परवान नहीं चढ़ पा रहे हैं शहर के बाहर बने निजी बस अड्डे
शहर के बाहर बने नए बस अड्डों पर सुविधाओं का अभाव है। निजी बसों की संख्या भी कम हो गई है।
अलीगढ़ : शहर के बाहर बने नए बस अड्डों पर सुविधाओं का अभाव है, लेकिन धीरे-धीरे प्राइवेट बस अड्डे से बसें चलना शुरू हो गई हैं। प्रशासन ने व्यवस्थाएं जुटाने के लिए तेजी के साथ काम करना शुरू दिया है ताकि मुसाफिरों को ज्यादा परेशानी न हो।
निर्माण कार्य ने पकड़ी गति
बैठक में एडीएम सिटी एसबी सिंह ने बताया कि शहर के बाहर बन रहे तीनों नए बस अड्डों पर सभी विभाग तेजी से काम कर रहे हैं। तीनों जगह बो¨रग का काम करीब पूरा हो चुका है। इसके बाद टिन शेड, शौचालय बनाए जाएंगे। एसीएम अपने-अपने क्षेत्रों में दौरा कर रहे हैं। हर हाल में दो-तीन दिन में काम पूरा करना है। यात्रियों को नए बस स्टैंड तक लाने-ले जाने के लिए टेंपो भी तैयार हो गए हैं।
इन स्थानों पर बने हैं निजी बसों के अड्डे
1- खेरेश्वर मंदिर के पास बाजिदपुर नादा ग्राम में हाल ही में अतिक्त्रमण से मुक्त करायी गई 16 बीघा जमीन में बना स्टैंड। यहा से खुर्जा, खैर, आगरा, मथुरा व गभाना आदि रूटों पर चलने वाली निजी बसें संचालित हो रहीं हैं।
2- कमिश्नरी के सामने गाव धौर्रा माफी की 26 बीघा जमीन-यहा से अनूपशहर एवं अतरौली की ओर से आने वाली प्राइवेट बसें चल रही हैं।
3- पनैठी के पास सिंधौली वाले नाले के पास की तीन बीघा जमीन। यहा से एटा व पनैठी की ओर से आने वाली प्राइवेट बसों का चलना शुरू हो गया है।
रूट के हिसाब से चलेंगे टेंपो
महानगर की यातायात व्यवस्था सुधारने के लिए आटो व टेंपो के रंग रूट के हिसाब से नियत करने की तैयारी है। डीएम ने नगर निगम को निर्देश दिया है कि वे हर रूट के हिसाब से अलग रंग के हों। दूसरे रूट पर जाने पर उनका चालान कर दिया जाए। हालाकि ये कई बार घोषित हो चुका है लेकिन आज तक इसमें कोई प्रगति नहीं हुई है।
सस्ते किराए में सिटी बस चलाने की योजना
शहर में 20 सिटी चलाई जाएंगी। यह बसें रोडवेज की होंगी। नगर निगम संचालन में मदद करेगा। इसके लिए प्रस्ताव बनाने के निर्देश दिए। सभी बसों का अलग-अलग रूटों के लिए रंग, बस नंबर व किराया तय होगा। ट्रांसपोर्टरों का पिछले 10 साल का ऑडिट करने के भी निर्देश दिए।
साहसिक फैसले की सराहना
अलीगढ़ उद्योग व्यापार मंडल ने डीएम के इस फैसले को साहसिक बताया है। पदाधिकारियों ने सोमवार को गांधीपार्क सर्किल व्यापार मंडल, रेलवे रोड व्यापार मंडल के डीएम का स्वागत किया। कहा कि जिले में इतिहास में बसों को बाहर करना ऐतिहासिक और साहसिक फैसला है। इस मौके पर चेयरमैन हरिकिशन अग्रवाल, पंकज धीरज, जिलाध्यक्ष रविकर आर्य, राज सक्सेना, यथेष्ट कुमार वाष्र्णेय, कृष्ण कुमार सीटू, मनोज कुमार, किशन कुमार आदि मौजूद रहे। भाजपा महामंत्री मानव महाजन ने जिला प्रशासन के कार्यो की सराहना की है।
कम संख्या मे चल रही हैं बसें
डग्गेमार वाहन दौड़ते नजर आ रहे हैं। रोडवेज बसें भी लंबे रूटों पर ही चलती दिखीं, लेकिन लोकल रूटों पर बसें नदारद रहीं। सांकरा, अतरौली, नरौरा, संभल, खैर, जट्टारी, टप्पल, गौंडा रोड पर कुछ बसें चल रही हैं। हालात यह हैं कि बसों की संख्या कम होने से यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।