चौकी पर लाए गए जिस युवक को सात दिन पहले पुलिस ने छोड़ा, वही हत्यारा निकला
देहलीगेट इलाके में सात दिन पहले अगवा हुई छात्रा की हत्या करने वाला युवक तो छह दिन पहले ही ग्रामीणों ने पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया था।
अलीगढ़ (जेएनएन)। देहलीगेट इलाके में सात दिन पहले अगवा हुई छात्रा की हत्या करने वाला युवक तो छह दिन पहले ही ग्रामीणों ने पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया था, लेकिन तब पुलिस ने छोड़ दिया था। अब मामले का खुलाशा होने पर पुलिस पर सवाल उठने लगे हैं। मृतक छात्रा के परिजनों में भी इसी बात को लेकर अधिक गुस्सा था।उनका कहना था कि यदि पुलिस लापरवाही नहीं करती तो उनकी बेटी जिंदा होती।
क्या था मामला
देहलीगेट क्षेत्र के शाहपुर कुतुब निवासी अनुसूचित जाति की डॉली (20) बीए की छात्रा थी। सात जनवरी को वह घरेलू सामान लेने बाजार गई थी, फिर नहीं लौटी। परिजन तलाशते रहे, उसका मोबाइल भी बंद था। नौ जनवरी को गुमशुदगी दर्ज कर पुलिस ने छानबीन शुरू कर दी। परिजनों का कहना है कि सात जनवरी कीरात साढ़े नौ बजे छात्रा के नंबर पर कॉल किया था, जो भीमा ने रिसीव किया। उसने अपने नंबर पर कॉल डायवर्ट कर रखी थी। वे भीमा को घर गए और उसे शाहपुर कुतुब चौकी लाकर पुलिस के हवाले किया, लेकिन पुलिस ने छोड़ दिया। ऐसा राजनैतिक दबाव या सांठगांठ के चलते किया गया।
कॉल डिटेल में लगा पता
इंस्पेक्टर रविंद्र सिंह ने बताया कि 10 जनवरी को छात्रा की कॉल डिटेल निकलवाई, तब नगला आशिक अली के भीमा का नाम सामने आया, जिसे अगले दिन हिरासत में ले लिया। इसकी निशानदेही पर 13 जनवरी की रात अल्लाना मीट फैक्ट्री के पीछे एक खेत में दफन शव गड्ढा खोदकर बरामद किया गया।
परिजनों ने किया हंगामा
शव मिलने की खबर पाकर परिजनों ने रविवार की देर रात चौकी पर हंगामा कर दिया। रात भर हंगामे के बाद सोमवार की सुबह करीब आठ बजे परिजनों व ग्र्रामीणों ने खेरेश्वर धाम के पास हाईवे पर जाम लगा दिया और पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। एसपी सिटी आशुतोष द्विवेदी, सीओ तृतीय पंकज श्रीवास्तव कई थानों की पुलिस के साथ पहुंच गए, जिन्होंने कार्रवाई का आश्वासन देकर साढ़े दस बजे जाम खुलवाया।
पुलिस का दावाः किसी और से नजदीकियां होने पर फोन कर बुलाया और मार दिया
एसपी सिटी आशुतोष द्विवेदी के मुताबिक भीमा ने पूछताछ में बताया कि डॉली से उसकी नजदीकियां थीं। फिर उसकी किसी और से नजदीकियां हो गईं, जिसे वह बर्दाश्त नहीं कर पा रहा था। सात जनवरी को उसे फोन कर बुलाया, फिर खेत पर ले गया। वहां गड्ढा पहले से खुदा हुआ था। वहीं, गला घोंटकर हत्या कर दी। शव को गड्ढे में फेंककर मिट्टी डाल दी। इसके बाद छात्रा का मोबाइल नाले में फेंक दिया। उन्होंने बताया कि भीमा से पहले पूछताछ हुई थी, तब कोई सबूत नहीं मिला था। परिजन भी कुछ बता नहीं पाए। साक्ष्य मिलने पर उसे हिरासत में लिया गया था। तब घटना से पर्दा उठा।
परिजन बोलेः फब्तियां कसने का विरोध करने पर मिली थी धमकी
मृतक छात्रा के परिजनों ने बताया कि आरोपित भीमा ने खेत पट्टे पर ले रखा था, जिस पर छात्रा मजदूरी करती थी। 15 दिन पूर्व चारा लेने गई थी, तब अभियुक्त और उसके तीन साथियों ने फब्तियां कसी। विरोध करने पर धमकियां देने लगे। घर आकर अनहोनी की आशंका भी जताई। मृतका के पिता का कहना है कि चौकी इंचार्ज यासीन खान लापरवाही न बरतते तो बेटी जिंदा होती।
भीड़ में मासूम को धमकाया
हाईवे पर जाम-प्रदर्शन के दौरान पीडि़त परिवार की एक बच्ची को नकाबपोश ने धमकी दी थी। परिजनों की मानें तो बाइक सवार चार युवक आए और बच्ची से कहने लगे कि अभी तो बहन को उठाया है, अब भाई को उठा लेंगे। ये लोग कौन थे, कोई नहीं जानता। हालांकि, पुलिस इस संबंध में जानकारी से इन्कार कर रही है।
ये थी मांगें
प्रदर्शन कर रहे लोगों ने एसपी सिटी को मांग पत्र सौंपा, जिसमें हत्यारों को फांसी, पीडि़त परिवार को 50 लाख की मदद और सरकारी नौकरी, आवास, चौकी इंचार्ज पर कार्रवाई, परिवार की सुरक्षा के इंतजाम, ऐसी घटनाओं पर रोक लगाने की मांग गई है।
वर्दी पहन कर जनसेवा करना चाहती थी
पांच भाई बहनों में छात्रा डॉली दूसरे नंबर की थी। सबसे बड़ा भाई है। दो छोटी बहनें व एक छोटा भाई है। बड़ा भाई पिता के साथ मजदूरी करता है। डौली सासनी (हाथरस) के अंजू प्रियंका डिग्री कॉलेज में बीए द्वितीय वर्ष की छात्रा थी। वह पुलिस में भर्ती होना चाहती थी। छह माह पूर्व मथुरा में लिखित परीक्षा भी देने गई, मगर पेपर लीक होने से परीक्षा स्थगित हो गई। फिर से वह तैयारी में जुट गई। शव मिलने के बाद से उसके माता-पिता सहित अन्य सभी परिजन बेहाल हैं।
मौत से पहले किया संघर्ष
डौली ने मौत से पहले काफी संघर्ष किया होगा। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गर्दन के अलावा दोनों कानों पर चोट के निशान भी हैं। पोस्टमार्टम डॉक्टरों के पैनल ने किया था, जिसमें डॉ. ग्यास खान, डॉ. प्रवीन रंजन, डॉ. वान्या मिश्रा थे। वीडियोग्राफी भी कराई गई। शव छह-सात दिन पुराना बताया जा रहा है।
रिमांड पर लेगी पुलिस
शव बरामद होने पर पुलिस ने भीमा को अपहरण, हत्या, शव छिपाने की धाराओं में निरुद्ध कर जेल भेज दिया। मोबाइल सीडीआर में छात्रा और भीमा के बीच लगातार बातचीत की जानकारी हुई है। घटना वाले दिन भी बात हुई थी। सीओ पंकज श्रीवास्तव ने बताया कि आरोपित को रिमांड पर लेकर अन्य पहलुओं पर भी पूछताछ की जाएगी।
पुलिस ने किया गुमराह
परिजनों ने बताया कि रविवार रात 11 बजे कुछ पुलिसकर्मी घर आए और कहने लगे कि डौली मिल गई है। देहलीगेट थाने की कहकर घरवालों को मोर्चरी ले आए। फिर शव की पहचान कराई। यह नहीं बताया कि शव कहां से बरामद हुआ, कोई पकड़ा गया या नहीं। एसएसपी आकाश कुलहरि ने बताया कि पूरे प्रकरण की हर पहलू से जांच की जा रही है। किसी भी स्तर से लापरवाही पायी गई तो संबंधित के खिलाफ निश्चित कार्रवाई की जाएगी।
दोषी पुलिस कर्मियों पर हो कार्रवाई
विभिन्न राजनैतिक दलों के नेताओं ने इस घटना के लिए पुलिस को दोषी बताया है और कार्रवाई की मांग की है। कांग्रेस के पूर्व सांसद चौ. बिजेंद्र सिंह ने कहा कि पुलिस सक्रियता दिखाती तो बेटी की जान बच सकती थी। पोस्टमार्टम हाऊस पहुंचे पूर्व विधायक हाजी जमीरउल्ला खां ने कहा कि सरकार मे दलितों का उत्पीडऩ हो रहा है। इस घटना में भी पुलिस की लापरवाही सामने आई है। उन्होंने पीडि़त परिवार को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने की मांग की है। मेयर मोहम्मद फुरकान, बसपा जिलाध्यक्ष तिलकराज यादव, मुख्य जोन इंचार्ज रणवीर कश्यप, गजराज विमल, महानगर अध्यक्ष अशोक सिंह, पूर्व अध्यक्ष जितेंद्र राही ने भी छात्रा की हत्या की कड़े शब्दों में निंदा की है।