जांच में सामने आया सच , एक आधार कार्ड नंबर पर बांटे यूरिया के सौ कट्टे
जिले में यूरिया घोटाले को लेकर हुई जांच में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। जिले में बड़े स्तर पर यूरिया वितरण में घोटाला हुआ है। जिला कृषि अधिकारी की जांच में स्पष्ट हुआ है।
हाथरस (जेएनएन)। जिले में यूरिया घोटाले को लेकर हुई जांच में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। जिले में बड़े स्तर पर यूरिया वितरण में घोटाला हुआ है। जिला कृषि अधिकारी की जांच में स्पष्ट हुआ है। कार्रवाई का अंदेशा लगते ही जनपद के खाद-बीज उर्वरक विक्रेता बचने के जुगत लगाने में लगे हैं।
यूरिया घोटाले का हुआ खुलासा
दिसंबर 18 में लखनऊ में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर डीबीटी सेल से बुलंदशहर में यूरिया घोटाले का खुलासा हुआ था। इसमें कई जनपदों में एक-एक आधार नंबर पर 100 से 500 कट्टे वितरित करने का मामला संज्ञान में आया था। घोटाला स्पष्ट होने के बाद शासन ने प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को जांच के निर्देश दिए थे। हाथरस जनपद में डीएम डॉ. रमाशंकर मौर्य ने जिला कृषि अधिकारी डिपिन कुमार को जांच के निर्देश दिए। जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि जनपद के अधिकतर दुकानदारों ने तय मानकों को ताक पर रखते हुए एक ही आधार नंबर पर 100 से 300 तक कट्टे बेचे हैं। कुछ दुकानदारों ने एक ही किसान को 500 कट्टे तक दे दिए हैं। ऐसे में इसकी भी जांच की जा रही है कि यह कट्टे वास्तविकता में किसानों को दिए गए या किसी यूरिया माफिया को। जिला कृषि रक्षा अधिकारी ने पिछले सप्ताह ही सभी विक्रेताओं को नोटिस जारी किए हैं, मगर अभी किसी ने जवाब नहीं दिया है।
यह थी व्यवस्था
जनपद में करीब 72 कोआपरेटिव सोसायटी व करीब 250 खाद-बीज उर्वरक विक्रेता हैं। इन सभी को पॉस मशीन से यूरिया का वितरण करना था। प्रत्येक किसान को जरूरत के आधार पर यूरिया की बिक्री आधार कार्ड लेकर करनी थी, लेकिन जनपद में अधिकतर दुकानदारों ने नियमों को ताक पर रखकर यूरिया की बिक्री की है।
नोटिस पहुंचते ही सिफारिश शुरू
खाद-बीज विक्रेताओं के ऊपर कार्रवाई का डंडा चलने का अंदेशा लगते ही दुकानदारों ने सिफारिश शुरू करा दी, लेकिन जनपद में खाद-बीज विक्रेताओं पर कार्रवाई तय मानी जा रही है।
जांच पूरी होने पर होगी कार्रवाई
जिला कृषि अधिकारी डिपिन कुमार ने बताया कि जनपद के खाद-बीज विक्रेताओं ने मानक को ताक पर रखकर यूरिया की बिक्री की है। डीएम के निर्देश पर जांच की गई है। जांच पूरी होते ही मानकों का उल्लघंन करने वाले दुकानदारों का लाइसेंस निलंबित होगा।