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Smartphone ऑन, रिश्तों की 'घंटी' ऑफ, पति-पत्नी के बीच 'वो' बन कर खलनायक की भूमिका में फोन

मोबाइल फोन के जरिये वाट्सएप और फेसबुक पर व्यस्त रहने के चलते पति-पत्नी में होने वाले विवाद हर रोज पुलिस तक पहुंच रहे हैं। यानि स्मार्टफोन रिश्तों में दरार डालने का काम कर रहा है।

By Mukesh ChaturvediEdited By: Published: Fri, 10 May 2019 01:27 AM (IST)Updated: Fri, 10 May 2019 05:40 PM (IST)
Smartphone ऑन, रिश्तों की 'घंटी' ऑफ, पति-पत्नी के बीच 'वो' बन कर खलनायक की भूमिका में फोन
Smartphone ऑन, रिश्तों की 'घंटी' ऑफ, पति-पत्नी के बीच 'वो' बन कर खलनायक की भूमिका में फोन

रिंकू शर्मा, अलीगढ़। पारिवारिक विवाद के ये मामले तो उदाहरण भर हैं। मोबाइल फोन के जरिये वाट्सएप और फेसबुक पर व्यस्त रहने के चलते पति-पत्नी में होने वाले विवाद हर रोज पुलिस तक पहुंच रहे हैं। आपसी मनमुटाव के आंकड़े बेहद ही चौकाने वाले हैं। जिले की यह तस्वीर बेहद चिंताजनक है। स्मार्ट फोन ने लाइफ जितनी आसान कर दी है, वहीं यह रिश्तों में भी दरार ला रहा है। विगत चार माह में ही दंपतियों के चैट से जुड़े 1091 मामले थाने पहुंचे हैं। करीब 112 मामलों में मुकदमा दर्ज हो चुका है।

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केस नंबर-  एक
क्वार्सी के दंपती में इतना विवाद हुआ कि वे एसएसपी कार्यालय तक पहुंच गए। यहां के परिवार परामर्श केंद्र पर शिकायत की। पति का कहना था कि पत्नी वाट्सएप पर चैट करती रहती है। मोबाइल फोन तोड़ दिया तो दूसरा ले आई। एक दिन वाइब्रेट होने पर वह तकिए के नीचे छिपा मिला। केंद्र प्रभारी शीला चौधरी के समझाने पर दोनों में सुलह हो सकी।

केस नंबर -दो
दिल्ली की एक प्रख्यात कंपनी में काम करने वाले बन्नादेवी थाना क्षेत्र के युवक ने उसी कंपनी में सहकर्मी से शादी की। पत्नी वाट्सएप, फेसबुक पर घंटों ऑन लाइन रहती। कई बार समझाया, लेकिन नहीं मानी। फिर महिला थाने में शिकायत दर्ज कराई। दंपती की काउंसलिंग हुई, बात नहीं बनी तो दोनों ने अलग राह चुन लीं।

महिला थाने में आई शिकायतें

वर्ष                मामले           समझौता        रिपोर्ट

2016            950              370              25

2017            974              263              31

2018           1505             296              75

2019             523             446               87

महिला परामर्श केंद्र में आई शिकायतें

वर्ष           मामले         समझौता          रिपोर्ट

2016        900          164                13

2017        783          175                 27

2018        1251        358                 32

2019        558          511                 25

यह दी सलाह
महिला थाने की प्रभारी निरीक्षक सुनीता मिश्रा ने बताया कि अधिकांश जोड़ों की शिकायतें सोशल मीडिया व मोबाइल इंटरनेट से जुड़ी हुई हैं। टूटते परिवारों को समझदारी से रहने की सलाह दी जाती है। बार एसोसिएशन के पूर्व सचिव योगेश सारस्वत ने बताया कि पति-पत्नी का रिश्ता बेहद संवेदनशील होता है, ऐसे में एक-दूसरे का मान-सम्मान रखना भी उन्हीं की जिम्मेदारी है। 

नशा है इंटरनेट, आसानी से नहीं छूटता
जेएन मेडिकल कॉलेज के मनोचिकित्सक डॉ. श्रवण कुमार ने बताया कि मोबाइल, इंटरनेट एक नशे की तरह है। एक बार लत लग जाए तो फिर आसानी से नहीं छूटती। ऐसे में रिश्तों को तवच्जो नहीं दे पाते। दिनभर की थकान के बाद सुकून फोन पर गेम व सोशल साइट्स पर ही खोजते हैं। बहुत हद तक उसकी यह तलाश पूरी भी होती है लेकिन रिश्तों में तनाव आ जाता है। 

जागरण सलाह
- मोबाइल व इंटरनेट का उपयोग जरूरी होने पर ही करें।
- पत्नी, बच्चों व परिवार को भरपूर समय देने का प्रयास करें।
- सप्ताह में एक दिन अपने मोबाइल फोन पर नेट को बंद कर लें।

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