corona चेचक के खात्मे में सर सैयद ने निभाई थी अहम भूमिका
जब भी किसी बीमारी ने दस्तक दी उससे निजात दिलाने में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) का अहम रोल रहा। कोरोना से जंग के लिए जेएन मेडिकल कॉलेज भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
संतोष शर्मा, अलीगढ़ः जब भी किसी बीमारी ने दस्तक दी उससे निजात दिलाने में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) का अहम रोल रहा। कोरोना से जंग के लिए जेएन मेडिकल कॉलेज भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। संस्था संस्थापक सर सैयद अहमद खान ने अंग्रेजी हुकूमत में चेचक बीमारी को खत्म कराने में निर्णायक भूमिका निभाई थी।
तब थे सदस्य
एएमयू के डॉ. राहत अबरार के अनुसार सर सैयद तब वायसराय काउंसिल के सदस्य थे। उन्होंने 3 सितंबर को 1879 को चेचक के टीके को अनिवार्य करने के लिए काउंसिल में बिल पेश किया था, जो पास भी हुआ। सर सैयद को इसके लिए विरोध का भी सामना करना पड़ा। क्योंकि बहुत से लोग इस बीमारी को धर्म से जोड़कर मानते थे। लेकिन समिति ने इस पर ध्यान नहीं दिया। यही नहीं सर सैयद ने 25 सितंबर 1867 में बनारस में होम्योपैथिक अस्पताल स्थापित किया।
पर्यावरण देखकर की थी भविष्य के एएमयू की स्थापना
अलीगढ़ में भविष्य के विवि की स्थापना के सपने के पीछे सर सैयद का वैज्ञानिक चिंतन था। उन्होंने घोषणा की थी कि पर्यावरण दृष्टि से जो शहर सबसे अच्छा होगा, उसी में यह संस्था स्थापित किया जाएगा। अलीगढ़ के सिविल सर्जन डॉ. जेम्स आर जेक्शन ने 18 अक्टूबर 1872 को भेजे अपनी रिपोर्ट में कहा था कि अलीगढ़ स्वस्थ्य और पर्यावरण के हिसाब से नॉर्थ इंडिया का सबसे अच्छा शहर है। अलीगढ़ के आसपास कोई दरिया नहीं हैं। पानी में नमक की मात्रा कम है और 20 फुट की गहराई में ही मिल जाता है। दूसरे शहरों की तुलना में मलेरिया व डेंगू के मच्छर भी कम पाए जाते हैं।
पोलियो मिटाने में रही भूमिका
एएमयू बिरादरी का पोलियो को खात्मे में भी अहमद भूमिका रही है। पूर्व कुलपति प्रो. नसीम अहमद ने इसके लिए एक टीम बनाई थी। मस्जिदों में जाकर लोगों को दवा पिलाने के लिए जागरूक करते थे। कुलपति का नाम भी नसीम पोलियो पड़ गया था।
कोरोना से जंग
जेएन मेडिकल कॉलेज भी कोरोना से जंग लड़ रहा है। यहां अलीगढ़ के अलावा आसपास के जिलों के कोरोना से जुड़े सैंपल की जांच की जा रही है। किसी भी स्थिति से निपटने के लिए यहां वेंटीलेटर युक्त आइसोलेशन वार्ड भी तैयार किए गए हैं। अभी तक मेडिकल कॉलेज में अलीगढ़ समेत विभिन्न जिलों के 1175 सैंपल की जांच हो चुकी है। इनमें 59 पॉजिटिव आए पाए गए हैं। इनमें अलीगढ़ का एक भी केस नहीं हैं।