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हर महीने 1500 कुंतल राशन की चपत, खाद्यान्न उठान में खेल से व्यवस्थाओं के दावे फेल Aligarh news

राज्य खाद्य व आवश्यक वस्तु निगम (एफएफसी) के गोदामों में हर महीने करीब 1500 कुंतल राशन की चपत लगाई जा रही है। डीलरों को हर माह बोरों के वजन समेत ही राशन दिया जा रहा है।

By Mukesh ChaturvediEdited By: Published: Tue, 10 Dec 2019 07:23 PM (IST)Updated: Wed, 11 Dec 2019 09:57 AM (IST)
हर महीने 1500  कुंतल राशन की चपत, खाद्यान्न उठान में खेल से व्यवस्थाओं के दावे फेल Aligarh news
हर महीने 1500 कुंतल राशन की चपत, खाद्यान्न उठान में खेल से व्यवस्थाओं के दावे फेल Aligarh news

 अलीगढ़ [सुरजीत पुंढीर] । राज्य खाद्य व आवश्यक वस्तु निगम (एफएफसी) के गोदामों में हर महीने करीब 1500 कुंतल राशन की चपत लगाई जा रही है। डीलरों को हर माह बोरों के वजन समेत ही राशन दिया जा रहा है। जिले में हर माह 2.55 लाख बोरा राशन पर 500 ग्राम प्रति बोरे के हिसाब से राशन कम दिया जा रहा है। इससे डीलर भी उपभोक्ताओं के राशन में कटौती कर रहे हैं। शिकायतों के बाद डीएसओ ने एफएफसी के जिला प्रबंधक को पत्र जारी किया है। पूर्ति निरीक्षकों को गोदामों की जांच के आदेश दिए गए हैं। 

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6.5 लाख कार्ड धारक

 राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत सस्ते दामों में लोगों को राशन दिया जाता है। फिलहाल, यहां कुल 6.5 लाख कार्ड धारक हैं। इनमें से 24 हजार अंत्योदय कार्ड धारक हैं। अन्य पात्र गृहस्थी  के हैं। इन्हें शासन से प्रति यूनिट तीन किलो गेहूं व दो किलो चावल हर महीने मिलता है, जबकि, अंत्योदय श्रेणी को एक मुश्त 20 किलो गेहूं व 15 किलो चावल आते हैं। कीमत दोनों के लिए दो व तीन रुपये किलो तय है। 

12 गोदामों से उठान 

एफएफसी के गोदामों से डीलरों को राशन मिलता है। जिले में कुल 12 गोदाम हैं।  इन गोदामों पर नियमों का उल्लंघन हो रहा है। शासन के मुताबिक बोरे का वजन का राशन अलग से डीलरों को दिया जाएगा, लेकिन सभी गोदामों पर बिना बोरे के वजन के ही राशन का उठान किया जा रहा है। 

30 लाख का गोलमाल 

आंकड़ों के मुताबिक जिले में हर महीने 12752 एमटी (मीट्रिक टन) राशन आता है। इसमें 7650 एमटी गेहूं व 5102 एमटी चावल शामिल हैं। 50 किलो के बोरे होते हैं। ऐसे में कुल 2.50 लाख से अधिक बोरे बनते हैं। इन बोरों का अलग से वजन होना चाहिए, लेकिन गोदाम प्रभारी बिना वजन किए ही राशन देते हैं। बोरे का वजन करीब 500 से 600 ग्राम होता है। एक महीने के उठान में ही 1500 कुंतल राशन का गोलमाल हो जाता है। बाजार की कीमत 30 लाख से ऊपर बैठती है। खाद्यान्न के नुकसान पर विभाग ने विभागीय कर्मचारियों या कोटेदारों से बाजार भाव पर वसूली के लिए गेहूं का 21.86 रुपये और चावल का 29.96 रुपये प्रतिकिलो का भाव तय कर रखा है। 

पारदर्शिता पर खुली पोल

अब बायोमीट्रिक से राशन बंटता है। इसी से डीलरों को सौ फीसद राशन बांटना पड़ता है, लेकिन वितरण पर उनका राशन कम बैठता है तो वह भी उपभोक्ताओं को राशन कम देते हैं। बाद में राशन के इसी गेहूं-चावल की होती है बाजार में कालाबाजारी  शिकायत के बाद डीलरों से पूछताछ में कम राशन वितरण का यह मामला सामने आया है।


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