बार-बार जमानत पाकर अपराध करने वालों की अब खैर नहीं,ये है पुलिस की रणनीति Aligarh News
कोई भी घटना होती है तो पुलिस अपराधी का आपराधिक इतिहास खंगालने में लग जाती है। इसमें कई ऐसे अपराधी सामने आते हैं जो पहले भी अपराध में शामिल रहे और जमानत पर बाहर आकर फिर अपराध करने लगे।
अलीगढ़, जेएनएन। कोई भी घटना होती है तो पुलिस अपराधी का आपराधिक इतिहास खंगालने में लग जाती है। इसमें कई ऐसे अपराधी सामने आते हैं, जो पहले भी अपराध में शामिल रहे और जमानत पर बाहर आकर फिर अपराध करने लगे। एसएसपी ने ऐसे अपराधियों के खिलाफ शिकंजा कसने को कहा है। थाना स्तर पर इनकी सूची बनाई जा रही है। जिला शासकीय अधिवक्ता के सहयोग से ऐसे अपराधियों की जमानत निरस्त करवाने पर जोर दिया जाएगा।
सजा दिलाने पर होगा मजबूती से काम
वर्ष 2020 में पुलिस ने जो कार्रवाइयां कीं, उनमें अधिकतर अपराधी ऐसे थे, जो बार-बार एक ही अपराध में शामिल रहे। गिरफ्तार होने के बाद जेल गए और फिर जमानत पर वापस गए। 10 दिन पहले ही 23 दिसंबर को मडराक पुलिस ने मुठभेड़ के दौरान पशु तस्कर हम्मू निवासी सिल्ला थाना हरदुआगंज व उसके साथ जिशान को दबोचा था। पुलिस ने हम्मू का आपराधिक इतिहास खंगाला तो पता चला कि पशु तस्करी के गिरोह का सरगना हम्मू तीन माह पहले सितंबर में भी मुठभेड़ में दबोचा गया था। तब इस पर 25 हजार का इनाम घोषित था। पुलिस ने हम्मू को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। लेकिन, कुछ ही दिनों में हम्मू बाहर आ गया। ये उदाहरण तो बानगी भर हैं। हर तीसरे मामले में ऐसा ही होता है। इस पर एसएसपी मुनिराज ने कहा है कि बार-बार जमानत पाकर आरोपित अपराध करता है। इस पर लगाम लगाने के लिए थाना प्रभारियों को निर्देश दिए हैं कि ऐसे अपराधियों की सूची बनाएं। इसके बाद इनकी सजा दिलाने पर मजबूती से काम करें। एसएसपी ने कहा कि शासकीय अधिवक्ता से भी समन्वय बनाकर ऐसे अपराधियों की जमानत निरस्त करवाने पर जोर दिया जाएगा।