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सेमिनार में बोले वक्‍ता, वातावरण में पहले से ही मौजूद था कोरोना वायरस Aligarh news

कोरोना वायरस पहले से ही हमारे वातावरण में मौजूद था। लेकिन पीढ़ी दर पीढ़ी उसमें अनुवांशिक बदलाव होने से वह संक्रमण करने में ज्यादा असर कारक हुआ है। इसीलिए यह भी अंदाजा लगाया जा रहा है कि यह वायरस प्रयोगशाला से भी मॉडिफाई किया हुआ हो सकता है।

By Anil KushwahaEdited By: Published: Tue, 22 Jun 2021 08:08 PM (IST)Updated: Tue, 22 Jun 2021 08:08 PM (IST)
कुलपति प्रो. केवीएसएम कृष्णा ने कहा कि योग योग प्राचीन ऋषियों की देन है।

अलीगढ़, जेएनएन । कोरोना वायरस पहले से ही हमारे वातावरण में मौजूद था। लेकिन पीढ़ी दर पीढ़ी उसमें अनुवांशिक बदलाव होने से वह संक्रमण करने में ज्यादा असर कारक हुआ है। इसीलिए यह भी अंदाजा लगाया जा रहा है कि यह वायरस प्रयोगशाला से भी मॉडिफाई किया हुआ हो सकता है। इस दौरान वैक्सीन को लेकर भी चर्चा की गई। यह बातें प्रवक्ता डॉ. सुकृत श्रीवास्तव ने विवि द्वारा आयोजित की जा रही सेमिनार श्रृंखला के दौरान कहीं। विवि के बायोटेक विभग द्वारा "सार्स कोव -2 संक्रमण के लिए चिकित्सीय दृष्टिकोण" विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया। इस दौरान प्रो गुरूदास उल्लास, प्रो आरके शर्मा, डॉ अशोक उपाध्याय, डॉ दीपशिखा सक्सेना, डॉ स्वाति अग्रवाल, डॉ देवेंद्र कुमार, डॉ संतोष कुमार गौतम मौजूद थे।

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मंगलायतन विवि में मनाया गया अंतरराष्ट्रीय योग दिवस

मंगलायतन विश्वविद्यालय में भी अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर शारीरिक शिक्षा विभाग और एनएसएस के संयुक्त तत्वावधान में योग कराया गया। कुलपति प्रो. केवीएसएम कृष्णा ने कहा कि योग योग प्राचीन ऋषियों की देन है और ये हमारे लिए गर्व की बात है। वास्तव में योग, हठयोग, प्राणायाम भगवान शिव की देन है। परंतु इस योग व्यवस्था की अनदेखी की जाती रही है। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में इसे पहचान मिलने से योग व्यवस्था को बल मिला है। कुलपति ने अंतर्राष्ट्रीय ई-सम्मेलन में भाग लिया। योग शिविर में शारीरिक शिक्षा विभाग के अध्यक्ष डॉ. शिव कुमार व उन्नी कृष्ण नायर ने शिक्षक, कर्मचारियों आदि को योग कराया। संचालन याशिका गुप्ता ने किया।एनएसएस समन्वयक डॉ सिद्धार्थ जैन ने आभार व्यक्त किया।


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