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Scholarship scam:हाथरस के दो प्राचार्यों और पटल सहायकों पर मुकदमा

हाथरस जिले के दो कॉलेजों में दस वर्ष पूर्व हुए छात्रवृत्ति घोटाले में आॢथक अपराध अनुसंधान शाखा (ईओडब्ल्यू) ने धोखाधड़ी जालसाजी गबन का मुकदमा किया है।

By Sandeep SaxenaEdited By: Published: Wed, 16 Sep 2020 08:01 PM (IST)Updated: Thu, 17 Sep 2020 06:20 AM (IST)
Scholarship scam:हाथरस के दो प्राचार्यों और पटल सहायकों पर मुकदमा

हाथरस जेएनएन: हाथरस जिले के दो कॉलेजों में दस वर्ष पूर्व हुए छात्रवृत्ति घोटाले में आॢथक अपराध अनुसंधान शाखा (ईओडब्ल्यू) ने धोखाधड़ी, जालसाजी, गबन का मुकदमा किया है। इन कॉलेजों में करीब 26 लाख रुपये के गबन का आकलन किया गया है। दोनों मामलों में कॉलेज के प्राचार्य और पटल सहायकों को नामजद किया गया है। विभागीय संलिप्तता का पता लगाया जा रहा है।

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यह है मामला

आॢथक अपराध अनुसंधान शाखा के इंस्पेक्टर अशोक कुमार के मुताबिक शैक्षिक सत्र 2009-10 और 2010-11 के दौरान शासन की ओर से कॉलेजों को छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूॢत का भुगतान किया गया था। इसके बाद शासन से अनियमितता की शिकायतें की गई। वर्ष 2013 में शासन ने जांच शुरू कराई। पता चला कि हाथरस के नगला आल के लौंगश्री देवी स्नातकोत्तर महाविद्यालय में 22.20 लाख रुपये भुगतान हुआ, लेकिन प्राचार्य डा. सुरेश राजपूत व पटल सहायक वीरेंद्र प्रकाश मदनावत ने छात्रोंं के खातों में जमा करने की बजाए धनराशि हड़प ली।

टीकाराम कॉलेज में भी गड़बड़ी 

सादाबाद के टीकाराम कॉलेज में भी 3.71 लाख रुपये की गड़बड़ी सामने आई। आरोप है कि प्राचार्य भगवान सिंह कुशवाहा और गांव टीकमनगर निवासी मोहन सिंह बघेल ने गबन किया। कई खाते भी फर्जी साबित हुए हैं। एसपी बाबूराम ने बताया कि पहले भी हाथरस के 60 स्कूल-कॉलेजों के खिलाफ मुकदमे लिखाए गए थे। तत्कालीन पिछड़ा वर्ग व अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी वीरेंद्र कुमार को जेल भेजा गया था। दोनों कॉलेजों के प्राचार्यों व पटल सहायकों के खिलाफ रिपोर्ट लिखी गई है। विवेचना के बाद कार्रवाई होगी।


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