ढाई साल की बच्ची की हत्या को लेकर टप्पल में तनाव बरकरार, बाजार खुले, इंटरनेट सेवा ठप
ढाई साल की मासूम की हत्या को लेकर टप्पल में तनाव बना हुआ है। पुलिस तैनात है। बाजार भले खुल गए पर सड़कों पर सन्नाटा है।
अलीगढ़ (जेएनएन)। ढाई साल की मासूम की हत्या को लेकर टप्पल में तनाव बना हुआ है। पुलिस तैनात है। बाजार भले खुल गए, पर सड़कों पर सन्नाटा है। चारों तरफ पुलिस तैनात है। सोशल मीडिया पर चल रहे आक्रोश भरे मैसेज से माहौल खराब न हो, इसलिए प्रशासन ने टप्पल क्षेत्र में इंटरनेट सेवा बंद करा दी है। यह प्रतिबंध आज रात तक रहेगा। इलाके में धरा 144 पहले से ही लगी हुई है। पीड़ित परिवार ने लखनऊ जाकर मुख्यमंत्री से मुलाकात करने से इनकार कर दिया है। बच्ची के पिता का कहना है कि मुख्यमंत्री तो यहां भी आकर सांत्वना दे सकते हैं। मैं तभी संतुष्ट हूंगा जब हत्यारों को सजा मिलेगी। वहीं, दूसरी ओर इस मामले को लेकर जिलेभर में गुस्सा अभी कम नहीं हुआ है। आरोपितों को फांसी की सजा की मांग को लेकर आज भी कई जगह कैंडल मार्च की तैयारी की जा रही हैं।
टप्पल कांड में चार्जशीट की तैयारी
पुलिस चार्जशीट की तैयारी में है। पुलिस के मुताबिक सभी आरोपित जेल भेजे जा चुके हैं। विवेचना भी रफ्तार पकड़ रही है। फोरेंसिक रिपोर्ट मिलते ही चार्जशीट दाखिल कर दी जाएगी। जांच के लिए स्लाइड आगरा लैब भेजी थी। जिसकी रिपोर्ट यह तय करेगी कि बच्ची के साथ दुष्कर्म हुआ था या नहीं।
अमर्यादित टिप्पणी पर मुकदमा
टप्पल कांड में ट्विटर अकाउंट पर अमर्यादित टिप्पणी करने पर सिविल लाइंस पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है। इस पर एसएसपी व पुलिस के लिए भी अनर्गल बातें लिखी गई हैं। पुलिस का सोशल मीडिया सेल मैसेंजर की जानकारी जुटा रहा है। टप्पल की घटना को लेकर सोशल मीडिया सेल ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम, वाट्सएप आदि सोशल अकाउंट पर नजर रखे है। एसएसपी आकाश कुलहरि ने भ्रामक खबरें फैलाने पर मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं। इंस्पेक्टर अमित कुमार के मुताबिक चौकीदार रामबाबू मांझी के ट्विटर अकाउंट से पुलिस के ट्विटर हैंडल पर अभद्र भाषा में मैसेज किया गया था। इस आधार पर रामबाबू मांझी के खिलाफ आइटी एक्ट व धार्मिक भावनाएं भड़काने में मुकदमा दर्ज किया गया है।
आरोपितों को संरक्षण की बात सही मिली तो होगी कार्रवाई
एसएसपी आकाश कुलहरि ने कहा कि हत्या में शामिल आरोपितों को जेल भेज दिया गया है। परिवार के लोग भी संतुष्ट हैं। धारा 201 (साक्ष्य छिपाने के प्रयास) बढ़ाई गई है। एनएसए की कार्रवाई की जा रही है। फॉरेंसिक रिपोर्ट के आधार पर पॉक्सो एक्ट की कार्रवाई की जाएगी। पूरा जोर विवेचना को जल्द खत्म कर फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा शुरू कराने पर है। आरोपितों को संरक्षण मिलने की बात जांच में यदि पाई जाती है तो संबंधित पर कार्रवाई होगी। रविवार को प्रस्तावित विरोध प्रदर्शन शांति पूर्वक तरीके से हुआ है। बार्डर पर किसी को रोका-टोका नहीं गया। दस व बीस लोगों की संख्या में कई टोलियां टप्पल पहुंची भीं। 100 से अधिक लोग नारेबाजी करते हुए बालिका के परिजनों से जाकर भी मिले थे। लोगों को बिना बल प्रयोग किए ही पुलिस-प्रशासनिक अफसरों ने समझा-बुझाकर वापस भेज दिया। कस्बा में लोगों के पलायन की बात सही नहीं हैं। इन दिनों छुट्टियों व शादियों का सीजन चल रहा है, ऐसे में लोग घूमने, फिरने गए हैं। शनिवार की रात दोनों पक्षों की पीस कमेटी की हुई बैठक कराई थी। बिटिया के परिजन भी पुलिस की कार्रवाई से संतुष्ट हैं।
ननिहाल में भी गम और गुस्सा
बिटिया की ननिहाल खैर क्षेत्र में भी गम व गुस्सा है। बिटिया गायब हुई थी, तब ननिहाल वाले भी बैचेन हो उठे थे और टप्पल पहुंचकर तलाश में जुट गए। लाडली का शव मिला तो वे गम में डूब गए। ननिहाल पक्ष भी दोषियों को फांसी की सजा दिलाने की मांग कर रहा है।
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