Move to Jagran APP

लापरवाही पर रह गईं जिले की छह सड़कें, नहीं लग पाई मुहर, ये हैं वजह

अलीगढ़ जागरण संवाददाता। 26 नवंबर को अलीगढ़ में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य आए थे। उन्होंने रामघाट-कल्याण मार्ग के फोरलेन के प्रस्ताव पर मोहर लगा दी। मगर सातों विधानसभा क्षेत्रों से एक-एक सड़कों के दिए गए प्रस्ताव पर मोहर नहीं लगाई।

By Anil KushwahaEdited By: Published: Mon, 29 Nov 2021 07:33 AM (IST)Updated: Mon, 29 Nov 2021 07:46 AM (IST)
लापरवाही पर रह गईं जिले की छह सड़कें, नहीं लग पाई मुहर, ये हैं वजह
शहर की सातों सड़कों के निर्माण पर मोहर नहीं लगाई गई।

अलीगढ़, जागरण संवाददाता।  26 नवंबर को अलीगढ़ में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य आए थे। उन्होंने रामघाट-कल्याण मार्ग के फोरलेन के प्रस्ताव पर मोहर लगा दी। मगर, सातों विधानसभा क्षेत्रों से एक-एक सड़कों के दिए गए प्रस्ताव पर मोहर नहीं लगाई। चर्चा है कि उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य कम भीड़ को देखकर कुछ नाराज दिखे थे। इसलिए प्रस्ताव को अभी रोक दिया गया है।

loksabha election banner

26 नवंबर को डिप्‍टी सीएम ने किया योजनाओं का लोकार्पण

26 नवंबर को उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने अलीगढ़ में 269 करोड़ की योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया था। इसमें सड़क, पुल, पुलिया आदि थे। सर्किट हाउस में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया था। दूसरा कार्यक्रम आगरा रोड स्थित एक गेस्ट हाउस में आयोजित किया गया था। उसमें अलीगढ़, हाथरस, कासगंज और एटा के चुनाव संचालन समिति के प्रतिनिधि बुलाए गए थे। वहां काफी संख्या में भीड़ थी। भाजपा के ऐसे तमाम नेता भी पहुंच गए थे जिन्हें बुलाया नहीं गया था। मगर, सर्किट हाउस में लोकार्पण कार्यक्रम में भीड़ नहीं जुटी। यहां पर दो प्रमुख प्रस्ताव दिए उप मुख्यमंत्री को दिए गए थे। इसमें एक रामघाट-कल्याण मार्ग था, जिसे फोरलेन किया जाना था। उप मुख्यमंत्री ने तुरंत इसपर मोहर लगा दी। यह 400 करोड़ रुपये की योजना थी। दूसरा प्रस्ताव सभी सातों विधानसभा क्षेत्रों से एक-एक सड़क के निर्माण का प्रस्ताव दिया गया था। जिले में सात सड़कें बननी थीं। पीडब्ल्यूडी की ओर से यह प्रस्ताव उप मुख्यमंत्री के सामने रखा गया था। मगर, इसपर मोहर नहीं लगी।

सातों विधानसभा क्षेत्र के विधायकों से मांगा गया था प्रस्‍ताव

चर्चा है कि भीड़ कम देख उप मुख्यमंत्री ने नाराजगी जताई थी। इसलिए इन सातों सड़कों के निर्माण पर मोहर नहीं लगाई गई। जबकि जिले के सातों विधानसभा क्षेत्रों के विधायकों से एक-एक सड़कों का प्रस्ताव मांगा गया था। इन जनप्रतिनिधियों ने पीडब्ल्यूडी को अपने क्षेत्र की सड़कें बता दी थीं। इसलिए अधिकारियों ने उप मुख्यमंत्री के सामने प्रस्ताव रखा था, मगर उसपर अनुमति नहीं मिल सकी। अब चुनाव निकट है। जनवरी में आचार संहिता लगने की उम्मीद है। ऐसे में अब बमुश्किल होगा कि इन सातों सड़कों के निर्माण पर मोहर लग सके। हालांकि, सर्किट हाउस में भीड़ कम होने पर नाराजगी का अंदाजा भाजपाईयों को भी लग गया था। इसलिए भाजपा के वरिष्ठ पदाधिकारियों के चेहरे पर हवाईयां उड़ी हुई थीं। कार्यक्रम में वो आसपास के लोगों को बुला रहे थे, मगर वो नहीं शामिल हुए। इसलिए कार्यक्रम में कुर्सियां खाली रहीं। वहीं, अब जिले और महानगर के पदाधिकारी इस कमी को एक-दूसरे पर डालने की कोशिश कर रहे हैं। चर्चा है कि कार्यक्रम में कम भीड़ को लेकर शिकायत प्रदेश कार्यालय तक पहुंची है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.