झील की खोदाई व सफाई के नाम पर घोटाले में वनरक्षक समेत तीन कर्मचारी निलंबित aligarh news
मुख्य आरोपित डीएफओ रहे श्रीधर त्रिपाठी हैं। बाद में वे सेवानिवृत्त हो गए। उनके सभी पेंशन-भत्ते रोक दिए गए हैं।
अलीगढ़ (जेएनएन)। वन संरक्षक के फर्जी हस्ताक्षर से कंदौली झील की खुदाई व सफाई के लिए आए 91.65 लाख रुपये हड़पने पर खैर के वन रक्षक वेदप्रकाश, माली पीतंबर व वन कर्मचारी अभिषेक को निलंबित कर दिया गया है। वेदप्रकाश व पीतंबर पिछले दिनों मुकदमे में भी नामजद हैं।
नौ करोड़ का घोटाला
खैर फॉरेस्ट रेंज में नौ करोड़ रुपये का घोटाला उजागर हो चुका है। मुख्य आरोपित डीएफओ रहे श्रीधर त्रिपाठी हैं। बाद में वे सेवानिवृत्त हो गए। उनके सभी पेंशन-भत्ते रोक दिए गए हैं। इस मामले में वन संरक्षक वीके मिश्रा भी निलंबित किए गए, मगर वे कोर्ट से स्टे ले आए।
मामला हुआ था दर्ज
पिछले दिनों वन संरक्षक वीके मिश्रा ने डीएफओ रहे श्रीधर त्रिपाठी, खैर के तत्कालीन वन क्षेत्राधिकारी अंतराम सिंह, प्रभारी क्षेत्रीय वनाधिकारी (वन रक्षक ) वेदप्रकाश, क्षेत्रीय वनाधिकारी अरविंद कुमार, माली पीतांबर, उदयवीर व श्रमिक मोहम्मद शफी के खिलाफ मुकदमा लिखाया था। इनके खिलाफ शासन स्तर पर हुए ऑडिट में कंदौली झील की सफाई व खुदाई के लिए आए 91.65 लाख हड़पने का मामला सामने आया था।
तहरीर में नहीं नाम
तहरीर में अभिषेक व आशीष नामक कर्मचारी का भी नाम है, मगर किसी वजह से वे नामजद होने से रह गए। अभिषेक, आशीष व उदयवीर पहले से ही निलंबित चल रहे हैं। अब अरविंद कुमार, वेदप्रकाश व पीतांबर को निलंबित कर दिया गया है। अन्य कर्मियों पर भी गाज गिरने की तैयारी है।