Aligarh Panchayat Chunav Result 2021: अंगूठे ने दावेदारों के अरमानों को दिखाया अंगूठा
गांव की सरकार के चुनाव में मतदाताओं में जागरुकता का भरपूर अभाव सामने आया है। हजारों मतदाताओं को पता ही नहीं था कि उन्हें अंगूठा लगाना है या मुहर। इसी के चलते मतगणना के दौरान हर ब्लाक में हजारों वोट पर अंगूठा लगा।
अलीगढ़, जेएनएन। गांव की सरकार के चुनाव में मतदाताओं में जागरुकता का भरपूर अभाव सामने आया है। हजारों मतदाताओं को पता ही नहीं था कि उन्हें अंगूठा लगाना है या मुहर। इसी के चलते मतगणना के दौरान हर ब्लाक में हजारों वोट पर अंगूठा लगा। निर्वाचन विभाग के नियमों के तहत इस तरह के मतपत्रों को निरस्त माना जाता है। ऐसे में जिले में हजारों वोट इसी कारण निरस्त हो गए। नजदीकी अंतराल से हार जीत वाले कई दावेदारों के भी इन्हीं निरस्त वोटों के चलते अरमानों पर पानी फिर गया। अगर दावेदार प्रचार के साथ लोगों को इसके लिए भी जागरुक करते तो शायद वोट निरस्त नहीं होते हैं।
हजारों वोट इसी तरह के निरस्त हुए
जिले में कुल 18.11 लाख मतदाता हैं। गुरुवार को जिले में कुल 13.64 लाख मतदाताओं ने अपने अधिकार का प्रयोग किया। यह कुल मतदाताओं का 75.33 फीसद था। इसमें 7.30 लाख मतदाता पुरुष व 6.33 लाख महिला मतदाता शामिल थीं। रविवार को इन सभी की ब्लाक स्तर पर मतगणना शुरू हुई। सुबह आठ बजे से ही वोट खुलने शुरू हुए। शुरुआत से ही हर मत पेटिका में दर्जनों वोट निरस्त हुए। इसमे सबसे ज्यादा ऐसे वोट थे, जिन पर मुहर की बजाय मतदाताओं ने अंगूठा लगाया। ऐसे में अगर पूरे जिले की बात करें तो हजारों वोट इसी तरह के निरस्त हुए हैं। अगर इन मतदाताओं को पहले से ही जागरुक किया जाता तो शायद यह वोट निरस्त न होते। वहीं, तमाम मतदाताओं ने चुनाव चिन्ह के कालम से बाहर मुहर लगाई। ऐसे में इन वोटों को भी निरस्त कर दिया गया।
कई चुनाव चिन्हों पर लगाई मुहर
अंगूठा लगने के साथ ही तमाम मतदाताओं ने एक मत पत्र पर कई-कई चुनाव चिन्हों पर मुहर लगाई। कई मतदाता तो ऐसे भी थे, जिन्होंने मत पत्र के सभी चुनाव चिन्हों पर मुहर लगा दी।
खाली छोड़े मत पत्र
पचायत चुनाव की मतगणना में एक और नई बात सामने आई। जिले के तमाम मतदाताओं ने सैकड़ों मतपत्रों को खाली छोड़ दिया है। मतगणना में हर बूथ पर कई-कई दर्जन वोट इस तरह के निकले। इसके पीछे कारण माना जा रहा है कि पंचायत चुनाव में नोटा का विकल्प नहीं होता है। ऐसे में मतदाताओं ने नोट की जगह मतपत्र को खाली छोड़ने का विकल्प अपना लिया। इसी के चलते प्रत्शासी पसंद न आने इन्होंने मत पत्र को खाली छोड़ दिया।