पूर्व ऊर्जामंत्री रामवीर उपाध्याय के भाई मुकुल बसपा से निष्कासित, ये लगे आरोप
पूर्व ऊर्जा मंत्री रामवीर उपाध्याय के भाई व पूर्व एमएलसी मुकुल उपाध्याय को पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त रहने के आरोप में बसपा से निष्कासित कर दिया गया है।
अलीगढ़ (जेएनएन)। पूर्व ऊर्जा मंत्री रामवीर उपाध्याय के भाई व पूर्व एमएलसी मुकुल उपाध्याय को पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त रहने के आरोप में बसपा से निष्कासित कर दिया गया है। गोपनीय ढंग से कराई गई जांच में इसकी पुष्टि होने के बाद कार्रवाई हुई है।
मुकुल ने अलीगढ़ से राजनीति की थी शुरूआत
मुकुल उपाध्याय ने जिला अलीगढ़ की राजनीति में 2004 में कदम रखा। चौ. बिजेंद्र सिंह के लोकसभा चुनाव जीतने पर खाली हुई इगलास विधानसभा सीट पर उप चुनाव हुआ। इसमें बसपा प्रत्याशी मुकुल उपाध्याय ने रालोद के पूर्व विधायक चौ. मलखान सिंह को हराकर पहली बार बसपा का खाता खोला। हालांकि, चौ. मलखान सिंह की हत्या के बाद 2007 के चुनाव में उनकी पत्नी विमलेश सिंह ने जनता की सहानुभूति पाकर मुकुल को हरा दिया। 2008 में सुनील सिंह को हराकर मुकुल एमएलसी बन गए। 2014 में मुकुल ने बसपा के टिकट पर ही गाजियाबाद लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ा, मगर जीत नहीं पाए। पिछली बार शिकारपुर विधानसभा सीट पर भी हार का मुंह देखना पड़ा। आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर रामवीर उपाध्याय व मुकुल उपाध्याय की यहां पुन: सक्रियता दिखाई दे रही थी, मगर गुरुवार को अचानक मुकुल को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया।
जिला इकाई ने की थी शिकायत
मुकुल के निष्कासन की घोषणा अलीगढ़ मंडल के मुख्य जोन इंचार्ज रणवीर सिंह कश्यप व जिलाध्यक्ष तिलकराज यादव ने की। उनके अनुसार जिला इकाई ने मुकुल उपाध्याय के पार्टी में अनुशासनहीनता व पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त रहने की शिकायत हाईकमान से की थी। हाईकमान ने विभिन्न सूत्रों से छानबीन कराने के बाद मुकुल उपाध्याय को निष्कासित कर दिया। पदाधिकारियों के अनुसार मुकुल को पूर्व में कई बार चेतावनी दी गई, मगर उन्होंने कार्यशैली में सुधार नहीं किया। इससे पहले पार्टी ने पूर्व विधायक जमीर उल्लाह को भी बाहर का रास्ता दिखा दिया था।