Master Plan 2031: महायोजना 2031 पर आपत्तियों का अंबार, अंतिम मौका आज
शहर के सुनियोजित विकास के लिए तैयार की गई महायोजना 2031 के प्रारूप पर आपत्ति व सुझावों का अंबार लग गया है। लोग अब तक 250 से अधिक आपत्तियां दर्ज करा चुके हैं। मंगलवार को आपत्ति दर्ज कराने का अंतिम मौका है।
अलीगढ़, जागरण संवाददाता। शहर के सुनियोजित विकास के लिए तैयार की गई महायोजना 2031 के प्रारूप पर आपत्ति व सुझावों का अंबार लग गया है। लोग अब तक 250 से अधिक आपत्तियां दर्ज करा चुके हैं। मंगलवार को आपत्ति दर्ज कराने का अंतिम मौका है। इसके बाद किसी भी आपत्ति को स्वीकार नहीं किया जाएगा। अलीगढ़ विकास प्राधिकरण (एडीए) इनका निस्तारण करेगा। इसके लिए समिति बन चुकी है।
हरदुआगंज नगर पंचायत महायोजना में शामिल
शहर के विकास के लिए पहली बार 1980 से 2001 के बीच एडीए की महायोजना लागू हुई। इसका नाम महायोजना 2021 दिया गया। इसमें नगर पालिका के साथ ही शहर के आठ किमी दायरे वाले 203 गांव व हरदुआगंज नगर पंचायत को शामिल किया गया। इसके बाद 2001 से 2021 के बीच दूसरी महायोजना लागू हुई। 10 जनवरी 2003 को इसे स्वीकृति दी। इसमें भी 2001 महायोजना वाले क्षेत्रफल को शामिल किया गया, लेकिन मार्च 2008 में शासन स्तर से एडीए का दायरा बढ़ा दिया गया। 407 नए गांव व पांच नगर पंचायतों को और शामिल किया। अब महायोजना 2031 के प्रारूप में इन बढ़े हुए दायरे वाले गांव व नगर पंचायतों को शामिल किया गया। अब जिले के 610 गांव व 11 नगर नगरीय निकायों के लिए महायोजना तैयार की है। इस प्रारूप पर 250 से अधिक आपत्ति आ चुकी हैं। उपाध्यक्ष गौरांग राठी ने बताया कि मंगलवार के बाद किसी की आपत्ति नहीं ली जाएगी।
इस तरह आपत्तियां अधिक हुईं दर्ज
-शहर के सभी मुख्य मार्ग व 12 मीटर से अधिक चौड़े लिंक मार्ग को सौ मीटर तक व्यावसायिक बाजार स्ट्रीट घोषित किया जाए।
-निर्मित क्षेत्रों में जहां वर्तमान में अधिकांश उपयोग व्यावसायिक है, वहां 12 मीटर सड़क की अनिवार्यता खत्म कर उसे मिश्रित आबादी एवं व्यावसायिक घोषित किया जाए।
-ऐसे सभी भू उपयोग जहां सड़क की चौड़ाई 12 मीटर से कम है, वहां व्यावसायिक कार्यालय, शैक्षिक संस्था, सामुदायिक सुविधाओं के भू उपयोग को बदलकर आवासीय किया जाए। इससे नक्शे पास होने की संख्या बढ़ेगी।
-सड़क के दोनों ओर 30 मीटर ग्रीन बेल्ट को शहर के मध्य से 10 किमी बाहर ही प्रस्तावित किया जाए। इससे शहर के विकास को गति मिलेगी।
-सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का क्षेत्र कम किया जाए। जिन क्षेत्रों में सीवेज ट्रीटमेंट के लिए प्रस्तावित क्षेत्र में अन्य उपयोग के भवन बन गए हैं, उन्हें उसी उपयोग के अनुरूप किया जाए।
-मास्टर प्लान 2001-21 में जिन क्षेत्र को प्रस्तावित आवासीय दिखाया गया है, उन्हें निर्मित आवासीय किया जाए।
-नगर निगम द्वारा अधिग्रहित जगहों पर शहर के लिए कामन पार्किंग प्रस्तावित की जाए।