अलीगढ़, जेएनएन।
गौंडा
थाने में विधायक राजकुमार सहयोगी व तत्कालीन
एसओ
अनुज कुमार सैनी के बीच मारपीट के मामले में गेंद शासन के पाले में है। जिला स्तर पर भी जांच जारी है। निलंबित
एसओ
की बहाली और
कासगंज
तबादले को लेकर तमाम चर्चाएं शुरू हो गई हैं। बताते हैं कि
एसओ
खुद ही अलीगढ़ में काम नहीं करना चाहते थे। उन्हीं के निवेदन पर
कासगंज
तबादला हुआ है।
तबादले पर जताई संतुष्टि
भाजपा कार्यकर्ता पर दर्ज क्रॉस मुकदमे के मामले में विधायक 12 अगस्त को थाने पहुंचे थे। मारपीट का मामला इतना बढ़ा कि शासन ने एसपी देहात का तबादला कर दिया और
एसओ
को निलंबित कर दिया गया। एक माह होते ही निलंबित
एसओ
ने एसएसपी से काम पर लौटने का निवेदन किया। इस पर उनकी बहाली कर दी गई।
एसओ
अनुज कुमार सैनी ने कहा कि 12 अगस्त के प्रकरण ने उनके पूरे कार्यकाल को प्रभावित कर दिया है। वे कभी उस घटना को भूल नहीं पाएंगे। बहाली के बाद वे खुद अलीगढ़ में काम नहीं करना चाहते थे। खुद उच्चाधिकारियों से तबादला करने के लिए निवेदन किया था। संतुष्टि है कि उनका तबादला हो गया है। अब सुकून से नौकरी कर सकेंगे।
तबादला सामान्य प्रक्रिया
आइजी
अलीगढ़ पीयूष
मोर्डिया
रेंज का कहना है कि कानून व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए तबादला सामान्य प्रक्रिया है। इसी क्रम में अनुज कुमार सैनी का तबादला
कासगंज
किया गया है।
गौंडा
थाने के प्रकरण की जांच चल रही है।