अलीगढ़ के लोग चाहतें हैं कि अक्टूबर से पहले न खुलें स्कूल aligarh news
अक्टूबर से स्कूल खोले जाएं व वैक्सीन आने के बाद खुलें तो और बेहतर रहेगा। बड़े बच्चों की कक्षाएं पहले चलें। सेक्शन को दो पार्ट में बांटकर पढ़ाई हो।
अलीगढ़(जेएनएन)। सरकार ने शैक्षणिक संस्थानों के संचालन से पहले अभिभावकों की राय मांगी है। जिले में तमाम अभिभावकों ने अक्टूबर से पहले या कोविड-19 की वैक्सीन आने से पहले स्कूल न खोले जाने पर तवज्जो दी। दैनिक जागरण टीम ने जब अभिभावकों से बात की तो कई अन्य सुझाव भी मिले। इनमें दो अक्टूबर या उसके बाद स्कूल खुलने पर दो शिफ्टों में कक्षाएं चलाने, ऑड-ईवन पद्धति से बच्चों को बुलाने व सीनियर कक्षाओं को पहले चलाने व जूनियर बच्चों को बाद में बुलाने जैसे सुझाव भी मिले। कोई भी अभिभावक कोविड-19 की वैक्सीन आने से पहले स्कूलों के संचालन के पक्ष में नहीं दिखा।
वैक्सीन आने के बाद खुलें स्कूल
स्वर्ण जयंती नगर की प्रीति सारस्वत का कहना है कि अक्टूबर या कोरोना की वैक्सीन आने से पहले स्कूल नहीं खुलने चाहिए। बाद में जब खुलें, तब भी बच्चों को बुलाने में ऑड-ईवन पद्धति अपनाएं। थर्मल स्क्रीङ्क्षनग, रोज सैनिटाइजेशन व बच्चे एक-दूसरे से दूर रहें, इसकी व्यवस्था स्कूल को करनी होगी।शिवधान कॉलोनी के प्रेमपाल का कहना है कि अक्टूबर से स्कूल खोले जाएं व वैक्सीन आने के बाद खुलें तो और बेहतर रहेगा। बड़े बच्चों की कक्षाएं पहले चलें। सेक्शन को दो पार्ट में बांटकर पढ़ाई हो। स्क्रीङ्क्षनग का हर हफ्ते का डेटा अभिभावकों को दिया जाए। शारीरिक दूरी, सैनिटाइजेशन आदि सुरक्षा व्यवस्था बहुत जरूरी है।
सुरक्षा के हों इंतजाम
स्वर्ण जयंती नगर की नेहा गुप्ता का कहना है कि सीनियर्स की क्लास अक्टूबर से चलाएं। वो बच्चे बड़े होते हैं। जूनियर कक्षाएं जब तक वैक्सीन न आ जाए तब तक बंद रखें। दरअसल छोटे बच्चे दूर नहीं रहते, चीजों को नहीं समझते। स्कूल प्रबंधन सब पर नजर रख सके ये संभव नहीं। सुरक्षा इंतजाम के साथ दो शिफ्ट में पढ़ाई हो। रहाई स्ट्रीट की शालिनी का कहना है कि कोरोना की वैक्सीन आने तक स्कूल न खुलें। 10वीं, 12वीं के बोर्ड एग्जाम होंगे, उनकी कक्षाएं अक्टूबर से चला सकते हैं। हर कक्षा व सीट का सैनिटाइजेशन व ऑड-ईवन से कक्षाएं चलाकर ही पढ़ाएं। बच्चे की स्क्रीङ्क्षनग व दिक्कत पर तत्काल उपचार को भेजने की व्यवस्था भी हो।