन इस बार संपन्न हो रहा है।

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सूतक काल में देवी देवताओं का न करें स्‍मरण

वैदिक ज्योतिष संस्थान के अध्यक्ष स्वामी पूर्णानंदपुरी महाराज ने बताया कि कार्तिक पूर्णिमा देव दीपावली पर्व पर लगने वाला वर्ष का अंतिम चंद्रग्रहण मेष राशि और भरणी नक्षत्र में लगेगा। मेष राशि के स्वामी ग्रह मंगल इस दिन तीसरे भाव में वक्रीय अवस्था में रहेंगे। इसके अलावा चंद्रमा राहु के साथ मौजूद होंगे। सूर्य केतु, शुक्र और बुध के साथ स्थित होंगे। देवगुरु बृहस्पति अपनी स्वयं की राशि मीन और शनिदेव भी अपनी स्वयं की राशि मकर में विराजमान रहेंगे। यह चंद्रग्रहण भारत में पूर्वोत्तर राज्यों में पूर्ण रूप से देखने को मिलेगा। यह चंद्रग्रहण शाम होते ही दिखाई देने लगेगा। सूतक लगने पर पूजा पाठ, धार्मिक अनुष्ठान और शुभ काम नहीं किए जाते हैं। मंदिर के पट बंद हो जाते हैं। इस दौरान अपने इष्ट देवी देवताओं के नाम का स्मरण करना चाहिए।

अलीगढ़ में शाम साढ़े पांच बजे से ग्रहण

हिन्दुओं में चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण को लेकर कई तरह की मान्यताएं हैं। इस काल में कई परंपराएं भी प्रचलित हैं। दान-पुण्य, नदियों में स्नान और विशेष पूजा व सावधानी आदि का प्रावधान है। बता दें कि चंद्र ग्रहण काल शुरू होने से तीन प्रहर अर्थात करीब 9 घंटा पहले से सूतक काल शुरू हो जाता है। एक प्रहर तीन घंटे का होता है और सूतक को ग्रहण वेध भी कहा जाता है। आपके शहर में ग्रहण कितने बजे से लग रहा है पहले यह जान लीजिए फिर उसके अनुसार आप सूतक काल तय कर लीजिए। उदाहरण के लिए अलीगढ़ में चंद्र ग्रहण शाम 5:30 बजे से शाम 6:19 बजे तक है। ऐसे में यहां सूतक काल सुबह 8.30 बजे से लेकर सुबह 9.59 बजे तक का होगा। इस तरह आप अपने शहर का सूतक काल स्वयं निर्धारित कर सावधानी बरत सकते हैं।

सूतक काल में क्या करें क्या ना करें

ग्रहण 2022 के सूतक काल के दौरान जितना सम्भव हो कम बोलें और भगवान की भक्ति में अपना मन लगाएं। भगवान का ध्यान करें, उनकी पूजा करें, इत्यादि। इस दौरान ग्रह की शांति के लिए पूजा पाठ करें और मंत्रों का जप करें। सूतक काल के समय जितना सम्भव हो योग और ध्यान करें। ऐसा करने से मानसिक शक्ति का विकास होगा और खुद को और अपने परिवार को ग्रहण के दुष्प्रभाव से भी बचा सकेंगे। सूतक काल में भोजन नहीं बनाएं और अगर खाना बना लिया है तो उसमें तुलसी के पत्ते डालकर रख दें। चंद्र ग्रहण के दौरान चंद्र मंत्रों का जप करें।

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सूतक काल में न करें ये काम

जब सूतक काल समाप्त हो जाए तो घर को साफ करके दोबारा पूजा पाठ करें और स्नान करें। ग्रहण समाप्त होने पर घर पर और पूजा स्थल पर गंगाजल छिड़कें और घर को शुद्ध करें, साथ ही सूतक काल में किसी भी गर्भवती महिला को घर से बाहर बिल्कुल भी नहीं जाना चाहिए। ग्रहण की छाया आपके गर्भ में पल रहे शिशु पर न पड़े। शास्त्रों के अनुसार सूतक काल में दांतों की सफाई और बालों में कंघी नहीं करनी चाहिए। सूतक काल चल रहा हो तो सोने से बचें। धार्मिक दृष्टि से सूतक काल में किसी भी पवित्र मूर्ति को छूना अत्यंत अशुभ माना जाता है। इस दौरान काम या क्रोध जैसे नकारात्मक विचारों को अपने मन में घर न आने दें, साथ ही इस समय अवधि के दौरान मल, मूत्र और शौच जैसे कार्य करना भी वर्जित है। साथ ही इस दौरान चाकू और कैंची जैसी नुकीली चीजों का इस्तेमाल करना भी मना है।

  • अलीगढ़ में चंद्र ग्रहण का समय आठ नवंबर को शाम 5.30 बजे से 6.19 बजे तक रहेगा। सूतक का समय सुबह 8.30 बजे से
  • हाथरस में चंद्रग्रहण का समय 05.53 बजे से शाम 06.19 बजे तक रहेगा। इसके लिए सूतक 12 घंटे पहले से ही सुबह 05.53 बजे से लग जाएंगे।

चंद्र ग्रहण के दौरान मंत्र जाप

चंद्र ग्रहण के दौरान गुरु मंत्र गायत्री मंत्र या इष्ट देवता का मंत्र का जाप करना शुभ होता है। वहीं ग्रहण के बाद शिवलिंग पर जल चढ़ाएं। 'ॐ नम: शिवाय' मंत्र का जाप करें। इससे चंद्र ग्रहण के बुरे प्रभावों का असर नहीं पड़ेगा। साथ ही इस मंत्र का जप करे 'ॐ क्षीरपुत्राय विद्महे अमृत तत्वाय धीमहि तन्नो चन्द्रः प्रचोदयात।'

सूतक काल में न करें कोई भी शुभ कार्य

ग्रहण लगने से पहले की समय अवधि को अशुभ माना जाता है और इसे ही सूतक कहते हैं। इस समय अवधि में किसी भी तरह का कोई भी शुभ काम या मांगलिक कार्य नहीं किया जाना चाहिए। कहते हैं यदि इस सूतक काल के दौरान व्यक्ति कोई भी शुभ कार्य करता है, या नया काम शुरू करता है या मांगलिक कार्य करता है तो उसे शुभ फल की जगह अशुभ फल की प्राप्ति होती है। ग्रहण के सूतक काल में किसी भी तरह का हो शुभ कार्य करने का निषेध होता है।


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