Bhai Dooj 2020 : यमुना में स्नान कर बहनों ने भाई की लंबी उम्र की दुआ की, यम के दूत निकट नहि आवै...
भाई दूज यानी कि यम द्वितीया का पर्व मनाया गया। इस दिन बहनों ने अपने भाईयों को तिलक किया। साथ ही मथुरा यमुना घाट पर अपने भाई का हाथ पकड़ कर स्नान करते हुए भाई की लंबी उम्र की दुआ की। इसे लेकर लोगों में उत्साह है।
हाथरस, जेएनएन। भाई दूज यानी कि यम द्वितीया का पर्व मनाया गया। इस दिन बहनों ने अपने भाईयों को तिलक किया। साथ ही मथुरा यमुना घाट पर अपने भाई का हाथ पकड़ कर स्नान करते हुए भाई की लंबी उम्र की दुआ की। इसे लेकर लोगों में उत्साह है। अहम बात यह है कि सोमवार की सुबह से ही मथुरा की ओर लोगों का उमड़ना शुरू हो गया। ताकि तड़के ही इस परंपरा का निर्वाहन किया जा सके।
बहनों ने की लंबी उम्र की दुआ
कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की दूज के
दिन भाई दूज का पर्व मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाई के माथे पर तिलक लगाते हुए गोला व मिठाई भेंट करती हैंं। इस दिन यमुना में भाई बहन के स्नान के लिए अलग ही महत्व है। यही कारण रहा कि साेमवार की सुबह से ही लोगों यमुना मथुरा के लिए उमड़ना शुरू हो गये। ताकि बहन अपने भाई के साथ भाई दूज पर स्नान कर सके। ऐसे में रोडवेज बसों में भीड़ रही। मथुरा की और दौड़ने वाले वाहन भी पूरी तरह से खचाखच भरे हुए नजर आए। विद्वान पंडित प.सियाराम मिश्र व प. ओम प्रकाश शर्मा की माने इस दिन यमराज अपनी बहन यमुना के यहां पर आए थे। पदमपुराण के सोलह वे अध्याय में इस पर्व को लेकर कथा प्रचलित है। इसी में ही यमराज व यमुना को भाई बहन बताते हुए विश्राम घाट को यमुना का घर बताया गया है।
भाई के साथ लगाई डुबकी
शास्त्रों के अनुसार यमुना अपने भाई यमराज से अपने घर आने के लिए कहती है लेकिन वह घर नहीं आते है। यमुना ने जब ज्यादा जिद की तो यमराज कार्तिक मास शुल्क पक्ष की द्वितीया के दिन अपनी बहन के घर आए यमुना ने खूब सत्कार किया। तभी से यह परंपरा चली आ रही है। यही कारण है कि बहन अपने भाई संग युमना में स्नान करती हैंं ताकि यम के दूत निकट न आवै वाली कहावत चरित्रार्थ हो सके ।