अलीगढ़ में मौसम की मार और घर-घर में बुखार से करहाने लगी है आम जनता
बदलते मौसम की मार से मरीज कराह रहे हैं। दिनभर धूप व रात में रात में ठंड का एहसास होने लगा है। मौसम के इस मिजाज से बेखबर लोगों पर वायरल बुखार ने धावा बोल रखा है।
अलीगढ़ (जेएनएन)। बदलते मौसम की मार से मरीज कराह रहे हैं। दिनभर धूप व रात में रात में ठंड का एहसास होने लगा है। मौसम के इस मिजाज से बेखबर लोगों पर वायरल बुखार ने धावा बोल रखा है। अस्पतालों मरीजों की भीड़ पहुंच रही है।
बढ़ गई मरीजों की संख्या
जिला अस्पताल की ओपीडी में इन दिनों ज्यादातर मरीज, सर्दी, जुकाम, खांसी, गले में जकडऩ, सिरदर्द, शरीर में कमजोरी, थकान व बुखार जैसी परेशानियों का इलाज कराने पहुंच रहे हैैं। आज करीब 1850 मरीजों की ओपीडी में 1100 मरीज ऐसे ही थे। बाल रोग विशेषज्ञों के पास भी खूब भीड़ दिखी। दीनदयाल अस्पताल में करीब 3800 की ओपीडी में 1900 मरीज ऐसी बीमारियों के रहे। डायरिया, पीलिया व मलेरिया के मरीज भी सामने आ रहे हैैं।
हाईरिक्स क्षेत्रों में हो रही फोगिंग
सीएमओ डॉ एमएल अग्रवाल का कहना है कि सीएचसी-पीएचसी व जिलास्तरीय अस्पतालों में मौसमी बीमारियों के इलाज को पर्याप्त दवाएं हैं। विशेषज्ञों को उपस्थिति सुनिश्चित कर दी गई है। मलेरिया की रोकथाम के लिए हाईरिस्क क्षेत्रों में दवा का छिड़काव नियमित फोगिंग की जा रही है।
16 कूलर व एक सीमेंट की टंकी में मिला लार्वा
एक तरफ वायरल लोगों की चिंता बढ़ा रहा है, वहीं जागरुकता के अभाव में मलेरिया का खतरा बढ़ा है। लार्वा रोधी अभियान के तहत हेल्थ विभाग की 10 टीमों ने सराय रहमान, शिवपुरी, चूहरपुर, भुजपुरा, माली नगला, जोहराबाग, गोविंदनगर, दुर्गापुरी, महेंद्र नगर, जवाहर भवन में कार्रवाई की। डीएमओ डॉ. राहुल कुलश्रेष्ठ ने बताया कि 207 घरों के निरीक्षण में 207 कूलर, तीन टायर, 24 कंटेनर, 73 सीमेंट की टंकी, 509 गमले, 238 प्लास्टिक पात्र व 205 अन्य पात्रों का निरीक्षण किया। इस दौरान 16 कूलर व सीमेंट की टंकी में लार्वा पाया गया। हालांकि, डीएमओ यह नहीं बता पाए कि लार्वा डेंगू मच्छर का था या मलेरिया का। पात्र अपनी उपस्थिति में साफ कराते हुए नोटिस जारी किए गए। नालियों में लार्वारोधी दवा का छिड़काव किया गया। पंपलेट बांटकर लोग जागरूक किए गए। टीम में एएमओ राजेश गुप्ता, मलेरिया निरीक्षक मोनू, अजय, वीरपाल, सत्येंद्र, कुंवरजी लाल आदि रहे।
रोगों के प्रति किया जागरूक
खैर के सुजानपुर में कस्तूरबा विद्यालय एवं नवोदय विद्यालय में गोष्ठी में छात्र-छात्राओं को डेंगू-मलेरिया से रोकथाम के लिए जागरूक किया गया। क्या करें, क्या न करें? की जानकारी दी गई। लार्वा रोधी दवा का छिड़काव व फोगिंग की गई। उप प्राचार्य महेश कुमार, शिक्षिका जागृति शर्मा, सुमनलता आदि मौजूद रहे।
शरीर में टूटन, सर्दी व सिरदर्द होने पर जांच जरूर कराएं
मौसम का मिजाज बदलते ही सर्दी-जुकाम, खांसी व बुखार के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। हर परिवार में वायरल के मरीज सामने आ रहे हैं। वायरल से बचने के लिए क्या करें? अगर चपेट में आ गए तो क्या इलाज करें? ' हेलो जागरण ' में एएमयू के तिब्बिया कॉलेज के प्रिंसिपल प्रो. सऊद अली खान ने इसी पर परामर्श दिया। मरीजों ने भी सवालों की झड़ी लगा दी।
पूरा परिवार सर्दी-जुकाम, खांसी या बुखार की चपेट में हैं। - रूबी निगम, सिकंदराराऊ।
बदलते मौसम से बचना होगा। तली-भुनी व खïट्टी चीजों से परहेज करें। साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें।
शरीर में हरारत, पैरों में थकावट व सिरदर्द से परेशान हूं। -दुर्गेश उपाध्याय, खेड़ा नारायणपुर।
सर्दी, सिरदर्द के साथ शरीर में टूटन होने पर डॉक्टर से संपर्क कर जांच कराएं। वायरल या मलेरिया भी हो सकता है
रोजाना बुखार महसूस होता है। खांसी के साथ कफ निकल रहा है। हाथ-पैर व शरीर निढाल-सा हो गया है। -हरिओम कुमार, किलागेट, हाथरस।
दूध-दलिया, अनार-सेब व हल्का खाना लें। मलेरिया, डेंगू की जांच भी कराएं। टाइफाइड भी हो सकता है।
थकान रहती है। ब्लड प्रेशर बार-बार कम हो जाता है। -रविंद्र कुमार, छर्रा
बलगम व खून की जांच कराएं। घर पर इलाज छोड़कर डॉक्टर से संपर्क करें।
काफी समय मलेरिया व पीलिया से ग्र्रस्त रहा हूं। आराम मिला तो टाइफाइड का इलाज कराना पड़ा। अब हल्का
बुखार व मुंह का स्वाद बिगड़ा हुआ है। - नारायण सिंह, इगलास
ऐसे प्रतीत होता है कि समुचित इलाज के अभाव में टाइफाइड हो गया है। पाचन-तंत्र भी खराब लग रहा है। इलाज कराएं, अन्यथा लिवर की दूसरी बीमारी हो सकती हैं।
इन्होंने भी लिया परामर्श
नौरंगाबाद से शैलेंद्र कुमार, जमालपुर से सादिया, धनीपुर से राजवीर सिंह, आंबेडकर नगर से अमित कुमार सिंह, अलीगढ़ से अभिषेक, पुरदिलनगर से डॉ. मंजूलता आदि मौजूद रहे।
तिब्बिया कॉलेज में मुफ्त कराएं इलाज
प्रो. सऊद ने बताया कि तिब्बिया कॉलेज अस्पताल में मौसमी व अन्य बीमारियों के तमाम विशेषज्ञ मौजूद हैं। यहां इलाज व भर्ती मरीजों के लिए भोजन भी मुफ्त है। मामूली कीमत पर जांच होती है।