शादी-विदाई के बीच पीसीएस-जे में पाई सफलता aligarh news
पीसीएस जे में अलीगढ़ के कई बच्चों को सफलता मिली है। परिणाम आने के बाद इन बच्चों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा।
अलीगढ़ (जेएनएन)। यूपी पीसीएस (जे) की परीक्षा हो तो हर आवेदक जी-जान से पढ़ाई में जुटता है। परीक्षा से चार दिन पहले ही शादी हो वो भी लड़की की तो ऐसी स्थिति में अच्छे-अच्छों की तैयारी धरी रह जाती है। इन्हीं हालात का सामना करके पीसीएस (जे) की परीक्षा देकर 186वीं रैंक से सफलता पाने का कारनामा अलीगढ़ की बेटी मीनाक्षी बंसल ने किया है। अब वे सिविल जज बनेंगी।
पुरानी तैयारी ही आई काम
होली चौक मसूदाबाद निवासी मीनाक्षी ने बताया कि 2013 में एएमयू से एलएलबी व 2015 में एलएलएम किया। 2016 से 17 तक दिल्ली में ज्यूडिशियल सर्विसेज की तैयारी के लिए कोचिंग की। अक्टूबर 2018 में फार्म भरा और 16 दिसंबर को परीक्षा थी। इसके बीच 12 दिसंबर को शादी की डेट फिक्स हो गई। 13 दिसंबर को विदा होकर ससुराल आगरा गईं। ससुराल में मुंह दिखाई की रस्म के बाद परीक्षा भी दी। मीनाक्षी ने बताया कि तब रिवीजन का भी समय नहीं मिला मगर पुरानी तैयारी से ही पेपर बढिय़ा हुआ और सफलता मिली। सास राजकुमारी अग्रवाल व ससुर दिनेश कुमार गुप्ता ने पहले ही कह दिया था कि परीक्षा की तैयारी करो व परीक्षा दो। पति विभांशु अग्रवाल नोएडा में सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं। उनकी मां ममता बंसल गृहणी व पिता प्रमोद कुमार बंसल बिजनेसमैन हैं।
श्वेतिका को 202वीं रैंक
एएमयू से लॉ ग्र्रेज्युएट श्वेतिका उपाध्याय ने पीसीएस (जे) में 202वीं रैंक हासिल की है। मूलरूप से इगलास के गांव खिरसौली की श्वेतिका का परिवार कानपुर में रहता है। उन्होंने खुद अलीगढ़ में रहकर लॉ की पढ़ाई की। उनके चाचा मुकेश उपाध्याय ने बताया कि एक महीने पहले ही उसका चयन एपीओ के पद पर हुआ, मगर उसने तैयारी जारी रखी। बेटी के न्यायिक क्षेत्र में चयनित होने पर पूरे परिवार व गांव में खुशी की लहर है।
श्रेया ने पाई 295वीं रैंक
एएमयू से बीए एलएलबी पास करने के बाद श्रेया सोलंकी ने पीसीएस जे में 295वीं रैंक हासिल की है। स्वर्ण जयंती नगर निवासी श्रेया ने बताया कि 2018 में तैयारी शुरू की। छह महीने पढ़ाई की थी, तभी दिसंबर में परीक्षा हो गई। 2002 में पशुपालन विभाग में तैनात पिता डॉ. विनोद कुमार सोलंकी के देहांत के बाद मां सुधा सोलंकी पशुपालन विभाग में क्लर्क बनीं। मां ने ही न्यायिक सेवा में जाने के लिए प्रेरित किया व सहयोग किया। छोटा भाई सार्थक सोलंकी एएमयू से बीए एलएलबी कर रहा है।