25 दिनों में नहीं मिला 25 मरीजों को इलाज, यह है आयुष्मान के गोल्डन कार्ड की हकीकत
आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना को शुरू हुए 25 दिन बीत गए, मगर अनुबंधित अस्पतालों में गरीब मरीजों का हाल अच्छा नहीं है।
अलीगढ़ (जेएनएन)। आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना को शुरू हुए 25 दिन बीत गए, मगर अनुबंधित अस्पतालों में गरीब मरीजों का हाल अच्छा नहीं है। जिले के 16 अस्पताल इन 25 दिनों में 25 मरीजों (अभी तक 22) का भी इलाज नहीं कर पाए हैं। आयुष्मान गोल्डन कार्ड भी लाभार्थियों के हाथ से 'फिसलÓ रहे हैं। 19 अक्टूबर तक मात्र 1239 कार्ड बन पाए है। यही स्थिति रही तो यह काम सालों में पूरा हो पाएगा।
पांच लाख का मिलना है मुफ्त इलाज
एसईसीई-2011 की सूची में 148436 ग्रामीण व 84077 शहरी गरीब शामिल हैं। इनका सत्यापन कर केंद्र सरकार को भेजने का दावा है। इन परिवारों को साल में पांच लाख रुपये तक मुफ्त उपचार देने का लक्ष्य है। अफसोस, 23 सितंबर को लांच और 25 सितंबर से लागू योजना की गति बेहद धीमी है। सर्वाधिक गोल्डन कार्ड (475) चंडौस के सुपर स्पेशलिटी आरकेएमएस हॉस्पिटल ने बनाए हैं। वहीं सर्वाधिक मरीजों (13) का इलाज सारसौल स्थित जीवन ज्योति हॉस्पिटल में हुआ। वरुण हॉस्पिटल में तीन, केके व माहेश्वरी हॉस्पिटल में दो-दो मरीजों का इलाज हो पाया।
अलीगढ़ के अस्पतालों के प्रदर्शन पर एक नजर
हॉस्पिटल, गोल्डन कार्ड, उपचार
जिला अस्पताल, 166, शून्य
दीनदयाल अस्पताल, 17, शून्य
महिला अस्पताल, 118, शून्य
गांधी आई हॉस्पिटल, शून्य, शून्य
वरुण हॉस्पिटल, 01, 03
वरुण टॉमा सेंटर, 75, शून्य
राठी हॉस्पिटल, 01, शून्य
रूसा हॉस्पिटल, शून्य, शून्य
माहेश्वरी हॉस्पिटल, 47, 02
आरकेएमएस हॉस्पिटल, 475, शून्य
आनंद मोहन हॉस्पिटल, 02, शून्य
जीवन ज्योति हॉस्पिटल, 162, 13
केके हॉस्पिटल, 175, 02
सीएचसी खैर, शून्य, शून्य
सीएचसी अतरौली, शून्य, शून्य
नारायणी हॉस्पिटल, शून्य, शून्य
तकनीकी समस्याएं आ रही आड़े
प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के नोडल अधिकारी डॉ. अनुपम भास्कर का कहना है कि संचालकों को चेतावनी दी है कि गोल्डन कार्ड व मरीजों के इलाज में तेजी लाएं, अन्यथा समझा जाएगा कि वे योजना में रुचि नहीं ले रहे। योजना नई होने के कारण अभी तकनीकि समस्याएं भी हैं।