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अलीगढ़ में 30 साल से स्‍वच्‍छता की अलख जगा रहे सुनील भंडारी, जानिए कौन हैं सुनील

सेवा भारती सेवा कार्य में सदैव अग्रणी रहती है। शहर की बस्तियों में साफ-सफाई संस्कार की पाठशाला आदि कार्यक्रम आयोजित होते हैं।साथ ही महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए सिलाई-कढ़ाई ब्यूटीशियन आदि के भी कोर्स कराए जाते हैं।

By Sandeep SaxenaEdited By: Published: Sat, 12 Dec 2020 02:22 PM (IST)Updated: Sat, 12 Dec 2020 02:22 PM (IST)
अलीगढ़ में 30 साल से स्‍वच्‍छता की अलख जगा रहे सुनील भंडारी, जानिए कौन हैं सुनील
सेवा भारती सेवा कार्य में सदैव अग्रणी रहती है।

 अलीगढ़, जेएनएन। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की सेवा भारती सेवा कार्य में सदैव अग्रणी रहती है। शहर की बस्तियों में साफ-सफाई संस्कार की पाठशाला आदि कार्यक्रम आयोजित होते हैं।साथ ही महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए सिलाई-कढ़ाई ब्यूटीशियन आदि के भी कोर्स कराए जाते हैं। सेवा भारती के माध्यम से नगर सेवा प्रमुख सुनील भंडारी विगत 30 वर्षों से सेवा की अलख जगाए हुए हैं।सुनील भंडारी का कहना है कि उनके पिता नानक चंद शर्मा आरएसएस से जुड़े हुए थे। वह बचपन में सेवा के कामों में उन्हें ले जाया करते थे।धीरे धीरे उनके अंदर भी सेवा की भावना पैदा होती चली गई। आरएसएस  के सेवा भारती से जुड़ गए।

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यह है सुनील भंडारी का संघर्ष

सुनील भंडारी का कहना है कि शहर में बस्तियों में वह बच्चों को संस्कार की बातें बताने जाया करते थे। करीब 30 साल पहले की बात है। नौरंगाबाद, अचल ताल, नई बस्ती छर्रा अड्डा पुल के नीचे आदिवासियों में गंदगी का अंबार लगा रहता था। कई बार उन्होंने लोगों से साफ-सफाई के बारे में मगर लोग उस में रुचि नहीं दिखाते थे। एक दिन सुनील भंडारी कुछ बच्चों के साथ नौरंगाबाद में बस्ती में सफाई करनी शुरू कर दी थी।पास ही मंदिर था उसे भी मिलकर साफ कर दिया। फिर शाम को वहां पर भजन कीर्तन का कार्यक्रम आयोजित किया।इससे बस्ती के लोग भी जुट गए। सुनील भंडारी ने कहा अब यह मंदिर साफ सुथरा है तो हम लोग यहां पर बैठकर आसानी से भजन कीर्तन कर रहे हैं यदि ऐसे ही अपने मोहल्ले को साफ-सुथरा रखेंगे तो अच्छा लगेगा। इसी के बाद से स्वच्छता की यह अलग जग गई और शहर की बस्तियों में साफ सफाई कर लोगों को जागरूक करने लगे। 

ऐसे होता है सफाई कार्य

सुनील भंडारी विगत 30 सालों से प्रत्येक बुधवार को बस्तियों में सफाई के लिए निकलते हैं। वह बताते हैं कि अब ऐसा प्रभाव हो गया है कि उनको देखते ही घर से तमाम लोग निकल पड़ते हैं। करीब 20 से 30 लोगों की टीम बन जाती है, फिर  किसी भी गली और मोहल्ले में सफाई अभियान शुरू हो जाता है। एक साथ मिलकर सब काम करते हैं तो अच्छा लगता है।साथ ही उनके साथ बैठकर चाय पानी भी होती है, जिससे लोगों में समरसता का भाव पैदा हो सके। शाम को भजन कीर्तन होने से लोगों के अंदर धर्म और संस्कृति से जुड़ाव भी पैदा हो रहा है। सुनील भंडारी कहते हैं कि शहर में 15 नगर हैं। इन नगरों में सेवा भारती का कार्य चलता है और स्वच्छता की अलख जगाई जाती है।


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