दस माह बाद सेंटर प्वाइंट की बदहाली पर प्रभारी मंत्री हुए सक्रिय, अफसरों से जानी हकीकत Aligarh News
सेंटर प्वाइंट के सौंदर्यीकरण व शीघ्र निर्माण कार्य कराने के लिए व्यापारी अफसरों के कार्यालय में अनेक चक्कर लगा चुके हैं लेकिन व्यापारियों की आवाज नक्कारखाने में तूती की तरह दब कर
अलीगढ़ (जेएनएन)। शहर की धड़कन कहे जाने वाले सेंटर प्वाइंट की बदहाली को लगभग दस माह हो चुके हैं। सौंदर्यीकरण व शीघ्र निर्माण कार्य कराने के लिए व्यापारी अफसरों के कार्यालय में अनेक चक्कर लगा चुके हैं, लेकिन व्यापारियों की आवाज नक्कारखाने में तूती की तरह दब कर रह गई है। खास बात यह है कि बदहाली से जनप्रतिनिधि भलीभांति परिचित हैं, लेकिन न तो अफसरों ने गंभीरता से लिया और न ही जनप्रतिनिधि आगे आए।
दस माह बाद प्रभारी मंत्री हुए सक्रिय
स्मार्ट सिटी परियोजना का पुलिंदा लेकर शहर की रंगत बदलने निकले अफसरों ने सड़कों की सूरत ही बिगाड़ दी। 29 दिसंबर 2018 को सेंटर प्वाइंट पर बुलडोजर से तोडफ़ोड़ की गई। इसके बाद एक बार जिस मार्ग पर खोदाई की, वहां फिर मुड़कर नहीं देखा। इससे अफसोसजनक और क्या होगा कि शहर की धड़कन कहे जाने वाला सेंटर प्वाइंट मार्केट की बदहाली पर किसी ने भी ध्यान नहीं दिया। अफसरों से नाराज व्यापारियों ने दीपावली पर कोई उत्सव नहीं करने का निर्णय ले लिया। व्यापारियों की इस पीड़ा को दैनिक जागरण ने प्रमुखता से छापा। शुक्रवार को अलीगढ़ के प्रभारी मंत्री सुरेश राना हरकत में आ गए। उन्होंने अफसरों से बात की और हकीकत जानी।
20 फीसद काम नहीं हुआ पूरा
स्मार्ट सिटी के तहत शहर में स्मार्ट रोड बनाने के लिए 15 करोड़, 87 लाख, 28 हजार रुपये का प्रोजेक्ट तैयार किया गया है। 15 माह में रोड बनकर तैयार करनी है। स्मार्ट रोड पर फुटपाथ, कवर नाले, डिवाइडर, पार्किंग, अंडरग्राउंड लाइट आदि सुविधाएं होंगी। सेंटर प्वाइंटर, मैरिस रोड, स्टेशन रोड पर काम शुरू हुए छह माह से अधिक समय बीत चुका है, लेकिन 20 फीसद भी काम नहीं हो सका है। निगम अफसर काम की इस धीमी गति के लिए विद्युत विभाग को दोषी ठहरा रहे हैं। इनका कहना है कि इन मार्गों से विद्युत पोल, ट्रांसफार्मर हटाने के लिए पांच माह पूर्व विभाग को पूरा भुगतान कर दिया गया, लेकिन अभी ये हटाए नहीं जा सके। इसके लिए चलते निर्माण कार्य नहीं हो पा रहा। इसका खामियाजा व्यापारियों को भुगतना पड़ रहा है। सड़कें खराब होने से ग्राहकों ने यहां से दूरियां बढ़ा ली हैं। 17 अक्टूबर को करवा चौथ पर्व है, लेकिन मार्केट में खरीददारी फीकी है। ग्राहक अन्य बाजारों की ओर रुख कर रहे हैं।
आमसभा में निर्णय
10 दिन पहले एक होटल में व्यापार मंडल ने आमसभा बुलाई थी। जिसमें 400 सदस्यों ने भाग लिया। बाजार की दुर्दशा देखते हुए सभी सजावट व लाइटिंग न करने का निर्णय लिया। व्यापारियों का कहना है कि कई बार प्रशासनिक अधिकारियों से वार्ता हो चुकी है, लेकिन सुनवाई नहीं की जा रही।
1997 में व्यापार मंडल का गठन
सेंटर प्वाइंट मार्केट को टीकाराम बाजार कहा जाता था। 1985 में टीकाराम बाजार कमेटी का गठन डब्बू दालसेब के मालिक सतेंद्र अग्रवाल ने किया था। इसके बाद 1997 यानी 20 साल पहले सेंटर प्वाइंट व्यापार मंडल का गठन हुआ। संजय लिबर्टी अध्यक्ष व राजीव जलाली संस्थापक बनाए गए। तभी से व्यापार मंडल मैरिस रोड, स्टेशन रोड, समद रोड व स्टेट बैंक मार्ग पर हर दीवाली पर भव्य सजावट करता आ रहा है। सजावट के लिए बिजली विभाग से अस्थाई कनेक्शन व साइलेंस जनरेटर की भी व्यवस्था होती है। मधुर संगीत के साथ यातायात व्यवस्था को दुरस्त करने के लिए निजी सुरक्षा गार्ड व सीसी कैमरों का अस्थाई जाल भी बिछाया जाता है।
डीएम ने एक न सुनी
सेंटर प्वाइंट मार्केट के अध्यक्ष विवेक बगाई का कहना है कि निर्माण कार्य कछुआ गति से चल रहा है। अफसरों से कई बार कहा गया। तीन बार डीएम से मिले। उन्होंने भी एक नहीं सुनी। इसलिए सजावट न करने का निर्णय लिया है। मार्केट के चेयरमैन सुशील मित्तल का कहना है कि अफसरों ने जब हमारी नहीं सुनी, तो कोल विधायक अनिल पराशर से निगम अफसरों से पत्र लिखवाया। उस पर भी ध्यान नहीं दिया गया।
योजना पूरी तरह से तैयार
सहायक नगर आयुक्त राजबहादुर सिंह का कहना है कि आकर्षक और सुविधाजनक सड़कों के निर्माण की पूरी योजना तैयार है। काम भी शुरू करा दिया गया है। लेकिन विद्युत पोल, ट्रांसफार्मर न हटने से गति अभी धीमी है। इन्हें हटाने के लिए विभाग को भुगतान किया जा चुका है।