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Preparation for assembly elections : सर्वे तय करेगा भविष्य, कई सीटों पर हो सकता है बदलाव Aligarh news

अलीगढ़ जागरण संवाददाता । भाजपा चुनाव में सबसे अधिक प्रयोग वाली पार्टी मानी जाती है। चुनाव के समय अचूक रणनीति भी चलने में माहिर है। ऐसे में यूपी में आगामी चुनाव को देखते हुए तैयारियां तेज हो गई हैं। चर्चा है कि इस बार अधिकतम टिकट बदले जाएंगे।

By Anil KushwahaEdited By: Published: Sun, 26 Sep 2021 04:22 PM (IST)Updated: Sun, 26 Sep 2021 04:23 PM (IST)
भाजपा चुनाव में सबसे अधिक प्रयोग वाली पार्टी मानी जाती है।

अलीगढ़, जागरण संवाददाता । भाजपा चुनाव में सबसे अधिक प्रयोग वाली पार्टी मानी जाती है। चुनाव के समय अचूक रणनीति भी चलने में माहिर है। ऐसे में यूपी में आगामी चुनाव को देखते हुए तैयारियां तेज हो गई हैं। चर्चा है कि इस बार अधिकतम टिकट बदले जाएंगे। इससे जनप्रतिनिधि अभी से सतर्क हो गए हैं और वह दमदारी से काम में जुट गए हैं, उन्हें लग रहा है कि कहीं सर्वे में उनका टिकट न कट जाए।

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टिकट के लिए भाजपा करा रही है सर्वे

सूत्र बताते हैं कि भाजपा टिकट के लिए सर्वे करा रही है। सर्वे के आधार पर भी इस बार 2022 के टिकट के बंटवारे की चर्चा है। जिले में विधानसभा की सात सीटें हैं। सातों सीटों पर भाजपा काबिज है। 2017 की प्रचंड लहर में विपक्ष पूरी तरह से ध्वस्त हो गया था। मगर, 2022 में भाजपा के सामने कड़ी चुनौती है। क्योंकि सत्ता में रहने के चलते पार्टी के प्रति कुछ लोगों की नाराजगी भी रहती है। साथ ही गढ़ को बचाने रखना भी बड़ी चुनाैती रहती है। इसलिए भाजपा नई चुनौतियों के साथ मैदान में उतरने की तैयारी में हैं। सर्वे के आधार पर जिन विधायकों का संपर्क, संवाद और प्रचार-प्रसार ठीक होगा उन्हें टिकट दिया जाएगा। ऐसे में इंटरनेट मीडिया पर भी विधायकों को व्यापक रुप से काम करने की जरूरत रहेगी। यह रिपोर्ट पहले क्षेत्रीय कार्यालय जाएगी। यहां से प्रदेश कार्यालय और फिर वहां पर प्रदेश के पदाधिकारी एक-एक नामों पर चर्चा करेंगे।

एक एक सीट का हो रहा आंकलन

सूत्र बताते हैं कि सर्वे का काम पार्टी ने शुरू कर दिया है। एक-एक सीट पर स्थिति का आंकलन किया जा रहा है। वर्तमान में कौन जनप्रतिनिधि है और कैसी स्थिति रही है। इस बार चुनाव में क्या स्थिति रहेगी इसपर कार्य चल रहा है। इस रिपोर्ट को ही पार्टी टिकट का आधार मान सकती है। हालांकि, भाजपा के पास सबसे बड़ा स्रोत उसकी जमीनी पकड़ है। संगठन मंत्री, समेत विविध क्षेत्र से भी जुड़ाव रहता है। इसलिए पार्टी विविध क्षेत्र के प्रमुख संगठनों के संगठन मंत्री, आरएसएस के प्रचारकों से भी रिपोर्ट ले सकती है। यह रिपोर्ट भी टिकट का आधार हो सकता है। वैसे यदि जिले में देखा जाए तो अतरौली सीट पर संदीप सिंह संजू भैया बरकरार रहेंगे। शहर पर जोरआजमाइश खूब चल रही है। कोल पर तो दावेदारों का तांता लगा हुआ है। सबसे अधिक दावेदार इसी सीट पर हैं। इसपर अभी तक 20 से अधिक दावेदारों ने दावा ठोक दिया है। वहीं, छर्रा पर भी कम दावेदार नहीं हैं। यहां भी दो दर्जन से अधिक दावेदार हैं। बरौली सीट पर कम दावेदार हैं। मगर, संघर्ष यहां भी कम नहीं है।


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